पटना:
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को अपना मंत्रिमंडल विस्तार किया. राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी ने शनिवार को राजभवन में आयोजित शपथ ग्रहण कार्यक्रम में 27 विधायकों को मंत्री पद और गोपानीयता की शपथ दिलाई. नीतीश मंत्रिमंडल में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कोटे से 11, जनता दल (यूनाइटेड) से 14 और लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) से एक विधायक को जगह दी गई है.
243-सदस्यीय सदन में, संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार अधिकतम 37 मंत्री हो सकते हैं.
जदयू के विजेंद्र प्रसाद यादव ने सबसे पहले शपथ ली. उसके बाद भाजपा के प्रेम कुमार ने शपथ ली जो पूर्ववर्ती महागठबंधन सरकार के दौरान नेता प्रतिपक्ष थे.
शपथ लेने वाले अन्य मंत्रियों में जदयू के राजीव रंजन सिंह ललन और भाजपा के नंद किशोर यादव तथा मंजू वर्मा शामिल हैं.
इनके बाद नंद किशोर यादव (बीजेपी), श्रवण कुमार (जेडीयू), रामनारायण मंडल (बीजेपी), जय कुमार सिंह (जेडीयू), कृष्णनंदन वर्मा (जेडीयू), प्रमोद कुमार (बीजेपी), महेश्वर हजारी (जेडीयू), शैलेश कुमार (जेडीयू), विनोद नारायण झा (बीजेपी), सुरेश शर्मा (बीजेपी), विजय सिन्हा (बीजेपी), कुमारी मंजू वर्मा (जेडीयू), संतोष निराला (जेडीयू), खुर्शीद उर्फ फिरोज अहमद (जेडीयू), राणा रणधीर सिंह (बीजेपी), विनोद कुमार सिंह (बीजेपी), कृष्ण कुमार ऋषि (बीजेपी), मदन साहनी (जेडीयू), कपिल देव कामत (जेडीयू), दिनेश चंद्र वर्मा (जेडीयू), रमेश ऋषिदेव, बृजकिशोर बिंद (बीजेपी), पशुपति पारस (लोजपा) ने मंत्री पद की शपथ ली.
मंत्रिमंडल में स्थान पाए भाजपा के मंगल पांडेय शाम पांच बजे शपथ ग्रहण नहीं कर सके थे, क्योंकि वह पटना से बाहर थे. बाद में राज्यपाल ने उन्हें शाम 8.15 बजे राजभवन में दरबार हॉल में मंत्री पद की गोपनीयता की शपथ दिलाई. जेडीयू कोटे से बने 14 मंत्रियों में दो नए चेहरे हैं, शेष पुराने मंत्रियों को ही मंत्रिमंडल में जगह दी गई है.
शपथ ग्रहण समारोह में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी सहित राजग के कई नेता उपस्थित रहे.
नीतीश मंत्रिमंडल में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) और हिंदुतानी अवाम मोर्चा (हम) के नेताओं को जगह नहीं दी गई.
हम पार्टी के अध्यक्ष जीतनराम मांझी नीतीश सरकार के मंत्रीमंडल में राम विलास पासवान के भाई पशुपति नाथ पारस को मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने से नाराज़ हैं. उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल के विस्तार में सबसे पहले हमारा हक था.
बता दें कि बिहार कैबिनेट में अधिकतम 35 मंत्री हो सकते हैं. उम्मीद की जा रही है कि अगले कैबिनेट विस्तार में बाकी बचे विभागों का बंटवारा किया जाएगा.
यह भी पढ़ें : NDTV EXCLUSIVE- JDU में बगावत: लालू यादव ने कहा-शरद यादव हमारे साथ, किया फोन
वीडियो देखें : नीतीश सरकार का शपथ ग्रहण समारोह
गौरतलब है कि नीतीश कुमार ने 26 जुलाई की शाम को बिहार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर महागठबंधन से नाता तोड़ने का ऐलान किया था. इसके अगले दिन नीतीश ने बीजेपी के समर्थन से छठी बार बिहार सीएम पद की शपथ ली. 28 जुलाई यानि शुक्रवार को नीतीश ने 131 विधायकों के समर्थन के साथ बिहार विधानसभा में बहुमत साबित किया.
यह भी पढ़ें : बिहार में सत्ता खोने के बाद जानिए तेजस्वी यादव ने राहुल गांधी के लिए क्या कहा
नीतीश के पक्ष में पड़े थे 131 वोट
शुक्रवार को बिहार विधानसभा में विश्वास मत के दौरान सरकार के पक्ष में 131 वोट पड़े, वहीं ख़िलाफ़ में 108 वोट. विश्वास मत पर बहस के दौरान तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार पर बीजेपी की गोद में बैठ जाने का आरोप लगाया तो वहीं नीतीश ने कहा कि देश का कोई नेता उनको धर्मनिरपेक्षता का पाठ नहीं पढा सकता है.
(इनपुट भाषा से भी)
243-सदस्यीय सदन में, संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार अधिकतम 37 मंत्री हो सकते हैं.
जदयू के विजेंद्र प्रसाद यादव ने सबसे पहले शपथ ली. उसके बाद भाजपा के प्रेम कुमार ने शपथ ली जो पूर्ववर्ती महागठबंधन सरकार के दौरान नेता प्रतिपक्ष थे.
शपथ लेने वाले अन्य मंत्रियों में जदयू के राजीव रंजन सिंह ललन और भाजपा के नंद किशोर यादव तथा मंजू वर्मा शामिल हैं.
इनके बाद नंद किशोर यादव (बीजेपी), श्रवण कुमार (जेडीयू), रामनारायण मंडल (बीजेपी), जय कुमार सिंह (जेडीयू), कृष्णनंदन वर्मा (जेडीयू), प्रमोद कुमार (बीजेपी), महेश्वर हजारी (जेडीयू), शैलेश कुमार (जेडीयू), विनोद नारायण झा (बीजेपी), सुरेश शर्मा (बीजेपी), विजय सिन्हा (बीजेपी), कुमारी मंजू वर्मा (जेडीयू), संतोष निराला (जेडीयू), खुर्शीद उर्फ फिरोज अहमद (जेडीयू), राणा रणधीर सिंह (बीजेपी), विनोद कुमार सिंह (बीजेपी), कृष्ण कुमार ऋषि (बीजेपी), मदन साहनी (जेडीयू), कपिल देव कामत (जेडीयू), दिनेश चंद्र वर्मा (जेडीयू), रमेश ऋषिदेव, बृजकिशोर बिंद (बीजेपी), पशुपति पारस (लोजपा) ने मंत्री पद की शपथ ली.
मंत्रिमंडल में स्थान पाए भाजपा के मंगल पांडेय शाम पांच बजे शपथ ग्रहण नहीं कर सके थे, क्योंकि वह पटना से बाहर थे. बाद में राज्यपाल ने उन्हें शाम 8.15 बजे राजभवन में दरबार हॉल में मंत्री पद की गोपनीयता की शपथ दिलाई. जेडीयू कोटे से बने 14 मंत्रियों में दो नए चेहरे हैं, शेष पुराने मंत्रियों को ही मंत्रिमंडल में जगह दी गई है.
शपथ ग्रहण समारोह में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी सहित राजग के कई नेता उपस्थित रहे.
नीतीश मंत्रिमंडल में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) और हिंदुतानी अवाम मोर्चा (हम) के नेताओं को जगह नहीं दी गई.
हम पार्टी के अध्यक्ष जीतनराम मांझी नीतीश सरकार के मंत्रीमंडल में राम विलास पासवान के भाई पशुपति नाथ पारस को मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने से नाराज़ हैं. उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल के विस्तार में सबसे पहले हमारा हक था.
बता दें कि बिहार कैबिनेट में अधिकतम 35 मंत्री हो सकते हैं. उम्मीद की जा रही है कि अगले कैबिनेट विस्तार में बाकी बचे विभागों का बंटवारा किया जाएगा.
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वीडियो देखें : नीतीश सरकार का शपथ ग्रहण समारोह
गौरतलब है कि नीतीश कुमार ने 26 जुलाई की शाम को बिहार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर महागठबंधन से नाता तोड़ने का ऐलान किया था. इसके अगले दिन नीतीश ने बीजेपी के समर्थन से छठी बार बिहार सीएम पद की शपथ ली. 28 जुलाई यानि शुक्रवार को नीतीश ने 131 विधायकों के समर्थन के साथ बिहार विधानसभा में बहुमत साबित किया.
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नीतीश के पक्ष में पड़े थे 131 वोट
शुक्रवार को बिहार विधानसभा में विश्वास मत के दौरान सरकार के पक्ष में 131 वोट पड़े, वहीं ख़िलाफ़ में 108 वोट. विश्वास मत पर बहस के दौरान तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार पर बीजेपी की गोद में बैठ जाने का आरोप लगाया तो वहीं नीतीश ने कहा कि देश का कोई नेता उनको धर्मनिरपेक्षता का पाठ नहीं पढा सकता है.
(इनपुट भाषा से भी)
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