
अखिलेश यादव का कहना है कि वह हर सीट से चुनाव लड़ रहे हैं.
- लखनऊ के सरोजनी नगर सीट से चुनाव लड़ने के लगाए जा रहे कयास
- लखनऊ कैंट से ही परिवार की अन्य सदस्य अपर्णा यादव भी लड़ रही चुनाव
- हालांकि अखिलेश यादव के चुनाव लड़ने की संभावना काफी कम
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नई दिल्ली:
सपा और कांग्रेस के बीच गठबंधन के बाद लखनऊ के सियासी हलकों में अखिलेश यादव के चुनाव लड़ने की चर्चा हो रही है. लखनऊ की सरोजनी नगर सीट से अखिलेश यादव के चुनाव लड़ने के कयास लगाए जा रहे हैं. हालांकि यह भी स्पष्ट है कि मुलायम सिंह की छोटी बहू अपर्णा यादव पहले ही लखनऊ कैंट सीट से सपा की प्रत्याशी घोषित की जा चुकी हैं. ऐसे में अखिलेश के भी लखनऊ से चुनाव लड़ने की कम संभावना है.
दरअसल उनके चुनाव लड़ने की चर्चा तब शुरू हुई जब शुक्रवार को मुख्यमंत्री ने लखनऊ की नगर एवं जिला इकाई की बैठक बुलाने का फैसला किया. इस पर नगर इकाई के पदाधिकारियों ने कहा कि वह उन्हें सरोजनी नगर सीट से चुनाव लड़ने का प्रस्ताव देंगे. फिलहाल इस सीट से सपा के शारदा प्रताप शुक्ला विधायक हैं.
इससे पहले अखिलेश यादव के बुंदेलखंड की किसी सीट से चुनाव लड़ने की चर्चा चली थी. हालांकि उन्होंने तब तस्वीर साफ करते हुए कहा था कि वह तो सूबे की हर सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. उसके बाद अब लखनऊ से उनके चुनाव लड़ने की चर्चा हो रही है.
उल्लेखनीय है कि सपा और कांग्रेस के बीच गठबंधन के तहत इस बार के चुनावों में सपा 298 सीटों और कांग्रेस 105 सीटों पर चुनाव लड़ने जा रही है. इस संबंध में रविवार को अखिलेश यादव और राहुल गांधी रविवार को पत्रकारों से बातचीत करेंगे और गठबंधन पर अपनी राय रखेंगे. उस कार्यक्रम में ये नेता नया चुनावी नारा - 'यूपी को यह साथ पसंद है' - जारी करेंगे, जो कांग्रेस के चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की तरफ से दिया गया है. इस नारे के ज़रिये अखिलेश यादव और राहुल गांधी की जोड़ी को जनता के सामने यूथ आइकॉन के रूप में पेश किए जाने का इरादा है.
दरअसल उनके चुनाव लड़ने की चर्चा तब शुरू हुई जब शुक्रवार को मुख्यमंत्री ने लखनऊ की नगर एवं जिला इकाई की बैठक बुलाने का फैसला किया. इस पर नगर इकाई के पदाधिकारियों ने कहा कि वह उन्हें सरोजनी नगर सीट से चुनाव लड़ने का प्रस्ताव देंगे. फिलहाल इस सीट से सपा के शारदा प्रताप शुक्ला विधायक हैं.
इससे पहले अखिलेश यादव के बुंदेलखंड की किसी सीट से चुनाव लड़ने की चर्चा चली थी. हालांकि उन्होंने तब तस्वीर साफ करते हुए कहा था कि वह तो सूबे की हर सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. उसके बाद अब लखनऊ से उनके चुनाव लड़ने की चर्चा हो रही है.
उल्लेखनीय है कि सपा और कांग्रेस के बीच गठबंधन के तहत इस बार के चुनावों में सपा 298 सीटों और कांग्रेस 105 सीटों पर चुनाव लड़ने जा रही है. इस संबंध में रविवार को अखिलेश यादव और राहुल गांधी रविवार को पत्रकारों से बातचीत करेंगे और गठबंधन पर अपनी राय रखेंगे. उस कार्यक्रम में ये नेता नया चुनावी नारा - 'यूपी को यह साथ पसंद है' - जारी करेंगे, जो कांग्रेस के चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की तरफ से दिया गया है. इस नारे के ज़रिये अखिलेश यादव और राहुल गांधी की जोड़ी को जनता के सामने यूथ आइकॉन के रूप में पेश किए जाने का इरादा है.
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