आम आदमी पार्टी के मोगा में हुए प्रदर्शन का दृश्य (फाइल फोटो)।
चंडीगढ़: सन 2014 के लोकसभा चुनाव में चार सीटें जीतकर पंजाब की सियासत में धमाकेदार एंट्री करने वाली आम आदमी पार्टी को अपने ही बागी साथियों से टक्कर मिलने वाली है। रक्षाबंधन के दिन अमृतसर के बाबा बकाला के ऐतिहासिक गुरुद्वारे पर हर साल लगने वाले रक्खड पुण्या मेले में पंजाब की सियासी पार्टियां अपने-अपने पंडाल सजाती हैं। यह मौका अपने एजेंडे से आवाम को वाकिफ कराने का होता है। यूं तो पिछले कई दशकों से यहां अकाली दल और कांग्रेस की धमक रही है, लेकिन पिछले साल आम आदमी पार्टी ने भीड़ जुटाकर दोनों को झटका दिया था। हालांकि इस दफा दो खेमों में बंटी 'आप' की पंजाब इकाई के लिए पिछला प्रदर्शन दोहरा पाना मुश्किल नजर आ रहा है।
आम आदमी पार्टी के पंडाल से कुछ दूर 'आप वालंटियर्स' के बैनर तले एक और पंडाल सजाया जा रहा है। 'आप' के प्रदेश संयोजक सुच्चा सिंह छोटेपुर और दिल्ली हाई कमान से नाराज चल रहे पार्टी के दो सांसद पटियाला से डा धर्मवीर गांधी और फतेहगढ़ साहिब से हरिंदर सिंह खालसा अपने समर्थकों के साथ अलग कांफ्रेंस करेंगे। इसे सुच्चापुर विरोधी गुट का शक्ति प्रदर्शन भी माना जा रहा है, लेकिन परदे के पीछे आप से निकाले गए योगेन्द्र यादव के करीबी इस समानांतर कांफ्रेंस को सफल बनाने में जुटे हैं। आप की ऑफिसियल कांफ्रेंस को विफल करने के लिए भीड़ जुटाऊ चेहरे की तलाश सूफी पॉप गायक रब्बी शेरगिल पर खत्म हुई है।
विरोधी गुट के निशाने पर भगवंत मान हैं। संगरूर से पार्टी के सांसद भगवंत मान किसी भी रैली को हिट करने का फार्मूला बखूबी जानते हैं, इसलिए बागी गुट ने सूफी सिंगर पर दांव लगाया है। वैसे बीजेपी से दुश्मनी निभाने के चक्कर में नीतीश - लालू की जोड़ी के साथ केजरीवाल की खूब छन रही है। सियासत से भ्रष्टाचार को उखाड़ फेंकने का दावा करने वाले केजरीवाल का लालू यादव को समर्थन उनके कई चाहने वालों के गले नहीं उतर रहा। केजरीवाल विरोधी धड़ा भी इसी उम्मीद में है कि 'आप' भी सियासी फायदे के लिए बीजेपी - कांग्रेस कि तरह बर्ताव करने लगे।