अरविंद केजरीवाल की फाइल तस्वीर
नई दिल्ली / चंडीगढ़:
चुनाव आयोग द्वारा आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश देने के बाद सोमवार को केजरीवाल ने रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर और कांग्रेस नेता अमरिंदर सिंह के खिलाफ भी इसी तरह की कार्रवाई की मांग की. उन्होंने चुनाव आयोग पर तंज कसते हुए यह भी कहा कि उसे इसके लिए पीएमओ से इजाजत ले लेनी चाहिए.
मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी को चुटीले अंदाज में लिखे पत्र में केजरीवाल ने दावा किया कि जिस तरह के बयान के लिए उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने को कहा गया है, गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री पर्रिकर ने भी इस तरह का बयान दिया था और लोगों से कहा था कि दूसरे दलों से पैसा ले लें, लेकिन वोट कमल को दें. खबरों का जिक्र करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री ने यह आरोप भी लगाया कि पंजाब में कांग्रेस के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार सिंह ने भी इस तरह का बयान दिया था.
पंजाब में प्रचार में लगे केजरीवाल ने पत्र में लिखा, 'अगर मेरे ऊपर प्राथमिकी दर्ज की जा सकती है तो मैं उम्मीद करता हूं कि चुनाव आयोग इन दोनों नेताओं के खिलाफ भी कार्रवाई के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय की इजाजत मांगेगा. मैं चुनाव आयोग से अनुरोध करता हूं कि उतना ही उत्साह और फुर्ती दिखाए, जितना मेरे खिलाफ दिखाया था और इन दोनों नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करे.' उन्होंने पत्र में कहा, 'चुनाव आयोग को पीएमओ से जल्द से जल्द अनुमति ले लेनी चाहिए और दोनों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करानी चाहिए.'
केजरीवाल ने कहा कि चुनाव आयोग ने उनके मामले में इस कदर फुर्ती दिखाई कि दिल्ली की एक अदालत के जनवरी 2016 के आदेश की भी अनदेखी कर दी गई जिसमें अदालत ने इस तरह के बयानों के मामले में उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग को खारिज कर दिया था. इस बीच आप ने चुनाव आयोग पर अपना हमला तेज किया और माफी मांगने तक को कहा.
'आप' के पंजाब प्रवक्ता चंद्र सुता डोगरा ने ट्वीट किया, 'अगर चुनाव आयोग में रत्ती भर शर्म बची है तो प्राथमिकी वापस ले लेनी चाहिए और अरविंद केजरीवाल से माफी मांगनी चाहिए. जनता की मदद लें और मोदी की तानाशाही से बचें.' केजरीवाल ने इसे रीट्वीट किया.
मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी को चुटीले अंदाज में लिखे पत्र में केजरीवाल ने दावा किया कि जिस तरह के बयान के लिए उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने को कहा गया है, गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री पर्रिकर ने भी इस तरह का बयान दिया था और लोगों से कहा था कि दूसरे दलों से पैसा ले लें, लेकिन वोट कमल को दें. खबरों का जिक्र करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री ने यह आरोप भी लगाया कि पंजाब में कांग्रेस के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार सिंह ने भी इस तरह का बयान दिया था.
पंजाब में प्रचार में लगे केजरीवाल ने पत्र में लिखा, 'अगर मेरे ऊपर प्राथमिकी दर्ज की जा सकती है तो मैं उम्मीद करता हूं कि चुनाव आयोग इन दोनों नेताओं के खिलाफ भी कार्रवाई के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय की इजाजत मांगेगा. मैं चुनाव आयोग से अनुरोध करता हूं कि उतना ही उत्साह और फुर्ती दिखाए, जितना मेरे खिलाफ दिखाया था और इन दोनों नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करे.' उन्होंने पत्र में कहा, 'चुनाव आयोग को पीएमओ से जल्द से जल्द अनुमति ले लेनी चाहिए और दोनों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करानी चाहिए.'
केजरीवाल ने कहा कि चुनाव आयोग ने उनके मामले में इस कदर फुर्ती दिखाई कि दिल्ली की एक अदालत के जनवरी 2016 के आदेश की भी अनदेखी कर दी गई जिसमें अदालत ने इस तरह के बयानों के मामले में उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग को खारिज कर दिया था. इस बीच आप ने चुनाव आयोग पर अपना हमला तेज किया और माफी मांगने तक को कहा.
'आप' के पंजाब प्रवक्ता चंद्र सुता डोगरा ने ट्वीट किया, 'अगर चुनाव आयोग में रत्ती भर शर्म बची है तो प्राथमिकी वापस ले लेनी चाहिए और अरविंद केजरीवाल से माफी मांगनी चाहिए. जनता की मदद लें और मोदी की तानाशाही से बचें.' केजरीवाल ने इसे रीट्वीट किया.
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