विज्ञापन
This Article is From Mar 25, 2020

17 जवानों की शहादत और वो आखि़री निवाला ...

Anurag Dwary
  • ब्लॉग,
  • Updated:
    मार्च 25, 2020 01:01 am IST
    • Published On मार्च 25, 2020 00:17 am IST
    • Last Updated On मार्च 25, 2020 01:01 am IST

पूरा देश जैसे कोरोना के ख़तरे से एक कमरे में बंद हो गया है, होना भी चाहिये सामाजिक दूरी इस हमले से लड़ने में कारगार है लेकिन इस हमले के बीच एक हमले की बात जैसे कानों में पड़ी नज़रें उन जंगलों में घूम आईं ... वहां की आबोहवा में सुकून है लेकिन बारूद ने जिसे बर्बाद कर रखा है. कुछ दिनों पहले सुकमा गया था, रात में गौरव पथ पर टहला ... कुछ पुराने साथी मिले. सुकमा के युवा कलेक्टर चंदन कुमार ने कहा था कि कुछ वक्त लेकर आना चाहिये सुकमा की सुंदरता को निहारने. हमारे पुराने मित्र और देश में अगर कुछ शानदार अफसरों की फेहरिस्त बनानी हो तो मैं संजय सिंह को भूल नहीं सकता, मुझे लगता है वो वाकई किसी भी पुलिस की क्राइम ब्रांच के लिये ही बने हैं आजकल नक्सली इलाके में हैं, चेहरे पर शिकन नहीं हमेशा की तरफ मस्त. युवा अधिकारी मनोज ध्रुव रात में काफी देर तक चांदनी रात में हम गप्प मारते रहे ... सुकमा का सुकून मन में बस जाता है.

p3uo1oog

ऐसे में कसालपाड़ का ज़िक्र आया तो दिसंबर 2014 की तस्वीर पहले आई जब माओवादियों के हमले में सीआरपीएफ़ की 223वीं बटालियन के असिस्टेंट कमांडेंट और डिप्टी कमांडेंट समेत 14 जवान मारे गये थे. घने जंगलों से घिरे इस इलाक़े में पुलिस ने कई बार अपना कैंप खोलने की कोशिश की लेकिन कामयाब नहीं हुए.

49l6iuug

ख़ैर, जब भी बस्तर जाना होता है, हमारे साथी विकास साथ होते हैं ...विकास में बस्तर का सुकून है, ऐसी वारदातों में हम हांफते हैं लेकिन विकास बेखौफ कहानी कहते हैं. उनकी नज़रें शायद आदी हो चुकी हैं लेकिन अभ्यस्त होते हुए वो कुछ ढूंढ लेते हैं... जब हमले के बाद वो ग्राउंड जीरो पर पहुंचे तो उन्होंने वो तस्वीरें भेजीं जो झकझोर गईं ... वो कहते हैं वहां कुछ ज्यादा करने को नहीं थे ...बस पेड़ पर गोलियों के निशान ... एक ज़िंदा ग्रेनेड... कुछ जगहों पर ख़ून के धब्बे ...अमूमन हर मुठभेड़ के बाद हमने भी यही देखा है ...लेकिन वो फिर देखते हैं ... किसी जवान की टोपी ...कुछ बिखरे जूते ...एक जवान का टिफिन ...यही तस्वीर झकझोर गई...

4koqt44g

विकास कहते हैं, शायद आख़िरी निवाला तक उसके नसीब में नहीं था. वहां पड़ी डिस्पोजल सिरिंज बता रही थी कि कैसे जब जवान घायल रहे होंगे तो हर मुमकिन कोशिश की होगी खुद को बचा लें, लेकिन बचा नहीं पाए. वो खाने की पोटली उनकी नज़रों को परेशान कर रही है.

voo6h738

 'ऑपरेशन प्रहार' में इन दिनों रोज़ ये जवान निकलते हैं, शुक्रवार को भी एसटीएफ़ और डीआरजी के जवानों की एक टीम दोरनापाल से निकली हुई थी. बुरकापाल में इस टीम में सीआरपीएफ़ के जवान भी शामिल हो गये. इस टीम ने नक्सलियों को चौंकाने की सोची लेकिन शनिवार दोपहर चिंतागुफा थाना के कसालपाड़ और मिनपा के बीच घात लगाकर बैठे माओवादियों ने इन जवानों को चारों तरफ़ से घेर कर कोराज डोंगरी की पहाड़ी के ऊपर से हमला बोल दिया. हमला ऐसा भयानक की शव तक अगले दिन निकाले गये.

jd7kah98

कैसा है ये इलाका बस अंदाज़ लगाएं कि इस इलाके में नक्सली फिर पहुंचे जिंदा कारतूस, कारतूस के खाली खोखे और जवानों के बचे हुए सामान उठाने... अमूमन नक्सली घटना को अंजाम देकर वहां से दूर निकल जाते हैं लेकिन यहां घटना के तीसरे दिन फिर से नक्सलियों की उपस्थिति ने सभी को चौंका दिया ...

p47mmm9o

'नक्सल के अजगर' कहे जाने वाले हिड़मा ने आसानी से इनका शिकार कर लिया, इस दस्ते में कॉडर में टॉप सेंट्रल टीम के सदस्य होते हैं, जिनका ह्यूमन इंटेलिजेंस नेटवर्क कमाल का माना जाता है ... सुरक्षाकर्मियों के पास भी कोबरा और 150 बटालियन के लड़ाके भी थे, यानी कुल चार टीमें...लेकिन वो लौट नहीं पाए... इन्होंने डीआरजी को अपने जाल में फंसाया, वो धमाके करते और डीआरजी के जवान अपनी गोलियां बर्बाद करते रहे, बताते हैं कि इस बार नक्सली बुलेटप्रूफ जैकेट भी पहनकर आए थे ... अपनी गुरिल्ला तकनीक से उन्होंने सुरक्षाबलों को उलझाकर रख दिया, जवानों को बेरहमी से मारा फिर उनके हथियार भी लूटकर ले गए. ऐसे इलाके से विकास ने तस्वीरें भेजीं ... साथी तुम्हें सलाम

अनुराग द्वारी NDTV इंडिया में डिप्टी एडिटर (न्यूज़) हैं...

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) : इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं. इस आलेख में दी गई किसी भी सूचना की सटीकता, संपूर्णता, व्यावहारिकता अथवा सच्चाई के प्रति NDTV उत्तरदायी नहीं है. इस आलेख में सभी सूचनाएं ज्यों की त्यों प्रस्तुत की गई हैं. इस आलेख में दी गई कोई भी सूचना अथवा तथ्य अथवा व्यक्त किए गए विचार NDTV के नहीं हैं, तथा NDTV उनके लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं है.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Previous Article
UGC NET 2024 Result Declared Live: यूजीसी नेट रिजल्ट घोषित, JRF के लिए 4,970 और असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए 53, 694 अभ्यर्थी सफल, Direct Link
17 जवानों की शहादत और वो आखि़री निवाला ...
आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस और चुनावी धांधली
Next Article
आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस और चुनावी धांधली
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com