यूपी विधानसभा चुनाव समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने गठबंधन के तहत लड़ा था...
लखनऊ:
लखनउ (मध्य) विधानसभा सीट पर मामूली अंतर से चुनाव हारे समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता रविदास मेहरोत्रा ने अपनी पराजय के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा है कि वह इस पार्टी से गठबंधन जारी रखने को लेकर पार्टी फोरम पर अपनी राय रखेंगे.
मेहरोत्रा ने कहा कि कांग्रेस से सपा के गठबंधन के बावजूद लखनऊ (मध्य) सीट पर कांग्रेस ने मारूफ खां के रूप में अपना प्रत्याशी उतारकर उन्हें चुनाव हरवा दिया. इस क्षेत्र में प्रदेश विधानभवन के साथ-साथ तमाम वीआईपी क्षेत्र आते हैं और यहां उन्हें पराजय मिलने से न सिर्फ उनकी छवि खराब हुई है, बल्कि पूरे प्रदेश में सपा के खिलाफ गलत संदेश भी गया है.
उन्होंने कहा कि उनकी हार के लिए कांग्रेस जिम्मेदार है. इस पार्टी के प्रत्याशी ने करीब 13,000 वोट काट लिए. अगर कांग्रेस अपना उम्मीदवार खड़ा न करती, तो वे वोट उन्हें मिल जाते और उन्हें भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) प्रत्याशी बृजेश पाठक के हाथों 5,094 मतों से पराजय का सामना न करना पड़ता.
इस सवाल पर कि क्या वह कांग्रेस के साथ गठबंधन को आगे जारी रखने का विरोध करते हैं, मेहरोत्रा ने कहा कि वह इस बारे में पार्टी फोरम के सामने अपनी बात रखेंगे.
मालूम हो कि प्रदेश की निवर्तमान अखिलेश यादव सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे मेहरोत्रा को बीजेपी प्रत्याशी बृजेश पाठक से 5,094 मतों से हार का सामना करना पड़ा है. लखनऊ (मध्य) सीट पर मुस्लिम मतदाताओं की तादाद करीब 28 प्रतिशत है, और माना जा रहा है कि कांग्रेस की तरफ से मारूफ खां के खड़े होने से यह वोट बंट गया और बीजेपी को फायदा हो गया.
(इनपुट भाषा से भी)
मेहरोत्रा ने कहा कि कांग्रेस से सपा के गठबंधन के बावजूद लखनऊ (मध्य) सीट पर कांग्रेस ने मारूफ खां के रूप में अपना प्रत्याशी उतारकर उन्हें चुनाव हरवा दिया. इस क्षेत्र में प्रदेश विधानभवन के साथ-साथ तमाम वीआईपी क्षेत्र आते हैं और यहां उन्हें पराजय मिलने से न सिर्फ उनकी छवि खराब हुई है, बल्कि पूरे प्रदेश में सपा के खिलाफ गलत संदेश भी गया है.
उन्होंने कहा कि उनकी हार के लिए कांग्रेस जिम्मेदार है. इस पार्टी के प्रत्याशी ने करीब 13,000 वोट काट लिए. अगर कांग्रेस अपना उम्मीदवार खड़ा न करती, तो वे वोट उन्हें मिल जाते और उन्हें भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) प्रत्याशी बृजेश पाठक के हाथों 5,094 मतों से पराजय का सामना न करना पड़ता.
इस सवाल पर कि क्या वह कांग्रेस के साथ गठबंधन को आगे जारी रखने का विरोध करते हैं, मेहरोत्रा ने कहा कि वह इस बारे में पार्टी फोरम के सामने अपनी बात रखेंगे.
मालूम हो कि प्रदेश की निवर्तमान अखिलेश यादव सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे मेहरोत्रा को बीजेपी प्रत्याशी बृजेश पाठक से 5,094 मतों से हार का सामना करना पड़ा है. लखनऊ (मध्य) सीट पर मुस्लिम मतदाताओं की तादाद करीब 28 प्रतिशत है, और माना जा रहा है कि कांग्रेस की तरफ से मारूफ खां के खड़े होने से यह वोट बंट गया और बीजेपी को फायदा हो गया.
(इनपुट भाषा से भी)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं