जयंत सिन्हा का फाइल फोटो...
पटना:
बिहार विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा टिकट बंटवारे पर असंतोष जता चुके केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा ने स्वीकार किया है कि उम्मीदवारों के चयन में पार्टी ने गलतियां की हैं, लेकिन जोर दिया कि चुनाव उनकी पार्टी ही जीतेगी।
पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री व विदेश मंत्री यशवंत सिन्हा के बेटे जयंत सिन्हा ने एक साक्षात्कार में कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा की गई बड़ी भूल की तुलना में भाजपा की गलती कुछ नहीं है। बिहार में पांच चरणों में होने जा रहे विधानसभा चुनाव के तहत सोमवार को पहले चरण के मतदान के ठीक पहले वित्त राज्य मंत्री ने कहा, 'टिकट बंटवारे में गलतियों को लेकर थोड़ी नाराजगी (भाजपा में) है, लेकिन हमने अधिकांश जगहों पर उसे सुलझा लिया है।' उन्होंने कहा, 'जब टिकट बांटना हो, तो आपको पूरे राज्य व अन्य (कारकों) को ध्यान में रखना पड़ता है।'
झारखंड से सांसद और बिहार में भाजपा के लिए चुनाव प्रचार कर रहे सिन्हा ने कहा, 'लेकिन नीतीश कुमार के बारे में क्या कहेंगे, जिन्होंने ढाई साल के दौरान कई गलतियां कीं।'
उन्होंने कहा कि बिहार की जनता, जनता दल (युनाइटेड) के नेता को कभी माफ नहीं करेगी, जो महागठबंधन का नेतृत्व कर रहे हैं, जिसमें लालू प्रसाद यादव का राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कांग्रेस जैसी पार्टियां हैं। सिन्हा ने कहा, 'भाजपा से किनारा करना उनकी पहली गलती थी। यह अपराध था। इसके बाद उन्होंने लालू प्रसाद से हाथ मिलाया, जो जंगलराज के प्रतीक हैं।'
उन्होंने कहा, 'मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को पद से हटाना एक और गलती थी। अंतिम, लेकिन सबसे कम नहीं, उन्होंने कांग्रेस के साथ हाथ मिला लिया।' सिन्हा ने यह विचार भी व्यक्त किया कि प्रदेश में अच्छे शासन के लिए राज्य व केंद्र में एक ही पार्टी की सरकार होनी चाहिए। उन्होंने कहा, 'यदि भाजपा बिहार में सरकार बनाती है, तो वह प्रदेश को विकसित करने में सफल होगी, क्योंकि वह भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के साथ तालमेल मिलाकर काम करेगी।' उन्होंने अपने गृह राज्य झारखंड का हवाला दिया।
सिन्हा ने कहा, 'झारखंड में जब से भाजपा नेतृत्व वाली सरकार बनी है, केंद्र सरकार के समर्थन से हमने विकास के कई काम किए। देखिए, बिहार की तुलना में आज झारखंड कहां है।' सिन्हा ने कांग्रेस पर चुटकी लेते हुए कहा कि सबसे पुरानी पार्टी को देश में कोई दिलचस्पी नहीं रही। उन्होंने कहा, 'उनके लिए ताज सर्वोपरि है। राहुल गांधी इसके उदाहरण हैं।'
दरअसल, बिहार में चुनाव पांच नवंबर को संपन्न हो जाएगा। परिणाम तीन दिन बाद जारी होगा। सिन्हा ने दावा किया कि बिहार में दिल्ली की पुनरावृत्ति नहीं होगी।
पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सजायाफ्ता अपराधी करार देते हुए उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि बिहार में ऐसे नेता हैं। सिन्हा ने कहा, 'लालूजी जंगलराज के प्रतीक रहे हैं। वह परिवारवाद व जातपात से कभी ऊपर नहीं उठ सकते। चुनाव में उनके भाषणों और टिप्पणियों को देखिए। यह त्रासदीपूर्ण है।'
पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री व विदेश मंत्री यशवंत सिन्हा के बेटे जयंत सिन्हा ने एक साक्षात्कार में कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा की गई बड़ी भूल की तुलना में भाजपा की गलती कुछ नहीं है। बिहार में पांच चरणों में होने जा रहे विधानसभा चुनाव के तहत सोमवार को पहले चरण के मतदान के ठीक पहले वित्त राज्य मंत्री ने कहा, 'टिकट बंटवारे में गलतियों को लेकर थोड़ी नाराजगी (भाजपा में) है, लेकिन हमने अधिकांश जगहों पर उसे सुलझा लिया है।' उन्होंने कहा, 'जब टिकट बांटना हो, तो आपको पूरे राज्य व अन्य (कारकों) को ध्यान में रखना पड़ता है।'
झारखंड से सांसद और बिहार में भाजपा के लिए चुनाव प्रचार कर रहे सिन्हा ने कहा, 'लेकिन नीतीश कुमार के बारे में क्या कहेंगे, जिन्होंने ढाई साल के दौरान कई गलतियां कीं।'
उन्होंने कहा कि बिहार की जनता, जनता दल (युनाइटेड) के नेता को कभी माफ नहीं करेगी, जो महागठबंधन का नेतृत्व कर रहे हैं, जिसमें लालू प्रसाद यादव का राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कांग्रेस जैसी पार्टियां हैं। सिन्हा ने कहा, 'भाजपा से किनारा करना उनकी पहली गलती थी। यह अपराध था। इसके बाद उन्होंने लालू प्रसाद से हाथ मिलाया, जो जंगलराज के प्रतीक हैं।'
उन्होंने कहा, 'मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को पद से हटाना एक और गलती थी। अंतिम, लेकिन सबसे कम नहीं, उन्होंने कांग्रेस के साथ हाथ मिला लिया।' सिन्हा ने यह विचार भी व्यक्त किया कि प्रदेश में अच्छे शासन के लिए राज्य व केंद्र में एक ही पार्टी की सरकार होनी चाहिए। उन्होंने कहा, 'यदि भाजपा बिहार में सरकार बनाती है, तो वह प्रदेश को विकसित करने में सफल होगी, क्योंकि वह भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के साथ तालमेल मिलाकर काम करेगी।' उन्होंने अपने गृह राज्य झारखंड का हवाला दिया।
सिन्हा ने कहा, 'झारखंड में जब से भाजपा नेतृत्व वाली सरकार बनी है, केंद्र सरकार के समर्थन से हमने विकास के कई काम किए। देखिए, बिहार की तुलना में आज झारखंड कहां है।' सिन्हा ने कांग्रेस पर चुटकी लेते हुए कहा कि सबसे पुरानी पार्टी को देश में कोई दिलचस्पी नहीं रही। उन्होंने कहा, 'उनके लिए ताज सर्वोपरि है। राहुल गांधी इसके उदाहरण हैं।'
दरअसल, बिहार में चुनाव पांच नवंबर को संपन्न हो जाएगा। परिणाम तीन दिन बाद जारी होगा। सिन्हा ने दावा किया कि बिहार में दिल्ली की पुनरावृत्ति नहीं होगी।
पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सजायाफ्ता अपराधी करार देते हुए उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि बिहार में ऐसे नेता हैं। सिन्हा ने कहा, 'लालूजी जंगलराज के प्रतीक रहे हैं। वह परिवारवाद व जातपात से कभी ऊपर नहीं उठ सकते। चुनाव में उनके भाषणों और टिप्पणियों को देखिए। यह त्रासदीपूर्ण है।'
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