विज्ञापन
This Article is From Jun 02, 2018

मैं चाहता हूं नया इंडिया नहीं; अच्छा इंडिया बने, सिस्टम काम करे, गीत न गाए

Ravish Kumar
  • ब्लॉग,
  • Updated:
    जून 04, 2018 01:25 am IST
    • Published On जून 02, 2018 00:54 am IST
    • Last Updated On जून 04, 2018 01:25 am IST
प्राइम टाइम के लिए जब उस नौजवान ने वीडियो मेसेज भेजा था तब उसमें उदासी थी. नियुक्ति पत्र न मिलने की कम होती आस थी. जैसे ही वित्त मंत्रालय की शीर्ष संस्था सीबीडीटी ने 505 इंकम टैक्स इंस्पेक्टर के नाम वेबसाइट पर डाले उसका चेहरा खिल उठा. चहक उठा. ये नौजवान उन 3287 में से एक था जो अगस्त 2017 से परीक्षा पास कर नियुक्ति पत्र का इंतज़ार कर रहे थे. जनवरी फरवरी की नौकरी सीरीज़ के दौरान सीबीडीटी और केद्रीय उत्पाद व शुल्क संस्थान ने इनसे ज़ोन का विकल्प मांगा. नौजवानों ने फार्म भी भर दिया मगर सुस्ती छा गई. तब तक मैं नौकरी सीरीज़ से निकल बैंक की तरफ बढ़ चुका था और फिर बीमार पड़ गया. लेकिन 3287 नौजवानों के बार बार भेजे जा रहे मेसेज ने फिर से नौकरी सीरीज़ की तरफ मोड़ दिया.

पिछले सोमवार से एक ही बात की रट लगाने लगा कि यह कैसे हो सकता है कि परीक्षा पास कर, मेरिट लिस्ट में आने के बाद भी दस महीने से नियुक्त पत्र न मिले. सोमवार से इस हफ्ते का सोमवार आ गया. फिर शुक्रवार आ गया. लग रहा था कि शायद अगले हफ्ते ही अब कुछ होगा.

ये सिर्फ 3287 ही नहीं हैं, अभी और हैं, इनके पहले पंद्रह हज़ार के करीब थे, जिनकी नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू हुई और ज्वाइनिंग हुई. कुछ सौ की नहीं भी हुई. मैं प्राइम टाइम में बाकी के 2782 नौजवानों के नियुक्ति पत्र पर ज़ोर देता रहा कि सोमवार को लौटूंगा तो इनकी बात उठाऊंगा. इन्हें नियुक्ति पत्र मिले. शो ख़त्म करने के बाद रास्ते में था कि अमितेश का फोन आया कि सीबीडीटी ने 1,114 आयकर सहायकों के भी ज़ोन आवंटित कर दिए हैं. यानी अब उनकी नियुक्ति की पक्रिया सिर्फ एक कदम दूर है. वे अब वेबसाइट पर अपने मां बाप और रिश्तेदारों को नाम दिखा सकते हैं कि देखो, मैं झूठ नहीं बोल रहा था, हमने इम्तहान पास किया था. एक शो के चलते 1600 घरों में आज की रात खुशियां नाच रही होंगी.

एसएससी 2015 और 2016 की परीक्षा पास कर करीब पंद्रह बीस हज़ार लड़के लड़कियां दस महीने से घर बैठे थे. बहुतों की मानसिक स्थिति खराब हो गई. नींद उड़ गई. कइयों ने उम्मीद छोड़ दी कि सरकार शायद ही नियुक्ति पत्र दे दे. जनवरी और फरवरी महीने का प्राइम टाइम उठा कर देखिए, मैंने सिर्फ और सिर्फ इसी टॉपिक पर किया. मुझे हर वक्त वो लड़की याद आती है जिसने मुझे एस एस सी की परीक्षा और अपनी तरह के छात्रों की तकलीफ को विस्तार से समझाया था. पहले जवाब में मैंने ना कह दिया था मगर वो लगी रही. मैं आज भी उसे मेले में खो चुकी लड़की की तरह खोज रहा हूं. उसका शुक्रिया मुझे नए रास्ते पर ले जाने के लिए.

आज का दिन हम सबके लिए बहुत अच्छा है. सुशील, मुन्ने, स्वर, संजय और अमितेश सबके लिए. हम जैसे-जैसे सबके रिएक्शन मंगाते रहे मगर संसाधनों की कमी के कारण सबका नहीं दिखा सके. कोई अफसोस नहीं.

नौकरी सीरीज़ ने हज़ारों घरों में खुशियां बिखेर दी हैं. इनमें से हो सकता है कि बहुतों ने मुझसे झुठ बोला हो कि हिन्दू मुस्लिम नहीं करेंगे मगर मेरे पास उनके लिखे हुए हज़ारों पत्र हैं जिनमें उन्होंने वादा किया है कि हिन्दू मुस्लिम नहीं करेंगे. कम से कम लिखते समय उन्हें इतना तो अहसास हुआ होगा कि झूठ बोल रहे हैं. फिर भी बहुतों ने ईमानदारी से बात बताई. पहले क्या सोचते थे, अब क्या सोचते हैं. बार बार अपने वादे को दोहराया कि कभी हिन्दू बनाम मुस्लिम टॉपिक में नहीं उलझेंगे. एक दूसरे से नफ़रत नहीं करेंगे. मोहब्बत ही जीतेगा. ये नेता नौजवानों को दंगाई बनाना चाहते हैं मैं उन्हें नागरिक बनाना चाहता हूं. नया इंडिया सिर्फ एक स्लोगन है. सारा आइडिया कहीं और का है. किसी और का है. इस नया इंडिया के चैनलों और मीडिया में सिर्फ हिन्दू मुसलमान है. वैसे भी भारत हमेशा ही नया रहा है. मैं चाहता हूं नया इंडिया नहीं, अच्छा इंडिया बने. आप सभी दर्शकों का धन्यवाद.

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) : इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं. इस आलेख में दी गई किसी भी सूचना की सटीकता, संपूर्णता, व्यावहारिकता अथवा सच्चाई के प्रति NDTV उत्तरदायी नहीं है. इस आलेख में सभी सूचनाएं ज्यों की त्यों प्रस्तुत की गई हैं. इस आलेख में दी गई कोई भी सूचना अथवा तथ्य अथवा व्यक्त किए गए विचार NDTV के नहीं हैं, तथा NDTV उनके लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं है.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com