बीजेपी ने आरक्षण का मुद्दा छेड़कर महागठबंधन को मजबूत किया : मुलायम सिंह यादव

बीजेपी ने आरक्षण का मुद्दा छेड़कर महागठबंधन को मजबूत किया : मुलायम सिंह यादव

मुलायम सिंह यादव और लालू प्रसाद यादव (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

बीजेपी के पक्ष में बिहार में चुनावी हवा देखने को दावा करने वाले समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने एक अहम बयान में कहा है कि बीजेपी ने आरक्षण का मुद्दा छेड़कर महागठबंधन को मजबूत कर दिया है।

मुलायम सिंह यादव ने यह भी कहा कि वह इस बार बिहार में सत्ता परिवर्तन चाहते थे, लेकिन आरक्षण वाले मामले से बीजेपी के खिलाफ बाज़ी पलट सकती है। यह बयान लोहिया जयंती के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम में दिया गया है।

बिहार में बीजेपी की लहर
मुलायम ने कहा कि बिहार में बीजेपी की लहर है। बिहार में जो विकास होना चाहिए था, वह नहीं हुआ इसलिए सत्ता परिवर्तन जरूरी हो गया है। साथ ही मुलायम ने नीतीश पर लालू यादव को धोखा देने का आरोप भी लगाया है। मुलायम ने कहा कि नीतीश ने लालू को जेल भिजवाया, इसलिए लालू को नीतीश की मदद नहीं करनी चाहिए थी।

पिता मुलायम से उलट अखिलेश की राय
एक ओर मुलायम सिंह यादव बिहार में बीजेपी की लहर की बात कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर उनके बेटे और यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बीजेपी पर निशाना साधा है। हमारे सहयोगी राहुल श्रीवास्तव से बातचीत में अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी हर छह महीने पर भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला मुद्दा उठा कर फ़ायदा लेने की कोशिश करती है। अखिलेश ने कहा कि उत्तर प्रदेश का सांप्रदायिक मुद्दा बिहार चुनाव में भुनाया जा रहा है।

लालू क्यों नीतीश के साथ खड़े हुए?
समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर धोखा देने का आरोप लगाते हुए कहा कि पता नहीं आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद जी की क्या मजबूरी थी कि चारा घाटोला मामले में नीतीश के उनको सजा दिलवाने के बावजूद वह उनके साथ जा खड़े (बिहार विधानसभा चुनाव में गठबंधन) हुए।

नीतीश ने दिया धोखा
मुलायम ने नीतीश को धोखेबाज बताते हुए कहा कि जनता परिवार को एकजुट करने में उिन्होंने शुरुआत में तो सहयोग किया पर बाद में धोखा दिया।

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महागठबंधन से अलग हुए थे मुलायम
बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर बने नीतीश नीत धर्मनिरपेक्ष महागठबंधन में सपा के लिए पहले एक भी सीट नहीं देने और बाद में छोड़ी गयी तीन सीटें एनसीपी के अस्वीकार कर दिए जाने पर उक्त सीटों के साथ लालू ने अपनी दो सीटें (कुल पांच) सपा को दी थी। लेकिन सपा ने इसे खारिज करते हुए महागठबंधन से नाता तोड़कर एनसीपी सहित चार अन्य दलों के साथ मिलकर तीसरे मोर्चे का गठन कर लिया।