
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की फाइल फोटो
नई दिल्ली:
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी 19 सितंबर को दलित महापुरुषों बी आर अंबेडकर और जगजीवन राम को याद करते हुए बिहार में एक रैली के साथ अपना चुनाव प्रचार शुरू करेंगे। इस रैली में महागठबंधन के दूसरे शीर्ष नेताओं के भी मौजूद रहने की संभावना है। हालांकि ऐसी खबरें भी हैं कि लालू इस रैली में शामिल नहीं हो और अपने छोटे बेटे तेजस्वी को भेजें।
पार्टी का मानना है कि 'समता और समरसता' की विषय पर रैली को आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा संबोधित करने से बीजेपी विरोधी गठबंधन द्वारा अधिक प्रभाव के साथ सामाजिक न्याय का संदेश दिया जा सकेगा।
पार्टी सूत्रों ने कहा कि बिहार के विकास के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अभियान का मुकाबला करने के लिए जदयू-राजद-कांग्रेस गठबंधन के पास नीतीश कुमार के रूप में पहले से ही 'विकास समर्थक' एक चेहरा है।
कांग्रेस की योजना पश्चिम चंपारण जिले के राम नगर में प्रस्तावित रैली को 'बड़ी' बनाने की है। इससे पहले 30 अगस्त को पटना में गठबंधन ने स्वाभिमान रैली का आयोजन किया था, जिसमें सोनिया गांधी, लालू और नीतीश शामिल हुए थे। हालांकि खबर है कि लालू इस रैली में खुद ना जाकर अपने छोटे बेटे तेजस्वी को भेजें।
कहा जाता है कि लालू के राहुल के साथ उस समय से अच्छे संबंध नहीं रहे हैं, जब सितंबर 2013 में कांग्रेस उपाध्यक्ष ने यूपी सरकार के उस अध्यादेश पर आपत्ति जताई थी जो दोषी ठहराए गए जनप्रतिनिधियों को अयोग्य ठहराए जाने से बचाव के लिए था। विपक्ष के अनुसार वह अध्यादेश आरजेडी प्रमुख की मदद के लिए लाया गया था जिन्हें चारा घोटाले में दोषी ठहराया गया था।
यह पूछे जाने पर कि 19 सितंबर की रैली में क्या राहुल गांधी के साथ लालू प्रसाद और नीतीश कुमार मंच साझा करेंगे, जेडीयू महासचिव केसी त्यागी ने कहा, 'नीतीश जी रैली में शामिल हो रहे हैं। राजद की ओर से कौन आएंगे, यह उस पार्टी को तय करना है, लेकिन किसी का सोनिया गांधी या राहुल गांधी के साथ कोई मुद्दा नहीं है।'
पार्टी का मानना है कि 'समता और समरसता' की विषय पर रैली को आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा संबोधित करने से बीजेपी विरोधी गठबंधन द्वारा अधिक प्रभाव के साथ सामाजिक न्याय का संदेश दिया जा सकेगा।
पार्टी सूत्रों ने कहा कि बिहार के विकास के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अभियान का मुकाबला करने के लिए जदयू-राजद-कांग्रेस गठबंधन के पास नीतीश कुमार के रूप में पहले से ही 'विकास समर्थक' एक चेहरा है।
कांग्रेस की योजना पश्चिम चंपारण जिले के राम नगर में प्रस्तावित रैली को 'बड़ी' बनाने की है। इससे पहले 30 अगस्त को पटना में गठबंधन ने स्वाभिमान रैली का आयोजन किया था, जिसमें सोनिया गांधी, लालू और नीतीश शामिल हुए थे। हालांकि खबर है कि लालू इस रैली में खुद ना जाकर अपने छोटे बेटे तेजस्वी को भेजें।
कहा जाता है कि लालू के राहुल के साथ उस समय से अच्छे संबंध नहीं रहे हैं, जब सितंबर 2013 में कांग्रेस उपाध्यक्ष ने यूपी सरकार के उस अध्यादेश पर आपत्ति जताई थी जो दोषी ठहराए गए जनप्रतिनिधियों को अयोग्य ठहराए जाने से बचाव के लिए था। विपक्ष के अनुसार वह अध्यादेश आरजेडी प्रमुख की मदद के लिए लाया गया था जिन्हें चारा घोटाले में दोषी ठहराया गया था।
यह पूछे जाने पर कि 19 सितंबर की रैली में क्या राहुल गांधी के साथ लालू प्रसाद और नीतीश कुमार मंच साझा करेंगे, जेडीयू महासचिव केसी त्यागी ने कहा, 'नीतीश जी रैली में शामिल हो रहे हैं। राजद की ओर से कौन आएंगे, यह उस पार्टी को तय करना है, लेकिन किसी का सोनिया गांधी या राहुल गांधी के साथ कोई मुद्दा नहीं है।'
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
बिहार विधानसभा चुनाव 2015, राहुल गांधी, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, बिहार रैली, नीतीश कुमार, लालू प्रसाद यादव, Bihar Assembly Election 2015, Rahul Gandhi, Congress Vice President Rahul Gandhi, Nitish Kumar, Lalu Prasad Yadav