अमरिंदर ने कहा, मैं पंजाब के पानी की सुरक्षा के लिए किसी भी आदेश का उल्लंघन करूंगा (फाइल फोटो)
जालंधर:
पंजाब में पानी की समस्या के लिए मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल की सरकारों को जिम्मेदार बताते हुए पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने रविवार को जालंधर में कहा कि वह अदालती आदेश का उल्लंघन कर जेल जाने के लिए तैयार हैं, लेकिन किसी भी सूरत में वह एक बूंद पानी प्रदेश से बाहर नहीं जाने देंगे.
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पूर्व सैनिकों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, 'मैं पंजाब के पानी की सुरक्षा के लिए, उसे बचाने के लिए किसी भी आदेश का उल्लंघन करूंगा. मैं सलाखों के पीछे जाने के लिए तैयार हूं, लेकिन किसी भी सूरत में एक बूंद पानी पंजाब के बाहर नहीं जाने दूंगा.'
अमरिंदर ने आरोप लगाया, 'सतलुज यमुना लिंक नहर के लिए प्रकाश सिंह बादल और उनकी सरकार ही जिम्मेदार है इसलिए मैं जनता से अपील करता हूं कि न केवल पानी बल्कि प्रदेश की सुरक्षा के लिए कांग्रेस को दो-तिहाई बहुमत से विजयी बनाएं, ताकि राज्य के हित में कड़े निर्णय लेने में सफलता मिले.'
उन्होंने कहा, 'राज्य के पुनर्गठन में पंजाब के साथ अन्याय हुआ था. राज्य को साठ फीसदी जमीन तो मिल गई, लेकिन पानी केवल 40 फीसदी मिला क्योंकि यमुना नदी का पानी हरियाणा के साथ नहीं बांटा गया था. अगर लिंक नहर का निर्माण होता है, तो दक्षिणी पंजाब की करीब 10 लाख हेक्टेयर जमीन सूखी रह जाएगी, जिसे रोकने के लिए अगली कांग्रेस सरकार विधानसभा में सख्त कानून पारित कराएगी.'
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पूर्व सैनिकों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, 'मैं पंजाब के पानी की सुरक्षा के लिए, उसे बचाने के लिए किसी भी आदेश का उल्लंघन करूंगा. मैं सलाखों के पीछे जाने के लिए तैयार हूं, लेकिन किसी भी सूरत में एक बूंद पानी पंजाब के बाहर नहीं जाने दूंगा.'
अमरिंदर ने आरोप लगाया, 'सतलुज यमुना लिंक नहर के लिए प्रकाश सिंह बादल और उनकी सरकार ही जिम्मेदार है इसलिए मैं जनता से अपील करता हूं कि न केवल पानी बल्कि प्रदेश की सुरक्षा के लिए कांग्रेस को दो-तिहाई बहुमत से विजयी बनाएं, ताकि राज्य के हित में कड़े निर्णय लेने में सफलता मिले.'
उन्होंने कहा, 'राज्य के पुनर्गठन में पंजाब के साथ अन्याय हुआ था. राज्य को साठ फीसदी जमीन तो मिल गई, लेकिन पानी केवल 40 फीसदी मिला क्योंकि यमुना नदी का पानी हरियाणा के साथ नहीं बांटा गया था. अगर लिंक नहर का निर्माण होता है, तो दक्षिणी पंजाब की करीब 10 लाख हेक्टेयर जमीन सूखी रह जाएगी, जिसे रोकने के लिए अगली कांग्रेस सरकार विधानसभा में सख्त कानून पारित कराएगी.'
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