
बिहार में पुल गिरने की घटनाओं के बाद अब किशनगंज में सड़क ही ज़मीन की गहराई में समा गई. किशनगंज जिले के कोचाधामन प्रखंड की महत्वपूर्ण सड़क डीवी 50 मौलाना असरारुल हक कासमी मार्ग रविवार को अचानक धंस गई..पहली ही बारिश ने इस 44 किलोमीटर लंबी सड़क को करीब दो अरब की लागत से बनवाई गई थी. इस घटना के बाद से निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं.
सड़क में समा गई स्कॉर्पियो, बाल-बाल बचे लोग
सराय गांव के पास सड़क का एक बड़ा हिस्सा करीब 10 फीट नीचे धंस गया. हादसे के वक्त एक स्कॉर्पियो उसी हिस्से से गुजर रही थी, जो सीधे धंसे हिस्से में जा गिरी. हालांकि वाहन में सवार सभी लोग सुरक्षित बच निकले, पर घटना ने पूरे इलाके में दहशत फैला दी. यह मार्ग कोचाधामन प्रखंड की ‘लाइफलाइन' मानी जाती है और हादसे के बाद आवागमन पूरी तरह से ठप हो गया.
गैस पाइपलाइन के सुरंग निर्माण पर सवाल
स्थानीय लोगों ने बताया कि लगभग एक माह पहले इसी हिस्से में गैस पाइपलाइन डालने के लिए सुरंग बनाई गई थी. सुरंग के ऊपर मिट्टी तो भर दी गई, लेकिन मरम्मती कार्य में भारी लापरवाही की गई. परिणामस्वरूप बारिश के दबाव में मिट्टी धंस गई और सड़क पूरी तरह फट गई. ग्रामीणों ने पथ निर्माण विभाग और स्थानीय जनप्रतिनिधियों को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है.
प्रशासन का दावा: जल्द की गई मरम्मत, जांच का आदेश
घटना के बाद पथ निर्माण विभाग ने तत्काल मौके पर पहुंचकर मरम्मत कार्य शुरू किया. जिला पदाधिकारी ने जांच के आदेश दिए हैं और कहा है कि दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी. वहीं, गैस पाइपलाइन कंपनी के कर्मी ने दावा किया कि "धंसा हुआ हिस्सा पहले से ही खराब था", जिससे सवाल और भी गंभीर हो जाते हैं.
2 अरब की लागत, फिर भी पहली बारिश में ध्वस्त
इस सड़क की आधारशिला वर्ष 2019 में रखी गई थी और इसके निर्माण पर करीब 200 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं. इतने बड़े बजट के बावजूद पहली बारिश में इसका इस तरह टूट जाना न सिर्फ प्रशासनिक लापरवाही बल्कि भ्रष्टाचार की बू को भी उजागर करता है.
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