विज्ञापन
This Article is From Oct 08, 2018

मध्य प्रदेश चुनाव पर कांग्रेस नेता कमलनाथ की याचिका, सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा

कपिल सिब्बल ने कमलनाथ की ओर से कहा कि हमने चुनाव आयोग को मध्य प्रदेश की मतदाता लिस्ट में गड़बड़ी संबंधी जानकारी दी थी.

मध्य प्रदेश चुनाव पर कांग्रेस नेता कमलनाथ की याचिका, सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा
कमलनाथ की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है.
नई दिल्ली:

मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव से संबंधित कांग्रेस नेता कमलनाथ की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान कपिल सिब्बल ने कमलनाथ की ओर से कहा कि हमने चुनाव आयोग को मध्य प्रदेश की मतदाता लिस्ट में गड़बड़ी संबंधी जानकारी दी थी. चुनाव आयोग ने झूठा जवाब दाखिल किया है. सिब्बल ने कहा कि हम हैरान हैं कि चुनाव आयोग ये कैसे कह सकता है कि हमारे खिलाफ कार्रवाई हो, जबकि चुनाव आयोग ने खुद ही ये लिस्ट दी है. सिब्बल ने कहा इस मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए. दूसरी तरफ, चुनाव आयोग ने कहा कि आयोग को फोटो के साथ 13 मतदाताओं की सूची नहीं दी गई. जो फोटोकॉपी याचिकाकर्ता ने दी है उनमें मतदाताओं की तस्वीर साफ नहीं है, लेकिन चुनाव आयोग के पास उनकी स्पष्ट तस्वीर है.  चुनाव आयोग ने कहा कि पहली ड्राफ्ट मतदाता सूची 19 जनवरी को जारी हुई, फिर मई में संशोधन किया गया. 

यह भी पढ़ें : फर्जी वोटर मामला : कमलनाथ ने दी चुनौती- कांग्रेस के आरोप गलत हैं तो चुनाव आयोग साबित करे

चुनाव आयोग ने कहा कि मतदाता सूची ठीक कर दी गई है और कांग्रेस सिर्फ कोर्ट से अपने पक्ष में फैसला चाहती है. सुप्रीम कोर्ट ने कमलनाथ की याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है. दूसरी तरफ, कमलाथ की विधानसभा चुनाव में दस फीसदी बूथों पर वीवीपीएटी का औचक परीक्षण करने की अर्जी पर चुनाव आयोग ने कहा कि वीवीपीएटी सभी बूथों पर रहेगी, लेकिन कहां पर औचक निरीक्षण हो ये चुनाव अायोग का अधिकार है. इस मामले में भी आदेश सुरक्षित है. इससे पहले चुनाव आयोग ने कहा था कि याचिकाकर्ता ने जहां से मतदाता सूची का डेटा लिया है वो गलत है. आयोग ने कहा कि जानबूझ कर कोर्ट में गलत दस्तावेज दिए गए. चुनाव आयोग ने मांग की थी कि कांग्रेस याचिकाकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. चुनाव आयोग ने कहा, जहां मतदाता सूची में कुछ गड़बड़ी थी वहां तुरंत कार्रवाई की. याचिकाकर्ता के ये आरोप बेबुनियाद है कि हमनें कुछ नही किया. सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा था कि ये लिस्ट क्या है? याचिकाकर्ता ने कहा कि जो पब्लिक डोमेन में था उसे हमनें कोर्ट के सामने पेश किया.

यह भी पढ़ें : क्या PM मोदी की रैली की वजह से बदला गया चुनाव आयोग के प्रेस कॉन्फ्रेंस का वक्त

याचिकाकर्ता की तरफ से कहा गया कि चुनाव आयोग का कहना गलत है कि ये कोर्ट का फैसला अपने हक में करने के लिए किया गया है, जबकि हमनें इसकी जानकारी मुख्य चुनाव आयुक्त को दी थी. इससे पहले मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ और राजस्थान कांग्रेस की ओर से सचिन पायलट की याचिका पर चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में अपना जवाब दाखिल कर दिया था.चुनाव आयोग ने हलफ़नामा दायर कर कहा कि वह कांग्रेस और उसके नेताओं के बताए तरीकों के अनुसार देश में चुनाव कराने के लिए कतई बाध्य नहीं है. आयोग ने अपने हलफनामे में कहा कि कांग्रेस एक खास अंदाज में चुनाव कराने के दिशा-निर्देश जारी न करवाए, क्योंकि चुनाव आयोग पहले से ही कानूनी प्रावधान के तहत चुनाव कराता है. आयोग का कहना है कि कांग्रेस की याचिका आधारहीन है और इसलिए सुप्रीम कोर्ट कमलनाथ की याचिका खारिज करे और जुर्माना लगाए. 

यह भी पढ़ें : मुरैना में राहुल गांधी ने की मोदी सरकार से मांग, उद्योगपतियों की तरह किसानों के भी 3 लाख करोड़ रुपये कर्ज माफ हो

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Previous Article
पीएम मोदी ने कहा- वाम और कांग्रेस एक ही सिक्‍के के दो पहलू, 'दिल्‍ली में दोस्‍ती, त्रिपुरा में कुश्‍ती' नहीं चलेगी
मध्य प्रदेश चुनाव पर कांग्रेस नेता कमलनाथ की याचिका, सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा
कर्नाटक चुनाव परिणाम: सिद्धारमैया का सबसे बड़ा दांव क्या कांग्रेस पर ही पड़ा भारी? BJP की जीत के 10 बड़े कारण
Next Article
कर्नाटक चुनाव परिणाम: सिद्धारमैया का सबसे बड़ा दांव क्या कांग्रेस पर ही पड़ा भारी? BJP की जीत के 10 बड़े कारण
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com