उत्तर प्रदेश चुनाव 2017 : 'मोदी लहर' के पीछे इस फार्मूले ने लिखी जीत की इबारत

उत्तर प्रदेश चुनाव 2017 : 'मोदी लहर' के पीछे इस फार्मूले ने लिखी जीत की इबारत

मोदी लहर में 325 सीटें पर भागवा ध्वज लहराया है...

खास बातें

  • बीजेपी के लिए उत्तर प्रदेश में 14 वर्ष का बनवास खत्म हो गया है
  • मोदी लहर में जहां सपा, बसपा और कांग्रेस का बुरा हाल कर दिया
  • मोदी ने आक्रामक प्रचार से अखिलेश के विकास मॉडल की हवा निकाली
नई दिल्ली:

बीजेपी के लिए 14 वर्ष का बनवास खत्म हो गया और भाजापा को प्रचंड बहुमत हासिल हुआ है. मोदी लहर में जहां सपा, बसपा और कांग्रेस का बुरा हाल कर दिया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने आक्रामक प्रचार से अखिलेश यादव के विकास मॉडल की हवा निकाल दी और समाजवादी पार्टी को महज 47 सीटें ही मिल पाईं. यह सपा का पिछले 25 वर्षों में अभी तक का सबसे खराब प्रदर्शन है. बसपा सुप्रीमो मायावती का राजनीतिक भविष्य भी लगभग समाप्त हो गया है.

बसपा की जातिगत राजनीति को भी पीएम मोदी और अमित शाह की जोड़ी ने लगभग खत्म सा कर दिया है. मोदी लहर को राम लहर से भी बड़ा बताया जा रहा है. 1991 की राम लहर में बीजेपी को 221 सीटें मिली थी और अब मोदी लहर में 325 सीटें पर भागवा ध्वज लहराया है. मोदी लहर में अमित शाह ने अपने पसंदीदा फार्मूले का इस्तेमाल इस बार भी किया और 2014 के लोकसभा चुनाव की तरह सफलता पाने में कामयाब रहे. ये फार्मूला है दागी और बागी का. आइये इस पर विस्तार से नजर डालते हैं:

1. बागियों पर सबसे ज्यादा भरोसा
भाजपा ने सपा-बसपा और कांग्रेस से आए बागियों को तरजीह थी. भाजपा ने 20 बागियों को चुनाव मैदान में उतारा जिसमें 17 उम्मीदवार जीतने में कामयाब रहे. वहीं, सपा ने 9 बागी मैदान में उतारे लेकिन केवल 1 को ही सफलता मिल पाई. बसपा की बात करें तो उसने 7 उम्मीदवारों पर दां आजमाया लेकिन केवल 2 को ही विजय श्री मिल पाई. बागियों यानी दूसरे दल से शामिल हुए प्रत्याशियों के मामले में उत्तराखंड में भी भाजपा ने यहीं दांव चला जो कि सफल रहा. 2014 के लोकसभा चुनाव में भी पार्टी ने इसी फार्मूले को आजमाया था और कामयाबी हासिल करने में सफल रही थी. जानकारों का कहना है कि यह अमित शाह और मोदी की जोड़ी ने इस फार्मूले पर ही गुजरात में तीन बार बीजेपी को सत्ता दिलाई.

2 दागियों को सबसे ज्यादा तरजीह
विधानसभा चुनाव में दूसरा महत्वपूर्ण फैक्टर दागियों को टिकट देना भी रह. बीजेपी ने सबसे ज्यादा 143 दागियों पर भरोसा किया और उनमें से 116 ने जीत का परचम लहराया है. दागियों को सबसे ज्यादा टिकट 2014 के लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी ने बांटे थे और सफलता पाई थी. दागियों को टिकट देने के मामले में सपा-बसपा दूसरे और तीसरे नंबर पर रहीं लेकिन उनकी सफलता का प्रतिशत कम रहा. सपा के 150 दागी उम्मीदवारों में से महज 17 और जबकि बसपा के 147 दागी उम्मीदवारों में से केवल 5 ही जीत पाए. 


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