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नीतीश कुमार, नवंबर और उसमें 20 नवंबर... बड़ा है लकी नीतीश का कनेक्शन

नीतीश कुमार अभी भी देश के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने वाले नेताओं की सूची में 10वें नंबर पर हैं. हालांकि, अगर वो अपना 5 साल का ये कार्यकाल पूरा करते हैं तो जाहिर है वो टॉप 5 में शुमार होंगे.

नीतीश कुमार, नवंबर और उसमें  20 नवंबर... बड़ा है लकी नीतीश का कनेक्शन
  • नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में दसवीं बार पद संभालने जा रहे हैं.
  • उन्होंने 1985 में पहली बार विधायक के रूप में राजनीतिक जीवन की शुरुआत की.
  • नवंबर माह नीतीश कुमार के लिए विशेष महत्व रखता है, जिसमें वे पांच बार मुख्यमंत्री पद पर नियुक्त हुए हैं.
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नीतीश कुमार अपने चरम पर हैं. शायद ही किसी नेता का ऐसा राजनीतिक करियर रहा होगा. संभवत: अपनी आखिरी पारी में भी गजब की स्ट्राइक रेट खेल दी. बिहार विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी और गठबंधन के प्रदर्शन ने तो आलोचकों को भी आश्चर्य में डाल दिया है. कुछ समय पहले तक बिहार की राजनीति में सबसे कमजोर खिलाड़ी माने जा रहे और रिटायरमेंट की कगार पर पहुंच चुके नीतीश कुमार ने आखिरी इनिंग में ऐसी पारी खेली है कि हर राजनेता ऐसी ही पारी खेलना चाहेगा. अब वो 10वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं. 

'मुन्ना' बना अपराजेय

नीतीश कुमार का जन्म नालंदा जिले के हरनौत में स्थित कल्याण बिगहा में हुआ था. उनके पिता स्वतंत्रता सेनानी थे और आधुनिक बिहार के संस्थापकों में से एक महान गांधीवादी अनुग्रह नारायण सिन्हा के करीब थे. उनके पिता कविराज राम लखन एक आयुर्वेदिक वैद्य भी थे. नीतीश कुमार का उपनाम मतलब बचपन का नाम 'मुन्ना' है. उन्हें 1972 में बिहार कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग (अब एनआईटी पटना) से विद्युत इंजीनियरिंग में डिग्री मिली. वह बिहार राज्य बिजली बोर्ड में शामिल हुए, मगर आधे मन से, और बाद में राजनीति में चले गए.

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जयप्रकाश नारायण (जेपी) के संपूर्ण क्रांति आंदोलन से इतने प्रभावित हुए कि उस आंदोलन से जुड़ गए. नीतीश कुमार पहली बार 1985 में विधायक बने थे. उन्होंने बिहार के नालंदा जिले की हरनौत विधानसभा सीट से लोकदल की टिकट पर चुनाव जीता था. इससे पहले, 1977 और 1980 के विधानसभा चुनावों में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. नीतीश कुमार की इस जीत ने उनके राजनीतिक करियर की शुरुआत की. वहां से उनकी राजनीति कई हिचकोले खाते हुए आज इस मुकाम पर पहुंची है. वो बिहार सहित देश के किसी भी राज्य में सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने वाले पहले व्यक्ति हैं. 

हालांकि, इस मुकाम पर उनके पहुंचने के बाद उनका रिकॉर्ड देखें तो ये कहना गलत नहीं होगा कि उनके लिए नवंबर का महीना बहुत खास है. इसमें भी 20 तारीख उनके लिए और भी खास है. नवंबर के महीने में वो 5 बार बिहार के मुख्यमंत्री बने. वहीं 20 नवंबर ऐसा दिन है, जिस दिन वो दो बार बिहार के मुख्यमंत्री बनने का रिकॉर्ड अपने नाम करेंगे.

नीतीश कुमार के अहम पड़ाव 

  • 3 मार्च 2000-बीजेपी की मदद से बिहार के सीएम के तौर पर पहली बार शपथ ली. मगर 7 दिनों के अंदर बहुमत नहीं होने के कारण इस्तीफ दिया.
  • 24 नवंबर 2005-दूसरी बार बिहार के सीएम बने. बीजेपी के समर्थन से सरकार ने लालू राज का अंत कर दिया.
  • 26 नवंबर 2010- वर्ष 2005 से भी ज्यादा बड़े बहुमत से सत्ता में वापसी की और बिहार के तीसरी बार मुख्यमंत्री बने.
  • 22 फरवरी 2015- वर्ष 2014 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी से अलग हो गए. चुनाव में खराब प्रदर्शन की जिम्मेदारी लेते हुए सीएम पद से इस्तीफा देकर अपनी पार्टी के जीतनराम मांझी को सीएम बनाया, फिर हटाया और चौथी बार बिहार के सीएम बने.
  • 20 नवंबर 2015-आरजेडी के साथ महागठबंधन बनाकर बीजेपी के खिलाफ लड़े और पांचवी बार बिहार के मुख्यमंत्री बने.
  • 27 जुलाई 2017-दो सालों में लालू यादव से मोहभंग हुआ और बगैर चुनाव ही एक दिन पहले सीएम पद से इस्तीफा दिया और बीजेपी के समर्थन से फिर छठी बार सीएम बन गए. 
  • 16 नवंबर 2020-बीजेपी से गठबंधन कर चुनाव लड़ा और सातवीं बार सीएम पद की शपथ ली.
  • 10 अगस्त 2022-नीतीश कुमार ने अचानक फिर आरजेडी से समर्थन लिया और बीजेपी को झटका देते हुए आठवीं बार सीएम पद की शपथ ली.
  • 28 जनवरी 2024-मगर इस बार भी नीतीश कुमार का मन ज्यादा नहीं लगा और लोकसभा चुनाव से ठीक पहले आरजेडी और इंडिया अलायंस को झटका देते हुए बीजेपी के समर्थन से नौवीं बार सीएम पद की शपथ ली. 
  • 20 नवंबर 2025-बीजेपी और जेडीयू ने इस बार अपनी जोड़ी का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर विधानसभा चुनाव जीत है. अभी तक ये है कि 20 नवंबर को 10वीं बार सीएम पद की शपथ लेंगे.

कौन रहा सबसे लंबे समय तक सीएम

नीतीश कुमार अब तक कुल 18 वर्ष 347 दिन मुख्यमंत्री के रूप में सेवा दे चुके हैं. मगर ऐसा नहीं है कि वो भारत में अब तक सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने का रिकॉर्ड बना चुके हैं. ये रिकॉर्ड सिक्किम के पवन कुमार चामलिंग के नाम है, जिन्होंने कुल 24 वर्ष 165 दिन तक मुख्यमंत्री पद संभाला है. वे 1994 से 2019 तक सिक्किम के मुख्यमंत्री रहे. उनके बाद दूसरे नंबर पर नवीन पटनायक (ओडिशा) 24 साल 90 दिन, तीसरे नंबर पर ज्योति बसु (पश्चिम बंगाल) 23 साल 137 दिन, चौथे नंबर पर गेगोंग अपांग (अरुणाचल प्रदेश) 22 साल 250 दिन, पांचवे नंबर पर ललथनहावला (मिजोरम) 22 साल 60 दिन और छठे नंबर पर वीरभद्र सिंह (हिमाचल प्रदेश) 21 साल 13 दिन हैं.

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Photo Credit: PTI

नीतीश कुमार किस स्थान पर

सातवे नंबर पर माणिक सरकार (त्रिपुरा) 19 साल 363 दिन, 8वें नंबर पर एम करुणानिधि (तमिलनाडु) 18 साल 362 दिन, 9वे नंबर पर प्रकाश सिंह बादल (पंजाब) 18 साल 350 दिन और तब 10वे नंबर पर नीतीश कुमार हैं.  यदि नीतीश कुमार 2025 में फिर से मुख्यमंत्री बनते हैं तो भी चामलिंग का रिकॉर्ड तोड़ने के लिए उन्हें और लगभग 6 वर्ष 183 दिन तक पद पर बने रहना होगा. इसका मतलब यह है कि अगर वे 2025 का पूरा 5 साल का कार्यकाल पूरा करते हैं, तब भी रिकॉर्ड तोड़ने के लिए उन्हें बाद में लगभग 1 साल 7 महीने और मुख्यमंत्री रहना होगा. 

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