नरेंद्र मोदी के हाथों पूरे देश में आम चुनाव में मिली करारी हार के बाद आम आदमी पार्टी के संयोजक, दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान दावेदार अरविंद केजरीवाल को जुबानी जंग में भी नरेंद्र मोदी पर हमले की हिम्मत जुटाने में इतना वक्त लग गया, तब सवाल है कि किरण बेदी पर हमले कब तक शुरू हो पाएंगे... उधर, पार्टी के वरिष्ठ नेता और अब तक नरेंद्र मोदी के बड़े प्रशंसकों में से एक कुमार विश्वास जिसे जयचंद की उपाधि दे रहे हैं, यानि शाजिया इल्मी, वह भी पार्टी में आ रही हैं। ऐसे में पार्टी चुनाव प्रचार में जिन हथियारों का प्रयोग कर रही थी, उनकी धार पर थोड़ा-बहुत नहीं, बहुत ज़्यादा असर पड़ना लाजमी है।
पार्टी के ही कई लोग कह रहे हैं कि भीतर की कुछ बातें बाहर तो आएंगी और शाजिया से ऐसी उम्मीद पार्टी कर रही है। शाजिया जिस प्रकार इंटरव्यू में खुलेआम दावा कर रही हैं, उसे देखकर तो ऐसा ही लग रहा है। 'आप' के तमाम पूर्व नेताओं की तरह शाजिया भी केजरीवाल को पहले ही तानाशाह के समान बता चुकी हैं... तो दूसरी तरफ पार्टी के वर्तमान कर्ताधर्ता इसे झुठलाने के लिए तमाम बयान जारी करते रहे हैं और अब भी यही करने में समय बरबाद करेंगे।
दिल्ली में किरण बेदी के बीजेपी में शामिल होने के साथ ही सब के सब एक सुर में कहने लगे हैं कि बीजेपी ने आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल के खिलाफ अपना ब्रह्मास्त्र चला दिया है। यानि अब बीजेपी के पास दिल्ली में केजरीवाल के जवाब में कुछ नहीं बचा है।
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This Article is From Jan 16, 2015
राजीव मिश्रा की कलम से : 'बीजेपी का ब्रह्मास्त्र' किरण बेदी, 'शस्त्रविहीन' हुई केजरीवाल और टीम...
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