जम्मू-कशमीर में सरकार बनाने की कवायद आज से और तेज हो गई है। पहली बार बीजेपी में महासचिव राम माधव ने कहा कि पीडीपी की पहल पर बातचीत हो रही है जिसे आगे बढ़ाने का फैसला लिया गया है। फिलहाल, सीधे बातचीत शुरू नहीं हुई है।
बीजेपी के जम्मू-कश्मीर के नेता आज पार्टी अध्यक्ष अमित शाह से भी मिले। अब तक दोनों पार्टियों के बीच नेताओं के ज़रिये ही सम्पर्क हुआ है। अरुण जेटली की पीडीपी के प्रमुख मुफ्ती मोहम्मद सईद से फोन पर तो कई बार बात हो चुकी है, लेकिन एक साथ बैठकर मुलाकात अब तक नहीं हुई है।
जानकारों के अनुसार दोनों दलों के बीच बातचीत काफी आगे बढ़ चुकी है। मुख्यमंत्री पीडीपी और उप-मुख्यमंत्री बीजेपी का होगा, लेकिन पेच एक कॉमन मिनिमम प्रोग्राम की शब्दावली को लेकर अटका है। दोनों दलों के सिद्धांत और दृष्टिकोण अलग रहा है, ऐसे में किस हद तक समझौता होगा, कठिन सवाल है।
बीजेपी पहले ही 370 पर नरम रही है। अपने चुनावी घोषणापत्र में भी उसे शामिल नहीं किया, लेकिन पीडीपी पाकिस्तान के साथ बातचीत पर वकालत करती आई है। बीजेपी किस हद अपने रुख में बदलाव लाएगी पेंच यह भी रहेगा।
आज खबर ये भी आई कि नेशनल कांन्फ्रेनस के सीनीयर नेता दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं और बीजेपी से सम्पर्क में है। उमर अब्दुल्ला भी लंदन से वापस आ रहे हैं। बीजेपी के लिए एनसी से बातचीत की खबर पीडीपी के लिए परेशानी बन सकती है।
पीडीपी के एक सीनियर नेता ने कहा है कि सरकार बनाने के लिए जम्मू का आदर और घाटी के मान का संतुलन रखना ज़रूरी होगा। अब देखना होगा कि 19 तारीख से पहले जम्मू-कशमीर को सरकार मिल पाएगी। 19 तारीख को जब पुरानी विधानसभा भंग हो जाएगी, क्या राज्य को नई सरकार मिलेगी या राष्ट्रपति शासन लगेगा।