दिल्ली में विधानसभा चुनाव (Delhi Assembly Election 2020) का एलान अभी नहीं हुआ है लेकिन सत्ताधारी आम आदमी पार्टी, अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की अगुवाई में पिछले 5 महीने से चुनावों की तैयारी में जुटी हुई है. पांच महीने ऐसे कि मई के महीने में लोकसभा चुनाव में करारी हार झेलने के एकदम अगले ही दिन आम आदमी पार्टी दिल्ली विधानसभा चुनाव (Delhi Assembly Election 2020) के लिए तैयारी में जुट गई थी और उसने 'दिल्ली में तो केजरीवाल' कैंपेन शुरू कर दिया था. खास बात यह है कि पार्टी चुनावों के लिए दो तरफा किलाबंदी की है. एक है पार्टी स्तर की तो दूसरी सरकार स्तर की.
किलाबंदी- पार्टी स्तर की
पार्टी स्तर की किलाबंदी में आम आदमी पार्टी एक रणनीति के तहत कांग्रेस और बीजेपी के मज़बूत नेताओं को अपने साथ लाने में जुटी हुई है. आम आदमी पार्टी के पास जिन सीटों पर विधायक या उम्मीदवार नहीं है या फिर पार्टी के सर्वे में जिन सीटों पर पार्टी के मौजूदा विधायकों के प्रति जनता में नाराजगी है उन सीटों के लिए आम आदमी पार्टी दूसरी पार्टी के मजबूत नेताओं को अपने साथ जोड़ रही है.
1. प्रहलाद सिंह साहनी, चांदनी चौक- आम आदमी पार्टी ने अपनी चांदनी चौक की विधायक अलका लांबा को पार्टी से निष्कासित कर दिया जिसके बाद यह सीट आम आदमी पार्टी के लिए खाली हो गई थी. आम आदमी पार्टी ने चार बार चांदनी चौक के विधायक रह चुके कांग्रेस नेता प्रह्लाद सिंह साहनी को पार्टी में जगह दी. साहनी केवल 2015 का विधानसभा चुनाव हारे. इलाके में अच्छी पकड़ मानी जाती है. चांदनी चौक विधानसभा सीट से प्रह्लाद सिंह साहनी का आम आदमी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ना तय माना जा रहा है.
2. सुरेंद्र कुमार, गोकुलपुर- सुरेंद्र कुमार ने पिछले हफ्ते आम आदमी पार्टी का दामन थामा है. सुरेंद्र कुमार 2008 में बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर पहली बार गोकुलपुर से चुनाव जीते थे. जबकि 2013 में उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा और 32,966 के साथ दूसरे नंबर पर रहे. 2015 का विधानसभा चुनाव सुरेंद्र कुमार ने बीएसपी के टिकट पर लड़ा और 30,080 वोटों के साथ वो तीसरे नंबर पर रहे. साफ है कि सुरेंद्र कुमार गोकुलपुर के मज़बूत नेता हैं जो आप मे आने से पहले बीजेपी में थे. सुरेंद्र कुमार की पार्टी में एंट्री से माना जा रहा है कि मौजूदा विधायक फतेह सिंह का टिकट कर सकता है और सुरेंद्र सिंह गोकुलपुर से आप के उम्मीदवार बन सकते हैं.
3. धनवती चंदेला, राजौरी गार्डन- धनवती चंदेला अगस्त महीने में आम आदमी पार्टी में शामिल हुई हैं. धनवती चंदेला राजौरी गार्डन क्षेत्र से तीन बार कांग्रेस पार्षद रह चुकी हैं. चंदेला के पति दयानंद चंदेला 2008 से 2013 तक इस इलाके के कांग्रेस विधायक रहे. 2015 के चुनावों में यह सीट आम आदमी पार्टी ने जीत ली थी लेकिन जरनैल सिंह के इस्तीफा देने के बाद वह उपचुनावों में इस सीट पर आम आदमी पार्टी उम्मीदवार की जमानत ज़ब्त हुई जबकि धनवती चंदेला की बहू कांग्रेस उम्मीदवार मीनाक्षी चंदेला 25,950 वोटों के साथ दूसरे नंबर पर रही. इस इलाके में चंदेला परिवार का अच्छा खासा रुतबा माना जाता है इसलिए यह तय माना जा जा रहा है कि राजौरी गार्डन से आम आदमी पार्टी का उम्मीदवार चंदेला परिवार से ही होगा.
इसके अलावा भी कई और सीटों के लिए कांग्रेस और बीजेपी के बड़े और मजबूत नेताओं से आम आदमी पार्टी नेताओं की बातचीत की चर्चा है.
दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार बीते 5 महीने से लगातार ऐसे फैसले ले रही है या ऐलान कर रही है जिसको सीधा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है लेकिन उससे भी बड़ी बात यह है कि उसकी योजनाओं और फैसलों का विरोध बीजेपी भी नहीं कर पा रही.
1. 200 यूनिट बिजली मुफ़्त- दिल्ली में 14 लाख से ज्यादा परिवार इस समय केजरीवाल (Arvind Kejriwal) सरकार की मुफ्त बिजली योजना का फायदा उठा रहे हैं। माना जा रहा है कि सर्दियों के मौसम में जिस समय दिल्ली में चुनाव चल रहे होंगे उस समय लगभग आधी दिल्ली मुफ्त बिजली योजना का फायदा उठा रही होगी. अगस्त महीने में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ऐलान किया था कि जो भी परिवार महीने में 200 यूनिट से कम बिजली इस्तेमाल करेगा उसका बिजली बिल शून्य हो जाएगा. जिसके बाद अभी सितंबर महीने के आंकड़ों के मुताबिक 28 फ़ीसदी ग्राहक को का बिजली बिल शून्य आया है.
2. किरायेदारों का प्रीपेड मीटर- दिल्ली में रह रहे किराएदार अब अपना बिजली का मीटर अलग से लगा सकते हैं. मुख्यमंत्री केजरीवाल ने इस योजना का ऐलान करते हुए बताया कि यह एक प्रीपेड मीटर होगा जिसके तहत बिजली के रेट वही होंगे जो बाकी बिजली ग्राहक चुका रहे हैं. यानी 200 यूनिट तक बिजली मुफ्त और 400 यूनिट तक 50 फ़ीसदी की सब्सिडी. अभी तक हो ये रहा था कि मकान मालिक किराएदार से ₹8 से ₹10 प्रति यूनिट बिजली की कीमत वसूल रहे थे क्योंकि मकान मालिक का कहना था कि ज्यादा बिजली इस्तेमाल होने पर उनको किसी भी तरह की सब्सिडी नहीं मिल पाती थी इसलिए किराएदार को भी किसी भी तरह का फायदा नहीं मिल सकता. लेकिन आप किराएदार अपना अलग प्रीपेड मीटर लगा कर मुफ़्त या सस्ती बिजली का फायदा उठा पाएंगे. एक अनुमान के मुताबिक दिल्ली में 10 से 15 लाख परिवार किराए पर रहते हैं.
3. बकाया पानी बिल माफ़- आम आदमी पार्टी सरकार ने पानी के बकाया बिल माफ करने का फैसला किया है. दिल्ली में करीब 23 लाख पानी कनेक्शन है. जिसमें से करीब 13 लाख ग्राहकों का पानी बिल बकाया है.
4. महिलाओं के लिए मुफ़्त सफ़र- आगामी 29 अक्टूबर यानी भाई दूज के दिन से दिल्ली में महिलाओं के लिए डीटीसी और क्लस्टर बसों में सफर मुफ़्त हो जाएगा. इससे निचले तबके और मिडिल क्लास की कामकाजी महिलाओं को तो फायदा होगा ही साथ ही स्कूल या कॉलेज जाने वाली छत्राओं को भी फायदा होगा. बसों में सफर करने वाली महिलाएं इस योजना से बेहद खुश हैं. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने महिलाओं के लिए मुफ्त बस सफर के साथ दिल्ली मेट्रो में भी मुफ्त सफर का एलान किया था लेकिन मेट्रो में मुफ्त सफर का प्लान अभी फंसा हुआ है.
5. तीर्थ यात्रा योजना - इस योजना के तहत दिल्ली की केजरीवाल सरकार बुजुर्गों को पूरी तरह से मुफ्त तीर्थ यात्रा करवा रही है. अभी तक इस योजना के तहत दिल्ली के 14,000 बुजुर्गों को तीर्थ यात्रा करवाई जा चुकी है. माता वैष्णों देवी, उज्जैन महाकाल, अमृतसर स्वर्ण मंदिर, रामेश्वरम आदि जैसे 12 तीर्थ स्थान पर दिल्ली के लोग यात्रा कर चुके हैं. इस योजना से अरविंद केजरीवाल 'दिल्ली के श्रवण कुमार' की तरह प्रोजेक्ट किये जा रहे हैं जो बुज़ुर्गों को मुफ़्त तीर्थ यात्रा करवा रहे हैं. यात्रा पूर्णतः AC ट्रेन में हो रही है जिसमे प्रति व्यक्ति 10 से 15 हज़ार रुपये का ख़र्च आ रहा है. तीर्थ यात्रा पर जाना आसान नहीं होता और खर्चीला भी होता है. लेकिन हज़ारों बुज़ुर्गों को सरकार अपने खर्चे पर ले जाती है तो ये संभव हो जाता है और ज़ाहिर है लोग इस योजना से बड़े खुश हैं.
इसके अलावा 2015 से लेकर अभी तक दिल्ली के सरकारी स्कूलों की हालत जिस तरह बदली वो आम लोगों में चर्चा का विषय है. मोहल्ला क्लिनिक नाम के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के नए मॉडल की दुनियाभर में चर्चा हुई. शनिवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 100 नए मोहल्ला क्लीनिक का उद्घाटन किया जिसके बाद दिल्ली में मोहल्ला क्लीनिक की संख्या 302 पहुंच गई है.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमले करना या उनकी आलोचना करना बिल्कुल ही बंद कर दिया है. लोकसभा चुनाव के बाद से उन्होंने एक भी बयान ऐसा नहीं दिया जिसमें दूर तक कहीं पीएम की आलोचना हो. दरअसल बहुत से लोग अरविंद केजरीवाल की आलोचना या उनको नापसंद इसलिए करते थे क्योंकि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करते थे. केजरीवाल की ये रणनीति एक सकारात्मक छवि बनाने की तरफ़ कदम है.
कुल मिलाकर अरविंद केजरीवाल/आम आदमी पार्टी ने अपनी दो तरफ़ा किलाबंदी से आगामी चुनाव (Delhi Assembly Election 2020) की तैयारी पूरी कर ली है. इस किलाबंदी के चलते ही आम आदमी पार्टी Perception और Preparation यानी धारणा और तैयारी में आगे चल रही है.
शरद शर्मा एनडीटीवी इंडिया में वरिष्ठ संवाददाता हैं.
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