बिहार के दो जवान पुलवामा में हुए आतंकी हमले में शहीद हुए. लेकिन उससे एक दिन पहले नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में बिहार के ही औरंगाबाद जिले में सब इंस्पेक्टर रोशन कुमार की मौत हुई.
बिहार के लखीसराय जिले के रामगढ़ चौक प्रखंड के अंतर्गत गरसंडा ग्राम के पच्चीस वर्षीय रोशन कुमार कोबरा बटालियन में सब इंस्पेक्टर थे. पिछले बुधवार की रात में वे नक्सलियों से दो-दो हाथ करते हुए शहीद हो गए. इस मुठभेड़ के दौरान एक पत्थर पर उनका पैर पड़ा और वे जख्मी हो गए. हालांकि उन्हें तुरंत हेलीकॉप्टर से पटना पहुंचाया गया लेकिन खून अधिक बह जाने के कारण आखिर उनकी जान नहीं बच पाई. उनके पिता मितिलेश कुमार सिंह कहते हैं कि वे नहीं चाहते थे कि रोशन कुमार किसी बल में जाएं.
रोशन कुमार के परिवार वालों को इस बात का मलाल है कि भले ही उनका बेटा नक्सलियों से लड़ते-लड़ते शहीद हुआ लेकिन सामान्य प्रोटोकॉल के तहत ही उसे अंतिम विदाई दी गई. जबकि कश्मीर में CRPF के शहीद जवानों के सम्मान में कोई कसर नहीं छोड़ी गई.
मितिलेश कुमार सिंह ने कहा कि ‘किसी के देने से कुछ सम्मान थोड़ी मिलता है. हम उसके लिए लालायित या आकांक्षा नहीं रखते हैं. वो सब सरकार का काम है.'
हालांकि अब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का कहना है कि चाहे कश्मीर में या नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में, शहीद होने वाले जवानों या अधिकारियों, सबको एक समान सहायता और अन्य सुविधाओं की नीति की जल्द ही घोषणा की जाएगी.