इस घटना पर चर्चा के लिए 11 अप्रैल को संस्थान के संकाय सदस्यों की बैठक बुलाई गई है
बेंगलुरू:
नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी में कई छात्र शुक्रवार को निकर पहनकर कॉलेज पहुंचे। इन छात्रों ने कक्षा में निकर पहनकर आई अपनी एक सहपाठी के कपड़ों को लेकर एक शिक्षक द्वारा कथित रूप से की गई टिप्पणी से नाराज थे।
बीए- एलएलबी (ऑनर्स) तीसरे वर्ष के छात्रों की ओर से फेसबुक पर डाले गए एक पोस्ट के अनुसार, 'संबद्ध छात्रा के साथ एकजुटता दिखाने, और प्रोफेसर के खिलाफ विरोध स्वरूप, हम अपनी व्यक्तिगत अभिव्यक्ति के अधिकार का उपयोग करते हुए संबंधित प्रोफेसर की कक्षा में निकर पहनकर आए।' एक छात्र की ओर से डाले गए पोस्ट के अनुसार, प्रोफेसर ने छात्रा को ढंग के कपड़े पहनने की बात कह कर पूरी कक्षा के सामने कथित रूप से उसे सजा दी।
वहीं छात्रों के गुस्से को देख कुलपति आर. वेंकट राव ने एक बयान जारी कहा, 'घटना पर चर्चा के लिए 11 अप्रैल को संकाय सदस्यों की बैठक बुलाई जा रही है।' जिस छात्रा की बात हो रही है, उसने भी बाकी विद्यार्थियों की तरह कक्षा में निकर पहना हुआ था। उसे निकर पहने देखकर प्रोफेसर ने उसक पूरी कक्षा के सामने कथित रूप से सजा देते हुए 'ढंग के कपड़े पहनने को कहा।'
फेसबुक पोस्ट में आरोप लगाया गया है कि जब छात्रा ने प्रोफेसर के पास जाकर उनकी टिप्पणी पर आपत्ति जतायी तो, फिर से उसका अपमान किया गया और उस पर भद्दी टिप्पणियां की गईं।
छात्रा का आरोप है कि प्रोफेसर ने उसके चरित्र पर भी टिप्पणी की। इससे नाराज छात्रों ने कुलपति से इस मामले में हस्तक्षेप की मांग की। छात्रों का कहना है, 'हम ऐसे व्यवहार को बिल्कुल अस्वीकार्य मानते हैं, खास तौर से एक प्रोफेसर के व्यवहार को, जिसे छात्र अपना आदर्श समझते हैं।' उन्होंने कहा कि ऐसा व्यवहार संस्थान की आत्मा के विरुद्ध है, इसलिए ऐसी घटनाओं की आलोचना की जानी चाहिए।
छात्रों का कहना है कि प्रोफेसर छात्रा और संस्थान से सार्वजनिक रूप से माफी मांगें। उन्होंने कहा, 'हम प्रोफेसर को लैंगिक आधार पर भेदभाव करने वाला साबित नहीं करना चाहते... हम इस पर फैसला सुनाने की जिम्मेदारी स्वतंत्र ज्यूरी पर छोड़ते हैं। हमारा कहना है कि जिस तरह की अपमानजनक टिप्पणी हमारी सहपाठी के खिलाफ की गई, किसी शिक्षक को ऐसा नहीं करना चाहिए था और इस पूरे मामले में जिम्मेदारी का अभाव स्पष्ट दिख रहा है।'
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
बीए- एलएलबी (ऑनर्स) तीसरे वर्ष के छात्रों की ओर से फेसबुक पर डाले गए एक पोस्ट के अनुसार, 'संबद्ध छात्रा के साथ एकजुटता दिखाने, और प्रोफेसर के खिलाफ विरोध स्वरूप, हम अपनी व्यक्तिगत अभिव्यक्ति के अधिकार का उपयोग करते हुए संबंधित प्रोफेसर की कक्षा में निकर पहनकर आए।' एक छात्र की ओर से डाले गए पोस्ट के अनुसार, प्रोफेसर ने छात्रा को ढंग के कपड़े पहनने की बात कह कर पूरी कक्षा के सामने कथित रूप से उसे सजा दी।
वहीं छात्रों के गुस्से को देख कुलपति आर. वेंकट राव ने एक बयान जारी कहा, 'घटना पर चर्चा के लिए 11 अप्रैल को संकाय सदस्यों की बैठक बुलाई जा रही है।' जिस छात्रा की बात हो रही है, उसने भी बाकी विद्यार्थियों की तरह कक्षा में निकर पहना हुआ था। उसे निकर पहने देखकर प्रोफेसर ने उसक पूरी कक्षा के सामने कथित रूप से सजा देते हुए 'ढंग के कपड़े पहनने को कहा।'
फेसबुक पोस्ट में आरोप लगाया गया है कि जब छात्रा ने प्रोफेसर के पास जाकर उनकी टिप्पणी पर आपत्ति जतायी तो, फिर से उसका अपमान किया गया और उस पर भद्दी टिप्पणियां की गईं।
छात्रा का आरोप है कि प्रोफेसर ने उसके चरित्र पर भी टिप्पणी की। इससे नाराज छात्रों ने कुलपति से इस मामले में हस्तक्षेप की मांग की। छात्रों का कहना है, 'हम ऐसे व्यवहार को बिल्कुल अस्वीकार्य मानते हैं, खास तौर से एक प्रोफेसर के व्यवहार को, जिसे छात्र अपना आदर्श समझते हैं।' उन्होंने कहा कि ऐसा व्यवहार संस्थान की आत्मा के विरुद्ध है, इसलिए ऐसी घटनाओं की आलोचना की जानी चाहिए।
छात्रों का कहना है कि प्रोफेसर छात्रा और संस्थान से सार्वजनिक रूप से माफी मांगें। उन्होंने कहा, 'हम प्रोफेसर को लैंगिक आधार पर भेदभाव करने वाला साबित नहीं करना चाहते... हम इस पर फैसला सुनाने की जिम्मेदारी स्वतंत्र ज्यूरी पर छोड़ते हैं। हमारा कहना है कि जिस तरह की अपमानजनक टिप्पणी हमारी सहपाठी के खिलाफ की गई, किसी शिक्षक को ऐसा नहीं करना चाहिए था और इस पूरे मामले में जिम्मेदारी का अभाव स्पष्ट दिख रहा है।'
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
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