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अब बहुत जल्द ये संभव है कि आपको अपनी बाइक और कार के इंश्योरेंस के पेपर साथ लेकर ना चलना पड़े। सरकार बहुत जल्द एक ऐसी व्यवस्था लागू करने की तैयारी कर रही है जिसमें इंश्योरेंस को डिजिटल बना दिया जाएगा।
इंश्योरेंस रेग्युलेटरी ऑथोरिटी डिजिटल मोटर इंश्योरेंस लागू करने जा रही है जिसे 'ई-वाहन बीमा' नाम दिया गया है। फिलहाल ये सेवा तेलंगाना में लागू कर दी गई है और उम्मीद है कि देश के बाकी राज्यों में भी इस सेवा को जल्द ही लागू कर दिया जाएगा।
ई-वाहन बीमा की खास बातें:
1. 'ई-वाहन बीमा' एक इंश्योरेंस कंपनी द्वारा जारी की गई डिजिटल मोटर पॉलिसी होगी जिसमें क्विक रिस्पॉन्स कोड (QR Code) होगा। इस क्विक रिस्पॉन्स कोड में ही गाड़ी के इंश्योरेंस पॉलिसी से जुड़ी सारी जानकारी दी होगी।
2. ट्रैफिक पुलिस इस क्विक रिस्पॉन्स कोड (QR Code) को स्कैन कर गाड़ी की इंश्योरेंस पॉलिसी से जुड़ी सारी जानकारी ले सकेगी। ये जानकारी इंश्योरेंस कंपनी या इंश्योरेंस इंफॉर्मेशन ब्यूरो के डाटाबेस के ज़रिए दी जाएगी।
3. इंश्योरेंस रेग्युलेटर ने सभी इंश्योरेंस कंपनी को इस बाबत निर्देश जारी कर दिए हैं। फिलहाल ये सेवा तेलंगाना में 1 दिसंबर 2015 से लागू कर दी गई है। हालांकि, अभी तेलंगाना में इलेक्ट्रॉनिक कॉपी के साथ साथ नॉर्मेल इंश्योरेंस पॉलिसी भी रखी जा रही है।
4. इस डिजिटल कोड के आ जाने के बाद नकली पॉलिसी को आसानी से पकड़ा जा सकेगा। QR कोड की मदद से इसे आसानी से वेरिफाई किया जा सकता है।
5. मोटर व्हीकल एक्ट, 1988 के तहत बिना थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के बाइक या कार चलाना कानूनन जुर्म है और इसके लिए सज़ा का भी प्रावधान है।
6. इंश्योरेंस के रिनिवल के बाद पॉलिसी होल्डर के पास उसकी डिजिटल कॉपी ई-मेल के ज़रिए भेज दी जाएगी। इस डिजिटल कॉपी को स्मार्टफोन के ज़रिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
7. अगर पॉलिसी होल्डर के पास ई-मेल आईडी नहीं है तो उन्हें एसएमएस द्वारा जानकारी दी जाएगी जिसमें इंश्योरेंस से जुड़ी सारे डिटेल होंगे।
8. इस सेवा के बहाल होने से इंश्योरेंस कंपनियों का भी फायदा होगा। कई बार पॉलिसी की कॉपी ना मिलने और कई कागज़ी कार्रवाई की वजह से कंपनियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता था।
9. गाड़ियों के लिए इंश्योरेंस पॉलिसी जारी करने की प्रक्रिया को और आसान बनाने के लिए रेग्युलेटर ने केवाईसी की व्यवस्था को भी हटा दिया है।
इंश्योरेंस रेग्युलेटरी ऑथोरिटी डिजिटल मोटर इंश्योरेंस लागू करने जा रही है जिसे 'ई-वाहन बीमा' नाम दिया गया है। फिलहाल ये सेवा तेलंगाना में लागू कर दी गई है और उम्मीद है कि देश के बाकी राज्यों में भी इस सेवा को जल्द ही लागू कर दिया जाएगा।
ई-वाहन बीमा की खास बातें:
1. 'ई-वाहन बीमा' एक इंश्योरेंस कंपनी द्वारा जारी की गई डिजिटल मोटर पॉलिसी होगी जिसमें क्विक रिस्पॉन्स कोड (QR Code) होगा। इस क्विक रिस्पॉन्स कोड में ही गाड़ी के इंश्योरेंस पॉलिसी से जुड़ी सारी जानकारी दी होगी।
2. ट्रैफिक पुलिस इस क्विक रिस्पॉन्स कोड (QR Code) को स्कैन कर गाड़ी की इंश्योरेंस पॉलिसी से जुड़ी सारी जानकारी ले सकेगी। ये जानकारी इंश्योरेंस कंपनी या इंश्योरेंस इंफॉर्मेशन ब्यूरो के डाटाबेस के ज़रिए दी जाएगी।
3. इंश्योरेंस रेग्युलेटर ने सभी इंश्योरेंस कंपनी को इस बाबत निर्देश जारी कर दिए हैं। फिलहाल ये सेवा तेलंगाना में 1 दिसंबर 2015 से लागू कर दी गई है। हालांकि, अभी तेलंगाना में इलेक्ट्रॉनिक कॉपी के साथ साथ नॉर्मेल इंश्योरेंस पॉलिसी भी रखी जा रही है।
4. इस डिजिटल कोड के आ जाने के बाद नकली पॉलिसी को आसानी से पकड़ा जा सकेगा। QR कोड की मदद से इसे आसानी से वेरिफाई किया जा सकता है।
5. मोटर व्हीकल एक्ट, 1988 के तहत बिना थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के बाइक या कार चलाना कानूनन जुर्म है और इसके लिए सज़ा का भी प्रावधान है।
6. इंश्योरेंस के रिनिवल के बाद पॉलिसी होल्डर के पास उसकी डिजिटल कॉपी ई-मेल के ज़रिए भेज दी जाएगी। इस डिजिटल कॉपी को स्मार्टफोन के ज़रिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
7. अगर पॉलिसी होल्डर के पास ई-मेल आईडी नहीं है तो उन्हें एसएमएस द्वारा जानकारी दी जाएगी जिसमें इंश्योरेंस से जुड़ी सारे डिटेल होंगे।
8. इस सेवा के बहाल होने से इंश्योरेंस कंपनियों का भी फायदा होगा। कई बार पॉलिसी की कॉपी ना मिलने और कई कागज़ी कार्रवाई की वजह से कंपनियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता था।
9. गाड़ियों के लिए इंश्योरेंस पॉलिसी जारी करने की प्रक्रिया को और आसान बनाने के लिए रेग्युलेटर ने केवाईसी की व्यवस्था को भी हटा दिया है।
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