लालू यादव (फाइल फोटो)
पटना:
कथित जातिवादी टिप्पणी को लेकर अपने खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होने से अप्रभावित दिख रहे आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद ने बुधवार को कहा कि वह 'फांसी पर चढ़ने' को तैयार हैं लेकिन वह बीजेपी एवं आरएसएस को पिछड़ों एवं दलितों के आरक्षण को समाप्त नहीं करने देंगे। इसके साथ ही लालू ने साफ कर दिया कि बिहार चुनावों के लिए उनके एजेंडा में मंडल राजनीति सबसे ऊपर है।
प्रसाद ने कहा, 'मैं फांसी पर चढ़ने को तैयार हूं लेकिन बीजेपी एवं आरएसएस को आरक्षण समाप्त नहीं करने दूंगा।' लंबे समय से पिछड़े वर्गों का मसीहा माने जाने वाले लालू ने बिहार के इस चुनाव को जंगलराज दो और मंडलराज दो के बीच का मुकाबला बताया।
उनकी कथित जातिवादी टिप्पणी को लेकर मंगलवार को उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। उसके एक दिन बाद लालू प्रसाद ने संवाददाताओं से कहा, 'बीजेपी ने जंगलराज दो का नारा दिया है जिसके खिलाफ मैं मंडलराज दो कह रहा हूं..। यह कहने में क्या अपराध है?'
तेजस्वी के लिए प्रचार कर रहे हैं लालू यादव
अपने पुत्र तेजस्वी यादव के चुनाव प्रचार की शुरुआत करते हुए लालू ने रविवार को राघोपुर में एक रैली में विधानसभा चुनाव को 'पिछड़ा जातियों और अगड़ी जातियों' के बीच सीधा मुकाबला बताया था तथा यादवों और अन्य पिछड़ी जातियों से धर्मनिरपेक्ष गठबंधन का समर्थन करने को कहा था ताकि बीजेपी नीत एनडीए को हराया जा सके। तेजस्वी राघोपुर विधानसभा सीट से ही चुनाव लड़ रहे हैं।
चुनाव आयोग ने उनकी टिप्पणी को आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन माना था और उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया था। बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह सहित पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने चुनावी भाषणों में कहा है कि अगर जेडीयू-आरजेडी-कांग्रेस गठबंधन सत्ता में आता है तो 'जंगल राज' लौट सकता है।
विपक्ष ने 'जंगल राज' शब्द को दी हवा
विपक्ष ने आरजेडी के 1990 से 2005 के बीच 15 साल के शासनकाल के दौरान कथित अराजकता का वर्णन करने के लिए 'जंगल राज' शब्द को हवा दी थी। आरक्षण की समीक्षा संबंधी आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की टिप्पणी को लेकर लालू और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हमला बोला था और दावा किया था कि मोदी सरकार आरक्षण को समाप्त करना चाहती थी।
मंडल आयोग की रिपोर्ट के लेखक बी.पी. मंडल के राज्य में आरक्षण एक संवदेनशील मुद्दा है। लालू प्रसाद की पार्टी ने बिहार में 15 साल तक शासन किया है।
प्रसाद ने कहा, 'मैं फांसी पर चढ़ने को तैयार हूं लेकिन बीजेपी एवं आरएसएस को आरक्षण समाप्त नहीं करने दूंगा।' लंबे समय से पिछड़े वर्गों का मसीहा माने जाने वाले लालू ने बिहार के इस चुनाव को जंगलराज दो और मंडलराज दो के बीच का मुकाबला बताया।
उनकी कथित जातिवादी टिप्पणी को लेकर मंगलवार को उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। उसके एक दिन बाद लालू प्रसाद ने संवाददाताओं से कहा, 'बीजेपी ने जंगलराज दो का नारा दिया है जिसके खिलाफ मैं मंडलराज दो कह रहा हूं..। यह कहने में क्या अपराध है?'
तेजस्वी के लिए प्रचार कर रहे हैं लालू यादव
अपने पुत्र तेजस्वी यादव के चुनाव प्रचार की शुरुआत करते हुए लालू ने रविवार को राघोपुर में एक रैली में विधानसभा चुनाव को 'पिछड़ा जातियों और अगड़ी जातियों' के बीच सीधा मुकाबला बताया था तथा यादवों और अन्य पिछड़ी जातियों से धर्मनिरपेक्ष गठबंधन का समर्थन करने को कहा था ताकि बीजेपी नीत एनडीए को हराया जा सके। तेजस्वी राघोपुर विधानसभा सीट से ही चुनाव लड़ रहे हैं।
चुनाव आयोग ने उनकी टिप्पणी को आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन माना था और उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया था। बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह सहित पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने चुनावी भाषणों में कहा है कि अगर जेडीयू-आरजेडी-कांग्रेस गठबंधन सत्ता में आता है तो 'जंगल राज' लौट सकता है।
विपक्ष ने 'जंगल राज' शब्द को दी हवा
विपक्ष ने आरजेडी के 1990 से 2005 के बीच 15 साल के शासनकाल के दौरान कथित अराजकता का वर्णन करने के लिए 'जंगल राज' शब्द को हवा दी थी। आरक्षण की समीक्षा संबंधी आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की टिप्पणी को लेकर लालू और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हमला बोला था और दावा किया था कि मोदी सरकार आरक्षण को समाप्त करना चाहती थी।
मंडल आयोग की रिपोर्ट के लेखक बी.पी. मंडल के राज्य में आरक्षण एक संवदेनशील मुद्दा है। लालू प्रसाद की पार्टी ने बिहार में 15 साल तक शासन किया है।
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