बिहार की लड़ाई इस बार भी एनडीए और महागठबंधन के बीच ही रही. कुछ सीटों को छोड़ दें तो मुख्य मुकाबला इन्हीं दोनों के बीच रहा. खुद को तीसरे और बेहतर विकल्प के तौर पर पेश करने वाली जनसुराज पार्टी और प्रशांत किशोर को भी मुंह की खानी पड़ी. वहीं पिछले चुनाव से ही तीसरे विकल्प की कोशिशों में लगीं पुष्पम प्रिया का स्कोर भी जीरो बटे सन्नाटा रहा. उनकी 'द प्लूरल्स पार्टी' परफॉर्मेंस के लिहाज से पुअरेस्ट (Poorest) पार्टी साबित हुई. जनसुराज के प्रशांत किशोर चुनावी मैदान में उतरे ही नहीं थे, जबकि दरभंगा सीट पर चुनावी मैदान में उतरीं 'पुष्पम प्रिया' को लोगों ने नजर से उतार दिया. उन्हें 1,400 के करीब ही वोट मिले. ऐसी करारी हार के बाद उन्होंने ईवीएम पर ही ठीकरा फोड़ दिया.
'मां और घरवालों ने वोट नहीं दिया'
दरभंगा सीट पर द प्लूरल्स पार्टी दूसरे, तीसरे या चौथे नंबर पर भी नहीं रही, बल्कि सीधे 8वें स्थान पर लुढ़क गई. इस सीट पर बीजेपी के संजय सरावग ने जीत हासिल की. पुष्पम प्रिया ने करारी हार के बाद ईवीएम पर ठीकरा फोड़ते हुए कहा कि उन्हें उनकी मां और घर के अन्य लोगों के भी वोट नहीं मिले हैं. नतीजे सामने आने के बाद उन्होंने कहा कि उनके मुहल्ले, रिश्तदारों तक के वोट उनके खाते में ट्रांसफर नहीं हुए. उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी गिनती के हजारों वोट उन्हें नहीं मिले.

गड़बड़ी के सबूत होने के दावे
पुष्पम प्रिया ने एक्स पोस्ट में दावा किया कि उनके पास गड़बड़ी के सबूत हैं. एक्स पोस्ट में उन्होंने लिखा, 'EVM रिगिंग में इस बार मेरी मां, घर और मुहल्ले में रिश्तेदारों तक के वोट बीजेपी उम्मीदवार को ट्रांसफर. हर बूथ पर सैकड़ों वोट मैनिपुलेशन का साफ प्रमाण! वोटर हतप्रभ कि वोट कहां गए? जहां सैकड़ों वोट मिले उन बूथों पर भी संख्या 0-2 से 5-7 तक! हर बूथ पर एक-सा पैटर्न! सांख्यिकीय रूप से भी असंभव! शायद जिसे EVM मैनिपुलेट करने का काम दिया गया, उसे बताया ही नहीं गया कि इस बार मैं अपने गृहनगर से चुनाव लड़ रही हूं, जहां मेरे गिने हुए हजारों वोट हैं.' आगे उन्होंने कहा, 'इस बार आपलोगों ने बड़ी चूक कर दी है.'
EVM rigging में इस बार मेरी माँ, घर व हर मुहल्ले में रिश्तेदारों तक के वोट बीजेपी उम्मीदवार को ट्रांसफ़र। हर बूथ पर सैकड़ों वोट मैनिपुलेशन का साफ़ प्रमाण! वोटर हतप्रभ कि वोट कहाँ गए? जहां सैकड़ों वोट मिले उन बूथों पर भी संख्या 0-2 से 5-7 तक! हर बूथ पर एक-सा पैटर्न! सांख्यिकीय रूप…
— Pushpam Priya Choudhary (@pushpampc13) November 14, 2025
पुष्पम प्रिया ने एक अन्य पोस्ट में लिखा कि दरभंगा में मुसलमानों ने भी जो हजारों वोट उन्हें पारिवारिक लगाव के चलते और अपनी इच्छा से दिए, वे सारे वोट बीजेपी ने बिना देखे-समझे खुद को ट्रांसफर करवा लिए. उन्होंने कहा कि इस बार जिसका हारना तय था, वो रिकॉर्ड जीत दर्ज कर गया. कभी न मिलने वाले वोटों से! EVM में पूरी डकैती हुई विरोधी वोटों की भी.
दरभंगा में मुसलमानों ने भी जो हज़ारों वोट मुझे पारिवारिक लगाव और पसंदगी से दिए, उनके बूथों पर भी वे सारे वोट बीजेपी ने बिना देखे-समझे खुद को ट्रांसफ़र करवा लिए! इस बार जिसका हारना तय था वह रिकॉर्ड जीत गया - कभी न मिलने वाले वोटों से! EVM में पूरी डकैती हुई विरोधी वोटों की भी।
— Pushpam Priya Choudhary (@pushpampc13) November 14, 2025
बता दें कि पुष्पम प्रिया 2020 में हुए चुनाव में भी सियासी अखाड़े में उतरी थीं, लेकिन पिछली बार भी उन्हें बड़ी हार का सामना करना पड़ा था. अब एक बार फिर उनकी पार्टी खाता तक नहीं खोल पाई है.
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