दिल्ली का सबसे अच्छा शहरी

दिल्ली का सबसे अच्छा शहरी

वह अपना पूरा नाम कभी नहीं बताते, उन्हें अपने नाम में कोई दिलचस्पी भी नहीं है। तीन महीने से उनके संपर्क में हूं, लेकिन उन्हें लगता है कि जब दुनिया उनके बारे में जान ही जाएगी तो फिर काम का मज़ा चला जाएगा। लेकिन कुछ समय पहले NDTV के दफ्तर के बाहर फुटपाथ पर साइकिल में हवा भरने के दो पंप खास तरीके से खड़े देखे तो एक बार में ही लगा कि अलघ साहब का काम होगा। आसपास के लोगों से पूछा कि यह स्टैंड कौन लगा गया है तो सब अनजान बने रहे। कोई नहीं बता सका कि आखिर दिल्ली शहर में ऐसा कौन है, जो फुटपाथ पर हवा भरने का पम्प लगा गया है। कोई पम्प उठा न ले जाए, इसलिए साइकिल की तरह चेन से लॉक भी कर दिया गया है, और पम्प दिखता रहे, इसलिए उसे खड़ा करने के लिए नीचे एक स्टैंड भी बनाया गया है।

बिहार चुनाव से लौटा तो इसी फुटपाथ पर तीन घड़े भी रखे मिले, जिन्हें बाकायदा स्टैंड बनाकर रखा गया है और एक छोटी-सी छत भी बनी है। पानी पीने के इस इंतज़ाम को देखकर समझ गया था कि यह वही 'पानी वाले बाबा' हैं, जिनके बारे में मैंने इसी साल 8 जुलाई को NDTVKhabar.com पर एक लेख लिखा था। पानी और हवा भरने का स्टैंड अलघ साहब के ही दिमाग की उपज हैं। आज फिर फोन लगा दिया तो नई कहानी से सामना हो गया। पम्प लगाने का यह काम अलघ साहब का ही है। बताने लगे कि अपनी बेटी से मिलने कोपेनहेगन गए थे, जो 'साइकिलों का शहर' कहलाता है। वहां उन्होंने कम्प्रेशर वाले एयरपम्प देखे, लेकिन भारत में इसके लिए बिजली चाहिए और रखरखाव के लिए आदमी भी, सो, अलघ साहब ने कहा कि देसी आइडिया निकाला और खास तरीके का पम्प बना डाला। यह सारा काम वह अपने पैसे से करते हैं।
 


यह स्टैंड देखने में भी खूबसूरत है और खराब न हो, इसलिए अलघ साहब रोज इसे चेक करते हैं। दिल्ली में करीब 50 जगहों पर उन्होंने अपने पैसे से 100-125 पम्प लगा दिए हैं। वह हर जगह जोड़े में पम्प लगाते हैं, ताकि अगर एक खराब हो जाए तो दूसरा काम आ सके। पेशे से इंजीनियर अलघ साहब ने आम जीवन को सरल बनाने के लिए अपनी पढ़ाई का इस्तेमाल किया है। उन्होंने दिल्ली में कई जगहों पर वॉटर कूलर भी लगाए हैं। चोरी और छेड़छाड़ से तंग आकर कूलर का डिज़ाइन भी बदला, और वॉटर कूलर की बगल में ख़लील जिब्रान की कविता भी लगा देते हैं। घड़ों और कूलर में पानी भरने के लिए वह रोज़ सुबह 4 बजे अपनी वैन लेकर निकलते हैं, जिसे उन्होंने खासतौर से डिज़ाइन किया है। इसके जरिये वह तमाम घड़ों में साफ पानी भरते हैं और एयर पम्प चेक कर आ जाते हैं। उन्होंने एक नई वैन बनाई है, जिसे वह खासतौर से दिखाना चाहते हैं। मैंने कहा कि व्हॉट्सऐप से तस्वीर भेज दीजिए तो जवाब मिला कि अब उतना 'टेक सैवी' नहीं हैं। बहरहाल, उस वैन की तस्वीर देख लीजिए, जिसे मैंने पहली बार देखा था और जिसके कारण दिल्ली के इस सबसे अच्छे शहरी से मेरी मुलाक़ात हुई थी।
 
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