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This Article is From Mar 27, 2014

चुनाव डायरी : अरविंद केजरीवाल पर क्यों बरसे नरेंद्र मोदी...?

Akhilesh Sharma
  • Blogs,
  • Updated:
    नवंबर 20, 2014 13:08 pm IST
    • Published On मार्च 27, 2014 13:01 pm IST
    • Last Updated On नवंबर 20, 2014 13:08 pm IST

दिल्ली विधानसभा चुनाव में मतदान से ठीक पहले चांदनी चौक में नरेंद्र मोदी ने एक जनसभा की थी, जिसमें उन्होंने पहली बार आम आदमी पार्टी के बारे में कुछ शब्द कहे थे... उन्होंने अरविंद केजरीवाल का नाम लिए बगैर कहा था कि जिन लोगों ने अण्णा हजारे जैसे संत को धोखा दे दिया, दिल्ली की जनता उन पर भरोसा न करे... बीजेपी के रणनीतिकार आम आदमी पार्टी को दिल्ली के चुनाव में ज़्यादा गंभीरता से नहीं ले रहे थे, और शायद यही वजह थी कि मोदी ने भी अपने भाषणों में केजरीवाल और उनकी पार्टी को ज्यादा तरजीह नहीं दी थी...

लेकिन आम आदमी पार्टी को नज़रअंदाज़ करने का खामियाज़ा बीजेपी को भुगतना पड़ा... बड़ी संख्या में युवाओं और मध्य वर्ग ने झाड़ू को वोट दिया... आम आदमी पार्टी को मिली ऐतिहासिक कामयाबी ने बीजेपी के समीकरण बिगाड़ दिए... केजरीवाल की पार्टी ने बीजेपी को दिल्ली में सत्ता में आने से रोक दिया...

इसके बाद मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में मिली बीजेपी की कामयाबी को भुलाकर मीडिया दिन-रात केजरीवाल के गुणगान में लग गया... यह बात अलग है कि केजरीवाल ने दिल्ली में 49 दिन की सरकार जिस तरह चलाई और इस्तीफा दिया, उससे दिल्ली में उन्हें वोट देने वाले एक बड़े तबके की नाराजगी झेलनी पड़ी...

अब अरविंद केजरीवाल एक बार फिर सुर्खियों में हैं... पूरे देश में उनकी पार्टी ने 300 से ज़्यादा उम्मीदवार लोकसभा चुनाव 2014 के लिए ख़ड़े कर दिए हैं... कई जगहों पर उनके उम्मीदवारों की साफ-सुथरी छवि मतदाताओं को इस पार्टी की ओर आकर्षित भी कर रही है... दिल्ली में सरकार छोड़ने पर केजरीवाल लोगों को सफाई दे रहे हैं...

जनमत सर्वेक्षणों में नरेंद्र मोदी की जीत की भविष्यवाणी को देखते हुए केजरीवाल ने उन्हें अपना निशाना बनाना शुरू कर दिया है... गुजरात में रोड शो कर मोदी पर तीखे हमले किए... उनसे किसानों की आत्महत्या से लेकर अदानी उद्योग समूह को फायदा पहुंचाने जैसे 16 सवाल पूछे... रही-सही कसर बनारस से नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरकर पूरी कर दी... इस तरह वह एक बार फिर मीडिया की सुर्खियों में अपनी जगह बनाने में कामयाब हो गए हैं...

जो नरेंद्र मोदी चांदनी चौक की अपनी चुनावी सभा के बाद से ही अरविंद केजरीवाल पर चुप थे, उन्होंने चार महीने बाद लोकसभा चुनाव के लिए जम्मू में हुई अपनी पहली सभा में केजरीवाल पर हमला कर चुनाव अभियान की शुरुआत की... केजरीवाल को पाकिस्तान का एजेंट बताकर उन्होंने उनकी राष्ट्रभक्ति पर सवाल खड़ा कर दिया... शाम को दिल्ली में भी केजरीवाल पर उनका हमला जारी रहा, जहां सरकार छोड़ने के लिए उन्होंने केजरीवाल को आड़े हाथ लिया और कांग्रेस के साथ सांठ-गांठ का आरोप लगाया... इसी तरह गुजरात सरकार ने केजरीवाल के सवालों के जवाब में 16 पन्नों का बयान जारी कर हर आरोप का सिलसिलेवार ढंग से जवाब दिया है...

बीजेपी के रणनीतिकारों का कहना है कि मोदी ने केजरीवाल पर सोची-समझी रणनीति के तहत निशाना साधा है... पिछले दो महीनों से केजरीवाल के निशाने पर कांग्रेस का कथित भ्रष्टाचार नहीं, बल्कि मोदी के गुजरात का कथित विकास मॉडल है... वह पूरे देश में घूम-घूमकर मोदी के खिलाफ प्रचार कर रहे हैं, और गुजरात में विकास के दावों पर सवाल खड़े कर रहे हैं...

बीजेपी का मानना है कि ऐसा करके वह कांग्रेस की ही मदद कर रहे हैं, क्योंकि भ्रष्टाचार के आरोप और सरकार-विरोधी लहर झेल रही कांग्रेस की लोगों में अब वह साख नहीं बची है कि लोग उसकी बातों को गंभीरता से लें, इसीलिए कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी को आगे किया है... बीजेपी इस आरोप के समर्थन में यह दलील भी देती है कि खुद केजरीवाल मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं, लेकिन अमेठी में उनकी पार्टी ने राहुल गांधी के खिलाफ कुमार विश्वास के तौर पर एक कमजोर उम्मीदवार मैदान में उतारा है और रायबरेली में सोनिया गांधी के खिलाफ अभी तक उम्मीदवार के नाम का ऐलान नहीं किया है...

बीजेपी के रणनीतिकार मानते हैं कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी सरकार की नाकामी के बावजूद दिल्ली के बाहर कई बड़े शहरों में युवा और मध्य वर्ग में इसके प्रति अब भी एक किस्म का आकर्षण बरकरार है, इसीलिए नरेंद्र मोदी को केजरीवाल पर हमला कर इस वर्ग के सामने उनकी 'हकीकत' रखनी पड़ी है, ताकि वोट डालते समय उन्हें अपना मन बनाने में आसानी रहे... मोदी की रणनीति केजरीवाल की पार्टी को कांग्रेस की 'बी' टीम दिखाने की भी है, ताकि लोगों को यह समझा सकें कि केजरीवाल को वोट देने का मतलब कांग्रेस को ही वोट देना है...

जाहिर है, बनारस में केजरीवाल से मुकाबला कर रहे मोदी अपने विरोधी को अब हल्के में नहीं ले रहे, यह बात कम से कम उनके कल के हमलों से साफ हो जाती है... लेकिन देखना होगा कि अगर कांग्रेस बनारस में उनके खिलाफ कोई मजबूत उम्मीदवार उतारती है, तो क्या तब भी मोदी केजरीवाल पर ही हमला करते रहेंगे, या केजरीवाल पर उनके हमले सिर्फ बनारस तक सीमित रहेंगे...?

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