बिहार विधानसभा भवन.
पटना:
बिहार में धान घोटाले के बारे में हमेशा कयास लगाया जाता है कि आखिर इस घोटाले में कितने हजार करोड़ की सरकार को चपत लगी. बृहस्पतिवार को बिहार विधानसभा में सरकार ने माना कि यह 1573 करोड़ का घोटाला हुआ.
लेकिन अब तक 2011 से अगले तीन सालों के दौरान चावल मिल के मालिकों पर 1573 करोड़ के 74 लाख टन से अधिक के धान के बदले जो चावल नहीं दिया गया उसके एवज में मात्र 349 करोड़ की वसूली हुई हैं. सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद इस साल के मार्च महीने से सीआईडी की विशेष जांच टीम ने 1400 से अधिक चावल मिल मालिकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है. इस मामले में 280 सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ भी अभी तक कार्रवाई हो चुकी है.
हालांकि राज्य सरकार का कहना है कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पांच जगह विशेष कोर्ट बनाया गया है. लेकिन विपक्षी राजद का कहना है कि इसमें बड़े लोगों को बचाया जा रहा है. किसी भी सचिव स्तर के अधिकारी या मंत्री के ख़िलाफ़ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई हैं.
VIDEO : धान मिलों का घोटाला
राजद का आरोप है कि इस पूरे घोटाले में करीब चार हज़ार करोड़ का गबन हुआ है. हालांकि विधानसभा में राजद के सदस्य शक्ति यादव द्वारा पूछे गए सवाल में ये कहा गया कि इस मामले में 15 हज़ार प्राथमिकी दर्ज की गईं. जिस पर राज्य के खाद्य मंत्री मदन साहनी ने इनकार किया.
लेकिन अब तक 2011 से अगले तीन सालों के दौरान चावल मिल के मालिकों पर 1573 करोड़ के 74 लाख टन से अधिक के धान के बदले जो चावल नहीं दिया गया उसके एवज में मात्र 349 करोड़ की वसूली हुई हैं. सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद इस साल के मार्च महीने से सीआईडी की विशेष जांच टीम ने 1400 से अधिक चावल मिल मालिकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है. इस मामले में 280 सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ भी अभी तक कार्रवाई हो चुकी है.
हालांकि राज्य सरकार का कहना है कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पांच जगह विशेष कोर्ट बनाया गया है. लेकिन विपक्षी राजद का कहना है कि इसमें बड़े लोगों को बचाया जा रहा है. किसी भी सचिव स्तर के अधिकारी या मंत्री के ख़िलाफ़ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई हैं.
VIDEO : धान मिलों का घोटाला
राजद का आरोप है कि इस पूरे घोटाले में करीब चार हज़ार करोड़ का गबन हुआ है. हालांकि विधानसभा में राजद के सदस्य शक्ति यादव द्वारा पूछे गए सवाल में ये कहा गया कि इस मामले में 15 हज़ार प्राथमिकी दर्ज की गईं. जिस पर राज्य के खाद्य मंत्री मदन साहनी ने इनकार किया.
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