भोपाल:
"ज़िन्दा है... मारो..." प्रतिबंधित स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के भोपाल सेंट्रल जेल से फरार हुए आठ संदिग्ध आतंकवादियों को मार गिराए जाने के बाद सामने आए मोबाइल फोन वीडियो में से एक में एक पुलिसवाले को यह कहते सुना जा सकता है. वीडियो में एक और आवाज़ भी सुनाई देती है, "छाती में मारो... मर जाएगा..."
अब इस तरह के सवाल के उठ रहे हैं कि क्या आत्मसमर्पण करने की कोशिश कर रहे निहत्थे फरार कैदियों को मार डाला गया था, लेकिन एक शीर्ष पुलिस अधिकारी का दावा है कि उन कैदियों ने पुलिसकर्मियों पर गोलियां चलाई थीं.
इंस्पेक्टर जनरल योगेश चौधरी ने NDTV को बताया, "उन लोगों ने हम पर छह गोलियां दागीं..." योगेश चौधरी ने यह भी दावा किया कि तीन पुलिसकर्मी ज़ख्मी हुए, लेकिन गोलियों से नहीं, धारदार हथियारों से.
योगेश चौधरी ने बताया कि उन कैदियों के कब्ज़े से चार देसी कट्टे बरामद हुए हैं. उन्होंने कहा, "इस बात की जांच करनी होगी कि उन लोगों के पास ये बंदूकें पहुंचीं कैसे..."
रविवार देर रात को स्टील की प्लेटों से बनाए धारदार हथियार से एक हेड कॉन्स्टेबल रामशंकर यादव का गला रेतकर भोपाल सेंट्रल जेल से भागने के बाद लगभग आठ किलोमीटर दूर एक टीले पर इन आठ संदिग्ध आतंकवादियों को घेर लिया गया था, और गोली मारकर सभी को ढेर कर दिया गया.
पुलिस अधिकारी ने कहा कि यह अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है कि अगर उन लोगों के पास बंदूकें थीं, तो वे किसी वाहन का इंतज़ाम क्यों नहीं कर सके, और पैदल ही फरार हुए. उन्होंने बताया कि एनकाउंटर के वीडियो की भी जांच की जा रही है.
NDTV उन वीडियो की सच्चाई और प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं कर सकता है, जिनमें से एक वीडियो में एक पुलिस वाला एक निश्चेष्ट शरीर पर गोली चलाता दिखाई दे रहा है, जबकि एक अन्य वीडियो से ऐसा संकेत मिलता लगता है कि फरार कैदियों ने आत्मसमर्पण की कोशिश की थी, लेकिन उन्हें मार डाला गया.
एक अन्य वीडियो में कुछ दूरी पर खड़े लोग दिखाई देते हैं, और एक आवाज़ सुनाई देती है, "रुको... ये पांच लोग हमसे बात करने की कोशिश कर रहे हैं... तीन भागने की कोशिश कर रहे हैं... आओ, इन्हें घेर लें..." बस, फिर थोड़ी ही देर बाद गोलियां चलने की आवाज़ें सुनाई देती हैं.
विपक्षी पार्टियां सवाल कर रही हैं कि क्या आतंकवाद, हत्या और लूटपाट के आरोपों में कोर्ट केस का सामना करने जा रहे इन लोगों को ज़िन्दा पकड़ा जा सकता था.
मध्य प्रदेश के गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह ने मंगलवार को NDTV से कहा, "पुलिस ने कहा है कि गोलियां उधर से चलीं, और फिर पुलिस के पास उन्हें मार डालने के अलावा कोई चारा नहीं था..." गौरतलब है कि एक दिन पहले ही गृहमंत्री ने कहा था कि फरार कैदियों के पास स्टील की प्लेटों और चम्मचों के अलावा कुछ नहीं था, जिनकी मदद से वे भागने में कामयाब हुए थे.
अपनी टिप्पणी के बारे में स्पष्टीकरण देते हुए भूपेंद्र सिंह ने कहा, "जब मैंने पहले कहा था कि उनके पास हथियार नहीं थे, मैं जेलब्रेक की बात कर रहा था, एनकाउंटर की नहीं..."
एक स्थानयी सरपंच मोहन सिंह वीना ने बताया कि फरार कैदी पुलिस पर 'पत्थर फेंक' रहे थे.
अब इस तरह के सवाल के उठ रहे हैं कि क्या आत्मसमर्पण करने की कोशिश कर रहे निहत्थे फरार कैदियों को मार डाला गया था, लेकिन एक शीर्ष पुलिस अधिकारी का दावा है कि उन कैदियों ने पुलिसकर्मियों पर गोलियां चलाई थीं.
इंस्पेक्टर जनरल योगेश चौधरी ने NDTV को बताया, "उन लोगों ने हम पर छह गोलियां दागीं..." योगेश चौधरी ने यह भी दावा किया कि तीन पुलिसकर्मी ज़ख्मी हुए, लेकिन गोलियों से नहीं, धारदार हथियारों से.
योगेश चौधरी ने बताया कि उन कैदियों के कब्ज़े से चार देसी कट्टे बरामद हुए हैं. उन्होंने कहा, "इस बात की जांच करनी होगी कि उन लोगों के पास ये बंदूकें पहुंचीं कैसे..."
रविवार देर रात को स्टील की प्लेटों से बनाए धारदार हथियार से एक हेड कॉन्स्टेबल रामशंकर यादव का गला रेतकर भोपाल सेंट्रल जेल से भागने के बाद लगभग आठ किलोमीटर दूर एक टीले पर इन आठ संदिग्ध आतंकवादियों को घेर लिया गया था, और गोली मारकर सभी को ढेर कर दिया गया.
पुलिस अधिकारी ने कहा कि यह अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है कि अगर उन लोगों के पास बंदूकें थीं, तो वे किसी वाहन का इंतज़ाम क्यों नहीं कर सके, और पैदल ही फरार हुए. उन्होंने बताया कि एनकाउंटर के वीडियो की भी जांच की जा रही है.
NDTV उन वीडियो की सच्चाई और प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं कर सकता है, जिनमें से एक वीडियो में एक पुलिस वाला एक निश्चेष्ट शरीर पर गोली चलाता दिखाई दे रहा है, जबकि एक अन्य वीडियो से ऐसा संकेत मिलता लगता है कि फरार कैदियों ने आत्मसमर्पण की कोशिश की थी, लेकिन उन्हें मार डाला गया.
एक अन्य वीडियो में कुछ दूरी पर खड़े लोग दिखाई देते हैं, और एक आवाज़ सुनाई देती है, "रुको... ये पांच लोग हमसे बात करने की कोशिश कर रहे हैं... तीन भागने की कोशिश कर रहे हैं... आओ, इन्हें घेर लें..." बस, फिर थोड़ी ही देर बाद गोलियां चलने की आवाज़ें सुनाई देती हैं.
विपक्षी पार्टियां सवाल कर रही हैं कि क्या आतंकवाद, हत्या और लूटपाट के आरोपों में कोर्ट केस का सामना करने जा रहे इन लोगों को ज़िन्दा पकड़ा जा सकता था.
मध्य प्रदेश के गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह ने मंगलवार को NDTV से कहा, "पुलिस ने कहा है कि गोलियां उधर से चलीं, और फिर पुलिस के पास उन्हें मार डालने के अलावा कोई चारा नहीं था..." गौरतलब है कि एक दिन पहले ही गृहमंत्री ने कहा था कि फरार कैदियों के पास स्टील की प्लेटों और चम्मचों के अलावा कुछ नहीं था, जिनकी मदद से वे भागने में कामयाब हुए थे.
अपनी टिप्पणी के बारे में स्पष्टीकरण देते हुए भूपेंद्र सिंह ने कहा, "जब मैंने पहले कहा था कि उनके पास हथियार नहीं थे, मैं जेलब्रेक की बात कर रहा था, एनकाउंटर की नहीं..."
एक स्थानयी सरपंच मोहन सिंह वीना ने बताया कि फरार कैदी पुलिस पर 'पत्थर फेंक' रहे थे.
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