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6-7 % वोट, 35-40 सीटों पर प्रभाव... बिहार के कुशवाहा वोटों के लिए तेजस्वी-उपेंद्र आमने-सामने, समझें मायने

राजनीतिक जानकारों की मानें तो आगामी चुनाव में कुशवाहा वोट बैंक का झुकाव किस ओर होगा, यह कई सीटों पर जीत-हार तय कर सकता है. यही कारण है कि दोनों नेताओं की नजर इस अहम वोट बैंक पर टिकी हुई है.

6-7 % वोट, 35-40 सीटों पर प्रभाव... बिहार के कुशवाहा वोटों के लिए तेजस्वी-उपेंद्र आमने-सामने, समझें मायने
कुशवाहा वोटरों को रिझाने की कोशिश में सासाराम में तेजस्वी तो पटना में उपेंद्र कुशवाहा की रैली.
  • बिहार में कुशवाहा वोटरों की संख्या लगभग 6-7 % है. जो 35 से 40 विधानसभा सीटों पर निर्णायक भूमिका निभाता है.
  • तेजस्वी और उपेंद्र कुशवाहा अपने राजनीतिक प्रभाव के लिए कुशवाहा वोट बैंक को मजबूत करने की कोशिश में लगे हैं.
  • शुक्रवार को तेजस्वी सासाराम में जगदेव प्रसाद की शहादत दिवस रैली तो उपेंद्र कुशवाहा पटना की रैली में शामिल हुए.
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Kushwaha voters in Bihar: बिहार की सियासत में एक बार फिर कुशवाहा वोट बैंक सुर्खियों में है. प्रदेश की राजनीति में यह समुदाय निर्णायक भूमिका निभाता रहा है, और यही वजह है कि राजद नेता तेजस्वी यादव और RLSP प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा दोनों इस पर अपनी-अपनी पकड़ मजबूत करने की कवायद में जुटे हैं. तेजस्वी यादव लगातार सामाजिक समीकरणों को साधने में लगे हैं. हाल ही में उन्होंने कुशवाहा समाज से जुड़े नेताओं और कार्यकर्ताओं से संवाद तेज किया है, ताकि राजद का समर्थन आधार और व्यापक हो सके.

दूसरी ओर, उपेंद्र कुशवाहा अपने को कुशवाहा समाज का असली नेता साबित करने की कोशिश कर रहे हैं. वह अलग-अलग जिलों में कार्यक्रम कर समुदाय को यह संदेश देने की रणनीति अपना रहे हैं कि उनका सियासी भविष्य सुरक्षित रखने के लिए वे ही सबसे मजबूत विकल्प हैं.

राजनीतिक जानकारों की मानें तो आगामी चुनावों में कुशवाहा वोट बैंक का झुकाव किस ओर होगा, यह कई सीटों पर जीत-हार तय कर सकता है. यही कारण है कि दोनों नेताओं की नजर इस वोट बैंक पर टिकी है.

सासाराम में जगदेव प्रसाद की शहादत में शामिल हुए तेजस्वी

तेजस्वी यादव ने सासाराम में बाबू जगदेव प्रसाद की शहादत दिवस रैली में कुशवाहा वोट बैंक को साधने की कोशिश की. राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, इस रैली का आयोजन विशेष रूप से उसी समुदाय को आकर्षित करने के उद्देश्य से किया गया जिसे कुशवाहा वोट बैंक के रूप में जाना जाता है.

वोटर लिस्ट में गड़बड़ी पर चिंता RJD नेता तेजस्वी यादव ने पटना में पार्टी विधायकों को निर्देश दिए हैं कि वे चुनाव पूर्व अपनी-अपनी विधानसभा क्षेत्रों में जाकर वोटर लिस्ट की गड़बड़ियों का समाधान करें—ऐसी त्रुटियाँ चुनाव परिणामों को प्रभावित कर सकती हैं .

उपेंद्र कुशवाहा की परिसीमन सुधार रैली

राष्ट्रीय लोक मोर्चा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने 5 सितंबर को “परिसीमन सुधार” की रैली की घोषणा की. उनका दावा है कि बिहार को न्यायोचित संसदीय प्रतिनिधित्व नहीं मिला और राज्य को कम से कम 20 लोकसभा सीटों का नुकसान उठाना पड़ा है—यह मुद्दा आगामी चुनावों में बड़ा राजनीतिक दांव साबित हो सकता है.

राजनीतिक समीकरण और कुशवाहा वोट का महत्व

बिहार में कुशवाहा (कोयरी) समाज का हिस्सा लगभग 6–7% है, जो 35–40 विधानसभा सीटों पर निर्णायक प्रभाव रखता है. एनडीए, महागठबंधन और उपेंद्र जैसे क्षेत्रीय दल सभी इस वोट बैंक को साधने में सक्रिय हैं .

कुशवाहा वोट बैंक की राजनीतिक पोटेंशियल

कुशवाहा (कोयरी) समुदाय बिहार की कुल आबादी में लगभग 6–7% का हिस्सा है, लेकिन उनकी मौजूदगी 35–40 विधानसभा सीटों पर निर्णायक होती है, साथ ही कई अन्य सीटों पर अप्रत्यक्ष प्रभाव भी होता है. इस समाज की ऐतिहासिक झुकाव बदलने की क्षमता बिहार की सत्ता के समीकरण पर भारी असर डाल सकती है, और उसे ‘साइलेंट गेमचेंजर' कहा जाता रहा है.

चुनावी समीकरण और गठबंधन की तैयारियां

  • हाल में संपन्न ‘वोटर अधिकार यात्रा' में राहुल गांधी, तेजस्वी यादव सहित विपक्ष के अन्य नेता शामिल रहे, जो चुनावी कैंपेन का केंद्रशक्ति था.
  • कुशवाहा वोट बैक पर अब तक का माहौल स्पष्ट नहीं—एनडीए, महागठबंधन और उपेंद्र खुद सभी इसमें अपनी पकड़ मजबूत करने में लगे हैं.
  • विधानसभा चुनावों में सीट शेयरिंग की बातचीत में उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी RLM भी माँग कर रही है, और सीट शेयरिंग पर NDA में कड़ा सौदेबाजी चल रही है.

इस बार के चुनाव में भी कुशवाहा वोट बैंक होगा निर्णायक

बिहार की 2025 की राजनीति में कुशवाहा वोट बैंक एक निर्णायक तत्व है. तेजस्वी यादव सामाजिक न्याय और पिछड़े वर्ग के एजेंडे के ज़रिए इसकी ओर आकर्षण बढ़ा रहे हैं, जबकि उपेंद्र कुशवाहा सीमांकन सुधार, गठबंधन सहयोग और नेतृत्व पर सवाल उठाकर अपनी वैधता मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं.

जैसे-जैसे चुनाव नज़दीक आएगा, यह देखा जाना बाकी है कि यह वोट बैंक किस तरफ झुकता है—NDA या INDIA? इससे कई सीटों पर सत्ता का असली रंग तय हो सकता है.

इनपुट- सासाराम से रंजन सिंह

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