सुषमा स्वराज ने ललित मोदी को पुर्तगाल का वीजा दिलाने में मदद की। कहा जा रहा है कि यह मानवता के आधार पर किया गया है, क्योंकि ललित मोदी की पत्नी को कैंसर है और उनका वहां इलाज होना था। सुषमा ने इसके लिए बिट्रिश सांसद कीथ वाज और वहां के उच्चायुक्त से बातचीत की और कहा कि ललित मोदी को ट्रवेल वीजा देने में भारत सरकार को कोई आपत्ति नहीं है।
इसी बात पर अब बवाल मचा है कि ललित मोदी जो 2010 में ही भारत छोड़ चुके हैं और उन पर करीब 500 करोड़ रुपये की हेरा फेरी का आरोप है। इसके साथ ही ईडी ने उन्हें नोटिस भेज रखा है। ललित मोदी जांच से बचने के लिए इंग्लैंड से भारत नहीं आ रहे हैं।
यहीं पर ही बीसीसीआई इस तस्वीर में आती है। क्रिकेट बोर्ड में नेताओं का दखल से सभी वाकिफ हैं। यही वजह है कि कीर्ति आजाद खुल कर सुषमा के वचाव में आ गए और ट्वीट किया कि बीजेपी में कौन है आस्तीन का सांप!
बात इशारों इशारों में हो रही है। सबको पता है कि कीर्ति आजाद को दिल्ली क्रिकेट संघ से किसने निकाला और अभी तक बिहार में उनके बोर्ड को बीसीसीआई ने अभी तक मान्यता नहीं दी है। कीर्ति आजाद ने अरुण जेटली के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है।
ललित मोदी एक वक्त में बीसीसीआई के लाडले हुआ करते थे और आईपीएल को जन्म देने या इस विराट स्तर पर उसकी सफलता का श्रेय भी ललित मोदी को दिया जाता रहा है। हालांकि आईपीएल का वास्तविक आइडिया माधव राव सिंधिया का था। मगर जब ललित मोदी के रिश्ते भारतीय क्रिकेट बोर्ड से खराब हुए, तो सभी ने ललित मोदी से आंखे मोड़ ली। कहने वाले यह भी कहते हैं कि श्रीनिवासन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जो मुकदमा चला है और उसमें जो बड़े नामी-गिरामी वकील पेश हो रहे हैं, उसके पीछे भी ललित मोदी ही हैं। इस बार क्रिकेट बोर्ड का चुनाव शरद पवार इसलिए नहीं लड़ पाए क्योंकि उन्हें जेटली कैंप के सर्मथन का भरोसा नहीं था।
इस प्रकरण ने बीजेपी के अंदरूनी कलह की कलई भी खोल दी है। अब जरा देखिए सुषमा के वचाव में सबसे पहले आए राजनाथ सिंह और खुद बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह। एक वक्त में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी गुजरात क्रिकेट संघ के अध्यक्ष रह चुके हैं और अब अमित शाह इसके अध्यक्ष है। शाह को पता है कि यह केवल सुषमा पर हमला नहीं, निशाने पर प्रधानमंत्री भी होंगे, क्योंकि विदेश मंत्रालय में प्रधानमंत्री कार्यालय की बहुत चलती है।
यहां अहम यह नहीं है कि इस विवाद के पीछे कौन है। अहम यह है कि किसी भगोड़े की मानवीय आधार पर मदद करना कितना सही है। अच्छा होता ललित मोदी को आत्मसमर्पण करने के लिए कहा जाता और जांच ऐजेंसियों से सहयोग करने के लिए कहा जाता और तब मानवीय आधार पर उनकी मदद की जाती।
This Article is From Jun 15, 2015
बाबा का ब्लॉग : भगोड़े पर दया दिखा कर फंस गईं बेचारी सुषमा
Manoranjan Bharti, Saad Bin Omer
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Updated:जून 15, 2015 18:56 pm IST
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Published On जून 15, 2015 18:22 pm IST
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Last Updated On जून 15, 2015 18:56 pm IST
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