विजय माल्या की कहानी अब एक और नए मोड़ पर है और इसमें अब सीधा सवाल देश की सबसे बड़ी अदालत यानी सुप्रीम कोर्ट बैंकों से पूछ रही है। इस सवाल को पूछने के लिए मैं सुप्रीम कोर्ट को सलाम करता हूं, क्योंकि सवाल बहुत सही है, उन बैंकों से, जिन्होंने विजय माल्या को क़र्ज़ पर पैसा दिया।
यही बात मैं काफ़ी अरसे से उठा रहा हूं कि जब हम NPA की बात करते हैं तो उनसे भी सवाल पूछना चाहिए, जिन्होंने हमारे पैसे को अपने फ़ैसले से लोन बनाकर दिया। विजय माल्या की कहानी उससे कोई अलग नहीं है, इसलिए सुप्रीम कोर्ट ये पूछ रहा है कि जब रिकवरी 10वां हिस्सा भी नहीं थी तो फिर विजय माल्या को लोन क्यों दिया गया?
फिलहाल विजय माल्या का पासपोर्ट भी ज़ब्त होना संभव नहीं है, जिसकी मांग 17 बैंकों ने की है, क्योंकि माल्या खुद इस वक्त विदेश में हैं और ये कार्रवाई माल्या के खुद से वापस आने पर ही फिलहाल लगता है हो पाएगी। लेकिन माल्या की ऐशो आराम की ज़िंदगी की कहानी के पीछे का सच बैंकिंग सिस्टम पर तीखे सवाल खड़े करता है और उन लोगों पर जिन्होंने माल्या जैसे उद्योगपति को मदद की होगी।
(अभिज्ञान प्रकाश एनडीटीवी इंडिया में सीनियर एक्जीक्यूटिव एडिटर हैं)
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This Article is From Mar 09, 2016
अब एक और नए मोड़ पर है विजय माल्या की कहानी...
Abhigyan Prakash
- ब्लॉग,
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Updated:मार्च 09, 2016 21:00 pm IST
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Published On मार्च 09, 2016 20:37 pm IST
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Last Updated On मार्च 09, 2016 21:00 pm IST
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