नई दिल्ली:
सफेद कपड़ों का खेल कुछ वक्त के लिए थम गया और टीम इंडिया के धुरंधर अब अपने पसंदीदा ब्लू कपड़ों में नज़र आएंगे... यह किसी से भी छिपा नहीं है कि छोटे फॉरमैट में खेलना टीम इंडिया को ज़्यादा भाता है और नतीजे इस बात की गवाही भी देते हैं, लेकिन गेंदबाज़ों की समस्या यहां भी टीम इंडिया के मंसूबों पर पानी फेर सकती है...
टेस्ट सीरीज़ में ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाज़ों ने हर मैच में 500 से ज़्यादा रन बनाए... ऑस्ट्रेलिया की बेजान पिचों पर बल्लेबाज़ों की बल्ले-बल्ले तो हो गई, लेकिन पूरी टेस्ट सीरीज़ के दौरान बेचारे गेंदबाज़ गेंद फेंक-फेंककर थकते रहे...
आंकड़ों को देखें, तो मोहम्मद शामी ने 126.3 ओवर फेंके, इशांत शर्मा ने 125 ओवर गेंदबाज़ी की... उमेश यादव को 118.3 ओवर फेंकने पड़े और स्पिनर रविचंद्रन अश्विन को 171.4 ओवर फेंकने पड़े...
30 दिन के भीतर ऑस्ट्रेलिया की गर्मी और सख्त मैदानों पर इतनी गेंदबाज़ी से ज़ाहिर तौर पर हमारे गेंदबाज़ थक गए हैं, लेकिन अब आराम करने की जगह उन्हें त्रिकोणीय सीरीज़ के लिए फिर तैयारी में लगना होगा, जहां ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड से टीम इंडिया को दो-दो हाथ करने हैं...
बाकी देशों की तरह हमारे पास वन-डे और टेस्ट के लिए अलग-अलग टीमें नहीं हैं... अश्विन, भुवनेश्वर, शामी, इशांत और उमेश यादव टेस्ट टीम का हिस्सा भी थे और अब वन-डे में भी संघर्ष करते नज़र आएंगे... ऐसे में डर सताने लगा है कि कहीं वर्ल्डकप आते-आते हमारे गेंदबाज इतना ज़्यादा थक जाएं कि इस थकान का असर उनके प्रदर्शन पर पड़ने लगे...