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This Article is From Nov 10, 2014

जेपी नड्डा को स्वास्थ्य मंत्री बनाए जाने पर उठे सवाल!

Hridayesh Joshi, Rajeev Mishra
  • Blogs,
  • Updated:
    नवंबर 19, 2014 16:28 pm IST
    • Published On नवंबर 10, 2014 13:13 pm IST
    • Last Updated On नवंबर 19, 2014 16:28 pm IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पहले कैबिनेट विस्तार में बीजेपी के बड़े नेता जेपी नड्डा को स्वास्थ्य मंत्री बनाए जाने से विवाद खड़ा हो गया है। पिछले दिनों एनडीटीवी इंडिया समेत कई न्यूज़ चैनलों और अखबारों ने ये खबर प्रमुखता से दिखाई थी कि कैसे जेपी नड्डा ने एम्स के सीवीओ संजीव चतुर्वेदी को हटाने के लिए पूर्व स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन को चिट्ठियां लिखी।

नड्डा ने न केवल चतुर्वेदी को हटाने के लिए कहा, बल्कि उनके द्वारा उजागर किए गए भ्रष्टाचार के मामलों की जांच बंद करने को कहा। नड्डा ने अपनी चिट्ठियों में डॉ हर्षवर्धन को अपनी पसंद के डॉक्टर को एम्स में नया सीवीओ बनाने को कहा।

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देखें वीडियो जिसमें यह आरोप नड्डा पर लगे, क्लिक करें

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अब जेपी नड्डा को स्वास्थ्य मंत्री पद पर बिठाने से कई लोग सवाल खड़े कर रहे हैं। आम आदमी पार्टी ने नड्डा के स्वास्थ्य मंत्री बनाए जाने पर पहली कड़ी प्रतिक्रिया दी और कहा कि “जिन लोगों ने ईमानदार अफसर को प्रताड़ित किया औऱ भ्रष्ट लोगों को बचाया उन्हें पुरस्कार मिल रहा है।” एनडीटीवी इंडिया ने आपको ये खबर भी दी थी कि प्रधानमंत्री ने डॉ हर्षवर्धन से चतुर्वेदी को हटाए जाने पर रिपोर्ट मांगी थी, जिसमें ये बात छुपाई गई कि एम्स के सीवीओ को नड्डा की सिफारिश पर ही हटाया गया।

वहीं, संजीव चतुर्वेदी ने सरकार से इस पूरे मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की है।

आम आदमी पार्टी ने इस मुद्दे पर कहा कि ये हैरान करने वाली बात है कि “जेपी नड्डा के खिलाफ लिखित सुबूत होने के बाद भी (उन्होंने सीवीओ को हटवाया) उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया और स्वास्थ्य मंत्रालय में बिठाया गया है।”

एम्स के वो 250 डॉक्टर और फैकल्टी सदस्य भी इस नियुक्ति से खुश नहीं हैं, जिन्होंने पिछले दिनों प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखकर कहा कि संजीव चतुर्वेदी को एम्स के सीवीओ के पद पर वापस बहाल किया जाए। उन्हें लगता है कि अब संजीव चतुर्वेदी को एम्स के सीवीओ के पद से हटाए जाने के बाद संस्थान से ही बाहर कर दिया जाएगा।

चतुर्वेदी अभी एम्स में डिप्टी सेक्रेटरी के पद पर बने हुए हैं। प्रधानमंत्री से एम्स के सीवीओ की बहाली की मांग करने वाले डॉक्टरों में से एक एलआर मुरमू कहते हैं, “हम चतुर्वेदी को वापस चाहते हैं, लेकिन सरकार उन्हें ये कह कर यहां से हटा सकती है कि ये काबिल अफसर हैं और इनकी ज़रूरत किसी दूसरी जगह है।”

कुछ डॉक्टरों का यह भी कहना है कि अब सबूत छिपाए जाएंगे या नष्ट कर दिए जाएंगे। साथ ही भ्रष्टाचार दबाने की कोशिश भी की जाएगी।

संजीव चतुर्वेदी वाले प्रकरण पर एनडीटीवी की रिपोर्टिंग के कुछ वीडियो लिंक --

एम्स के सीवीओ संजीव चतुर्वेदी को हटाने पर सवाल

संजीव चतुर्वेदी पर सरकार की दलीलें गलत

चतुर्वेदी को हटाने पर हर्षवर्धन की सफ़ाई

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