नीतीश कुमार (फाइल फोटो).
- सीएम नीतीश कुमार का वक्तव्य अमिताभ कांत को जवाब
- अमिताभ कांत के बयान की भाजपा के अलावा सभी दलों ने निंदा की
- नीतीश कुमार ने कहा कि हम लोग अपने बलबूते विकास कर रहे हैं
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पटना:
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इस बात का मलाल है कि बिहार और बिहार जैसे राज्यों में जो पिछड़ापन है उसे दूर करने के लिए हमें जो हर प्रकार की सहायता चाहिए वह नहीं मिलती है.
नीतीश का ये वक्तव्य जो उन्होंने एक सार्वजनिक कार्यक्रम में दिया माना जा रहा है कि नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत के उस वक्तव्य का जवाब है जिसमें उन्होंने देश के पिछड़ेपन के लिए बिहार जैसे राज्यों को ज़िम्मेवार माना था. हालांकि उनके इस बयान की राज्य के भाजपा को छोड़कर अधिकांश राजनीतिक दलों ने आलोचना की थी.
भाजपा नेता और उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा था कि कुछ लोग अमिताभ कांत के बयान पर राजनीतिक रंग चढ़ाना चाहते हैं. जबकि वर्तमान लेंज़ेज़ सरकार पूर्व और पूर्वोतर के राज्यों के विकास के लिए कई योजना की शुरुआत की है. लेकिन नीतीश कुमार ने कहा कि हम लोग अपने बलबूते विकास कर रहे हैं पहले जहां राज्य का बजट मात्रा बीस से पच्चीस हज़ार करोड़ होता था वो अब एक लाख अस्सी हज़ार करोड़ हो चुका है.
यह भी पढ़ें : सोशल मीडिया से क्यों रहते हैं नीतीश कुमार खफा, मंच पर कर दिया खुलासा
हालांकि नीतीश ने अपने भाषण में अमिताभ कांत का ज़िक्र नहीं किया. लेकिन माना जाता है कि वो उस बयान से ख़ुश नहीं लेकिन उनकी नाराज़गी का असल कारण है कि केंद्र अब जितना वित्तीय सहायता नहीं करती उससे ज़्यादा नसीहत राज्यों को देती है.
नीतीश का ये वक्तव्य जो उन्होंने एक सार्वजनिक कार्यक्रम में दिया माना जा रहा है कि नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत के उस वक्तव्य का जवाब है जिसमें उन्होंने देश के पिछड़ेपन के लिए बिहार जैसे राज्यों को ज़िम्मेवार माना था. हालांकि उनके इस बयान की राज्य के भाजपा को छोड़कर अधिकांश राजनीतिक दलों ने आलोचना की थी.
भाजपा नेता और उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा था कि कुछ लोग अमिताभ कांत के बयान पर राजनीतिक रंग चढ़ाना चाहते हैं. जबकि वर्तमान लेंज़ेज़ सरकार पूर्व और पूर्वोतर के राज्यों के विकास के लिए कई योजना की शुरुआत की है. लेकिन नीतीश कुमार ने कहा कि हम लोग अपने बलबूते विकास कर रहे हैं पहले जहां राज्य का बजट मात्रा बीस से पच्चीस हज़ार करोड़ होता था वो अब एक लाख अस्सी हज़ार करोड़ हो चुका है.
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हालांकि नीतीश ने अपने भाषण में अमिताभ कांत का ज़िक्र नहीं किया. लेकिन माना जाता है कि वो उस बयान से ख़ुश नहीं लेकिन उनकी नाराज़गी का असल कारण है कि केंद्र अब जितना वित्तीय सहायता नहीं करती उससे ज़्यादा नसीहत राज्यों को देती है.
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