भारतीय जनता पार्टी (BJP) से बिहार विधान परिषद के सदस्य हरि सहनी सदन में विपक्ष के नए नेता होंगे. भाजपा के राज्य मुख्यालय में रविवार को यह घोषणा प्रदेश पार्टी प्रमुख सम्राट चौधरी ने केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय और विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा जैसे वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति में की. सहनी, उच्च सदन में विपक्ष के नेता के रूप में चौधरी की जगह लेंगे.
दरभंगा के पूर्व जिला इकाई प्रमुख हरि सहनी को पिछले साल विधान परिषद के लिए चुना गया था. उन्हें सदन में विपक्ष का नेता बनाए जाने को बॉलीवुड सेट डिजाइनर से राजनेता बने मुकेश सहनी की कैबिनेट से अनौपचारिक रूप से बर्खास्तगी के भाजपा द्वारा निषाद समुदाय के बीच नाराजगी को दूर करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है.
विकासशील इंसान पार्टी के प्रमुख मुकेश सहनी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ बैठक के बाद 2020 के विधानसभा चुनाव में एनडीए में शामिल हुए थे.
'सन ऑफ मल्लाह' उपनाम का उपयोग करते हैं सहनी
अपनी जाति की पहचान का दावा करने के लिए 'सन ऑफ मल्लाह' उपनाम का उपयोग करने वाले सहनी को भाजपा के कहने पर नीतीश कुमार मंत्रिमंडल में शामिल किया गया था लेकिन उन्होंने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी के पक्ष में प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ मोर्चा खोला था, जिसके बाद भाजपा के साथ उनके संबंधों में खटास आ गई थी.
ओबीसी समुदाय को आकर्षित करने की एक कोशिश
चौधरी को राज्य भाजपा अध्यक्ष बनाए जाने के छह महीने से भी कम समय बाद हरि सहनी की पदोन्नति को ओबीसी समुदाय को अपनी ओर आकर्षित करने की एक कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है. बिहार में भाजपा और भाजपा नीत एनडीए को 'महागठबंधन' से कड़ी चुनौती मिल रही है.
पिछले साल जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एनडीए का साथ छोड़कर‘महागठबंधन' की रहकार बना ली थी तो भाजपा राज्य की सत्ता से बाहर हो गई थी. महागठबंधन में जदयू के अलावा राजद, कांग्रेस और वामपंथी भी शामिल हैं.
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