आर्थिक मोर्चे पर नरेंद्र मोदी सरकार की मुश्किलें अभी भी बरकरार हैं। देश भर के ज्वैलर्स की हड़ताल को 30 दिन हो चुके हैं। ज्वैलर्स साफ तौर पर 1% ज्यादा एक्साइज ड्यूटी को वापस लेने की मांग कर रहे हैं।
अमित शाह, अरुण जेटली और जयंत सिन्हा से ज्वैलरों की मुलाकात के बाद जिस हड़ताल के खत्म होने का दावा किया गया था, वो अभी भी जारी है और कोई समाधान भी सामने नजर नहीं आ रहा। समाधान नहीं नजर आने का सबसे बड़ा कारण है अरुण जेटली की वो नाकाम अपील कि ज्वैलर्स को एक्साइज के सिस्टम और उसके इंस्पेक्टर परेशान नहीं करेंगे। ये हैरानी की बात है कि देश के वित्त मंत्री का भरोसा भी काफी नहीं पड़ रहा।
हर दिन अलग-अलग स्तर के व्यापार पर हजारों करोड़ का नुकसान हो रहा है और सरकार कोई रास्ता नहीं ढूंढ पा रही है। नौबत ये आ चुकी है कि किसी दूसरे आंदोलनकारियों की तरह इन ज्वैलर्स को भी अब सड़क रोकने पर मजबूर होना पड़ रहा है। लेकिन असलियत में इससे देश की आर्थिक सड़क जाम हो रही है और इसमें आ रही रुकावटों को सरकार और वित्त मंत्रालय अभी तक दूर नहीं कर पाया है।
(अभिज्ञान प्रकाश एनडीटीवी इंडिया में सीनियर एक्जीक्यूटिव एडिटर हैं)
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This Article is From Mar 30, 2016
आर्थिक मोर्चे पर सरकार की मुश्किलें बरकरार
Abhigyan Prakash
- ब्लॉग,
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Updated:मार्च 30, 2016 20:52 pm IST
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Published On मार्च 30, 2016 20:47 pm IST
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Last Updated On मार्च 30, 2016 20:52 pm IST
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