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This Article is From May 22, 2018

कर्नाटक की वो 5 विभूतियां, जिनके इर्द-गिर्द घूमता नजर आया चुनाव

इस बार कर्नाटक का चुनाव तमाम मुद्दों के साथ-साथ राज्य की 'अस्मिता' के इर्द-गिर्द भी घूमता नजर आया.

कर्नाटक की वो 5 विभूतियां, जिनके इर्द-गिर्द घूमता नजर आया चुनाव
इस बार कर्नाटक चुनाव राज्य की 'अस्मिता' के इर्दगिर्द घूमता नजर आया.
नई दिल्ली: कर्नाटक में चुनाव समाप्त हो गया है. इन चुनावों में भाजपा सबसे बड़े दल के रूप में उभरकर सामने आई और उसे कुल 104 सीटें मिलीं. वहीं कांग्रेस के खाते में 78 और जेडीएस के खाते में 38 सीटें गईं. जबकि 2 सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार जीते. हालांकि बहुमत के लिए जरूरी 112 सीटों तक कोई भी पार्टी नहीं पहुंच पाई. राज्यपाल के निमंत्रण पर भाजपा नेता बीएस येदियुरप्पा ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, लेकिन वे 'ढाई दिन के मुख्यमंत्री' बनकर ही रह गए. फ्लोर टेस्ट से पहले ही उन्होंने इस्तीफा दे दिया. अब राज्य में कांग्रेस और जेडीएस मिलकर सरकार बनाने की तैयारी में हैं. थोड़ा पीछे मुड़कर देखें तो इस बार कर्नाटक का चुनाव तमाम मुद्दों के साथ-साथ राज्य की 'अस्मिता' के इर्द-गिर्द भी घूमता नजर आया.

खासकर भाजपा ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान राज्य की अस्मिता और संस्कृति का मुद्दा जोर-शोर से उठाया और इस बहाने विपक्षियों पर वार भी किया. खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने भाषणों में रानी चेनम्मा, मडकरी नायक और एस. निजलिंगप्पा जैसी विभूतियों का नाम लेते दिखे और इसी बहाने विपक्षी कांग्रेस पर निशाना भी साधा. एक चुनावी सभा में तो उन्होंने यहां तक कहा कि कर्नाटक सरकार राज्य की 'महान विभूतियों' को भूल 'सुलतानों' की जयंती मनाने में व्यस्त है. आइये एक नजर डालते हैं कर्नाटक की उन 5 विभूतियों पर जिनका जिक्र इस चुनाव में बार-बार आया. 

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1 - रानी चेनम्मा :
कर्नाटक में चुनाव के दौरान रानी चेनम्मा का नाम बार-बार लिया गया. कर्नाटक के कित्तूर राज्य (पूर्ववर्ती प्रिंसली स्टेट) की रानी चेनम्मा का नाम भारत की स्वतंत्रता के लिये संघर्ष करने वाले सबसे पहले शासकों में लिया जाता है. अंग्रेजों के दांत खट्टे करने वाली रानी चेनम्मा के जरिये तमाम दल खुद को महिला हितों के प्रहरी के तौर पर दिखाने का प्रयास करते रहे. भाजपा अध्यक्ष अमित शाह उनके मेमोरियल पर गए और उन्होंने रानी चेनम्मा के नाम पर एक पुलिस यूनिट की घोषणा भी की. ॉ

2 - मदकरी नायक : 
पीएम नरेंद्र मोदी ने अपनी सभाओं में मदकरी नायक का नाम लिया और उन्हें साहस-वीरता का प्रतीक और कर्नाटक का 'आइकन' बताया. चित्रदुर्ग के अंतिम शासक मदकरी नायक ने मैसूर पर हैदर अली के हमले के दौरान उनसे लोहा लिया था इस लड़ाई में जान गंवा बैठे थे. पीएम ने कहा कि कर्नाटक की कांग्रेस सरकार में मदकरी नायक को भुला दिया गया, जबकि 'सुलतानों' की जयंती मनाई जा रही है. उनका इशारा टीपू सुलतान की तरफ था. 

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3 - ओनेक ओबावा :
चित्रदुर्ग पर हमले के दौरान ओनेक ओबावा ने हैदर अली की सेना से दो-दो हाथ किये थे. आज भी कर्नाटक में तमाम किस्से-कहानियों में उनके चर्चे हैं और वीरता की मिसाल दी जाती है. चुनाव के दौरान राजनीतिक दलों ने ओनेक ओबावा का भी नाम लिया. खासकर भाजपा ने उन्हें 'स्थानीय शूरमा' की संज्ञा दी और कांग्रेस पर उनकी अनदेखी का आरोप लगाया.

4 - एस. निजलिंगप्पा :
इन चुनावों में कर्नाटक के पूर्व सीएम एस.निजलिंगप्पा का नाम भी जोर-शोर से लिया गया. पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस नेता और सीएम एस.निजलिंगप्पा ने जब नेहरू की नीतियों पर सवाल उठाये तो उन्हें ही पार्टी ने किनारे कर दिया. पीएम ने इसके जरिये कांग्रेस के परिवारवाद पर निशाना साधा और कहा कि उन्हें (कांग्रेस) को किसी का हस्तक्षेप पसंद नहीं है. 

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5 - जनरल केएस थिमय्या :
चुनावी अभियान में जनरल केएस थिमय्या भी चर्चा का केंद्र बने रहे. इंडो-चाइना वार (भारत-चीन युद्ध) के दौरान चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ रहे जनरल थिमय्या को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि नेहरू ने उनकी काबिलियत को नजरअंदाज किया और रिजाइन करने पर मजबूर किया. हालांकि पीएम के इस बयान को कांग्रेस ने तथ्यात्मक रूप से गलत बताया और जवाबी तर्क रखा. 


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