
- नवादा जिले की नवादा और गोविंदपुर विधानसभा सीटों पर कौशल यादव और उनकी पत्नी पूर्णिमा यादव चुनाव लड़ रहे हैं
- कौशल दंपति ने 2005 से जदयू में राजनीति की, लेकिन 2025 में राजद में शामिल होकर सियासी घर वापसी की
- पूर्णिमा यादव को गोविंदपुर विधानसभा क्षेत्र से राजद ने टिकट दिया है, जहां पूर्व विधायक कामरान थे
बिहार विधानसभा के चुनाव में पति पत्नी भी चुनाव मैदान में उतर गए हैं. मामला बिहार के नवादा जिले की है, जहां नवादा विधानसभा से कौशल यादव, जबकि गोविंदपुर विधानसभा से उनकी पत्नी पूर्णिमा यादव चुनाव मैदान में उतरे हैं. कौशल दंपति राजद से चुनाव में उतरे हैं. हालांकि 2005 से कौशल दंपति जदयू की राजनीति करते रहे हैं. कौशल यादव ने कहा कि पति पत्नी चुनाव जीतने के लिए मैदान में हैं. वह कोई विधान पार्षद कोटे से नहीं, जनता के बदौलत राजनीति में हैं.
बता दें कि कौशल यादव 2005 से लगातार जदयू की राजनीति करते रहे हैं. लेकिन जुलाई 2025 में आयोजित कार्यक्रम में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव के समक्ष कौशल यादव, उनकी पूर्व विधायक पूर्णिमा यादव और पूर्व विधान पार्षद मित्र सलमान रागीव राजद में शामिल हुए थे. वैसे, कौशल यादव का राजद में 20 साल बाद सियासी घर वापसी है. 2005 के पहले कौशल यादव राजद के जिलाध्यक्ष थे. लेकिन टिकट नही मिला था. इसके बाद 2005 से जदयू की ओर मुखातिब हुए थे. उसके बाद से जदयू की राजनीति करते रहे थे.
राजद विधायक कामरान की जगह कौशल की पत्नी को टिकट
देखें तो, गोविंदपुर विधानसभा क्षेत्र के राजद विधायक मोहम्मद कामरान की जगह कौशल यादव की पत्नी पूर्णिमा यादव को टिकट दिया गया है. कामरान 2020 के चुनाव में जदयू की पूर्णिमा यादव को 33 हजार मतों के अंतर से पराजित किया था. वह मगध इलाके से आरजेडी के अकेले मुस्लिम विधायक थे. हालांकि कामरान ने भी निर्दलीय नामांकन का पर्चा दाखिल कर दिया है.
कौशल परिवार का दबदबा
दरअसल, कौशल परिवार का नवादा और गोविंदपुर विधानसभा क्षेत्र में काफी दबदबा रहा है. वह कुल चार दफा विधायक निर्वाचित हुए हैं. तीन दफा गोविंदपुर विधानसभा क्षेत्र से, जबकि एक दफा नवादा विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित हुए हैं. इनमें दो दफा निर्दलीय जबकि दो दफा जदयू से निर्वाचित हुए. कौशल यादव की पत्नी पूर्णिमा यादव भी चार दफा विधायक निर्वाचित हुई हैं. एक दफा गोविंदपुर जबकि तीन दफा नवादा से जीती हैं. खासकर गोविंदपुर विधानसभा में कौशल परिवार का दस दफा कब्जा रहा है.
पहली दफा कौशल यादव के पिता युगल किशोर प्रसाद यादव निर्वाचित हुए थे. उनकी मौत के बाद कौशल की मां गायत्री देवी पांच दफा गोविंदपुर का नेतृत्व की. जबकि चार दफा कौशल दंपति निर्वाचित हुए हैं. लंबे अंतराल के बाद 2020 में कौशल यादव गोविंदपुर सीट से बेदखल हुए थे.
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