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Bihar News: मटन-चिकन से दूरी..., CWC बैठक में खाने का मेन्यू देखकर मुंह में पानी आ जाएगा

पटना में कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की बुधवार को बैठक हुई. सबसे ज्यादा चर्चा यहां परोसे गए खाने की है. एनडीटीवी आपको बता रह है कि मीटिंग में क्या-क्या मेन्यू था.

Bihar News: मटन-चिकन से दूरी..., CWC बैठक में खाने का मेन्यू देखकर मुंह में पानी आ जाएगा

पटना में कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की बुधवार को हुई बैठक सिर्फ राजनीतिक चर्चाओं तक सीमित नहीं रही, बल्कि इसके खाने-पीने का मेन्यू भी लोगों के बीच खूब चर्चा में रहा. खासकर इसलिए क्योंकि यह बैठक नवरात्र के दौरान हुई थी. इस मेन्यू में आखिर ऐसा क्या खास था, जरा जानिए. 

'पॉलिटिकली करेक्ट' मेन्यू

कांग्रेस की इस बैठक की मौर्या होटल द्वारा कैटरिंग की गई थी. सबसे खास बात यह थी कि मेन्यू "पॉलिटिकली करेक्ट" था. इसका मतलब यह है कि जहां कुछ लोग नॉन-वेज खाने की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन मेन्यू पूरी तरह से शाकाहारी रखा गया था. इसमें मटन या चिकन जैसी कोई भी नॉन-वेज डिश शामिल नहीं थी. अगर मेन्यू में नॉन-वेज होता, तो चुनाव के समय में यह एक बड़ी खबर बन सकती थी और इस पर काफी हंगामा हो सकता था. ऐसा लगता है कि पार्टी ने विवाद से बचने के लिए जानबूझकर यह फैसला लिया.

बिहार का अनोखा नॉन-वेज कल्चर

बिहार में खान-पान का कल्चर अपने आप में अनूठा है. बिहार में बाकी राज्यों की तरह नवरात्र के दौरान मांस की दुकानें जबरदस्ती बंद नहीं कराई जातीं. दिल्ली और यूपी के कुछ हिस्सों में जहां मीट की दुकानें 9 दिनों के लिए बंद हो जाती हैं, वहीं बिहार में ऐसा नहीं होता. लोगों की अपनी मर्जी होती है कि वे खाएं या न खाएं. यह भी बताया गया कि उत्तरी बिहार के कुछ हिस्सों में नवरात्र में बलि प्रथा के कारण मटन को प्रसाद माना जाता है, इसलिए वहां नॉन-वेज की बिक्री कम तो हो सकती है, लेकिन बंद नहीं होती.

बिहार के स्वाद की झलक

बैठक के मेन्यू में सिर्फ शाकाहारी व्यंजन ही नहीं थे, बल्कि इसमें बिहार के पारंपरिक पकवानों का भी ख़ास ध्यान रखा गया था. मेन्यू में लिट्टी-चोखा, भजिया-पूरी, कढ़ी-बड़ी, तिलौरी और बचका जैसे व्यंजन शामिल थे, जो बिहार की संस्कृति और स्वाद को दर्शाते हैं. इसके अलावा, मेन्यू में राजस्थानी, साउथ इंडियन, कॉन्टिनेंटल और चाइनीज पकवान भी थे.

मीठे में "लीची ताइपाई"

डेजर्ट के सेक्शन में एक खास डिश ने सबका ध्यान खींचा, जिसका नाम था "लीची ताइपाई". लीची ताइपाई के साथ क्रीम ऑफ अलास्का और केसरिया भी परोसा गया था. यह एक ऐसी अनोखी डिश है, जो हर जगह नहीं मिलती. कुल मिलाकर, कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक का मेन्यू राजनीतिक रूप से तो सुरक्षित था ही, साथ ही इसमें बिहार के स्वाद और विविधता का भी अच्छा मिश्रण देखने को मिला.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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