रामलीला मैदान में जगह-जगह लगे 24 फुट ऊंचे नरेंद्र मोदी के कट आउट्स, मोदी..मोदी के नारे लगाता करीब 40 हज़ार लोगों का हूजूम और मंच पर मौजूद तीन मुख्यमंत्री और चार कैबिनेट मंत्रियों से मिले जननायक के तमगे से लैस नरेंद्र मोदी।
सतीश उपाध्याय से लेकर सांसद और ना जाने कितने बीजेपी के नेताओं की नजरें नरेंद्र मोदी की ओर लगी मानो उनका एक इशारा ही इन नेताओं की राजनीतिक कश्ती का किनारा साबित हो जाए। रामलीला मैदान में मोदी के कट आउट के सामने बीजेपी के दूसरे नेताओं के पोस्टरों की गैरहाजिरी संकेत दे रही है कि दिल्ली के चुनाव की कप्तानी नरेंद्र मोदी ही करेंगे।
दिल्ली बीजेपी के नेता इस तरह की 12 रैली करवाने का इरादा रखते हैं। हमारे जैसे रिपोर्टर जो दिल्ली के चुनाव में बीते दस साल से शीला दीक्षित का दबदबा देखते आए हैं, उनके लिए दिल्ली विधानसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी की सीधी दखल अजीब लगती है। शायद उनका प्रोजेक्शन दिल्ली बीजेपी में मदनलाल खुराना सरीखे नेताओं की कमी का नतीजा भी है।
दिल्ली में चुनाव का खेल शुरू हो चुका है, एक तरफ नरेंद्र मोदी की विराट दिख रही राजनीतिक कार्यकर्ताओं की फौज है। दूसरी तरफ लोकसभा चुनाव में करारी शिकस्त खा कर उठ खड़े हुए आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल है।
केजरीवाल के साथ इस बार झुग्गी-झोपड़ियों के साथ मुसलमान वोटर भी जुड़ गए। इसी के चलते उनका आत्म विश्वास काफी बढ़ा हुआ है। वहीं मोदी मिडिल क्लास की पसंद अभी भी बने हुए हैं।
रामलीला मैदान में रैली शुरू होने से पहले दिल्ली के बीजेपी नेताओं को किसी बड़ी घोषणा की उम्मीद थी, लेकिन करीब एक घंटे चले मोदी के भाषण के तरकश में मुझे खोजने पर भी कोई ब्रह्मास्त्र नहीं मिला, जिससे वह केजरीवाल को पस्त कर सके।
उधर केजरीवाल की राजनीतिक हैसियत पूरी तरह दिल्ली विधानसभा चुनाव पर टिकी है। इसके चलते वह पानी से लेकर बिजली तक फ्री करने का वादा कर रहे हैं। 49 दिन के करप्शन फ्री माहौल को उपलब्धी बताकर वह फिलहाल विधानसभा चुनाव में मजबूती से खड़े दिख रहे हैं।
हालांकि बीजेपी की ओर से दिल्ली वालों को दिए जा रहे इस राजनीतिक पैकेज में तीन मुख्यमंत्रियों की सादगी के कसीदे पढ़े गए जिसके जरिये, बीजेपी ने आम आदमी की राजनीति का तोड़ निकालने की कोशिश की है। लेकिन बीजेपी ने दिल्ली में भी नरेंद्र मोदी के चेहरे पर दांव लगाया है। दांव बड़ा लगा है लिहाजा मोदी के रणनीतिकार रात दिन मेहनत तो कर रहे हैं, लेकिन वह आत्मविश्वास नजर नहीं आ रहा है। बहरहाल चुनाव एक महीना बाद होना है और देखना है कि इस तरह की रैली से नरेंद्र मोदी अपने राजनीतिक हैसियत को किस तरह अजेय बनाते हैं।
This Article is From Jan 10, 2015
रवीश रंजन की आखों देखी : दिल्ली के चुनावी दंगल में पीएम मोदी
Ravish Ranjan Shukla, Saad Bin Omer
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Updated:जनवरी 10, 2015 19:54 pm IST
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Published On जनवरी 10, 2015 19:50 pm IST
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Last Updated On जनवरी 10, 2015 19:54 pm IST
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