
मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी
नई दिल्ली:
केंद्रीय निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को पांच राज्यों - असम, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, पुदुच्चेरी और केरल - में विधानसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान कर दिया है। मुख्य निर्वाचन आयुक्त नसीम जैदी ने बताया कि पांचों राज्यों में 4 अप्रैल से 16 मई के बीच मतदान कराया जाएगा, तथा मतगणना का काम सभी राज्यों में एक साथ 19 मई को होगा।
उन्होंने बताया कि असम में दो चरणों में 4 और 11 अप्रैल को मतदान होगा, जबकि केरल, तमिलनाडु और पुदुच्चेरी में एक ही चरण में 16 मई को मतदान कराया जाएगा। पश्चिम बंगाल में कुल छह चरणों में मतदान कराया जाएगा, जिसमें पहले चरण के तहत 4 और 11 अप्रैल को मतदान होगा, जबकि दूसरे चरण में 17 अप्रैल को, तीसरे चरण में 21 अप्रैल को, चौथे चरण में 25 अप्रैल को, पांचवें चरण में 30 अप्रैल को तथा छठे व अंतिम चरण के तहत 5 मई को मतदान होगा।
आदर्श चुनाव आचार संहिता तत्काल प्रभाव से लागू
आदर्श चुनाव आचार संहिता (मॉडल कोड ऑफ कन्डक्ट) तत्काल प्रभाव से लागू हो गई है, और यह राज्य सरकारों के साथ-साथ केंद्र सरकार पर भी लागू होगी।
इन चुनावों में पांच राज्यों की कुल 824 सीटों पर 17 करोड़ से ज़्यादा मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे। केरल में कुल विधानसभा सीटों की संख्या 140 है, जबकि वहां 2.56 करोड़ वोटर हैं। तमिलनाडु में वोटरों की संख्या 5.8 करोड़ है, जो 234 सीटों पर प्रत्याशियों को चुनेंगे। पश्चिम बंगाल की 294 सीटों के लिए 6.55 करोड़ मतदाता वोट डालेंगे, जबकि असम की 126 सीटों पर 1.98 करोड़ वोटर मताधिकार का प्रयोग करेंगे। पुदुच्चेरी में कुल विधानसभा 30 सीटें हैं, जिनके लिए 9.27 लाख मतदाता वोट डालेंगे।
वोट देने के लिए मतदाता सूची में नाम ज़रूरी
मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम ज़ैदी के अनुसार, नामांकन पत्र दाखिल करना शुरू होने से 10 दिन पहले तक मतदाता अपने नाम सूची में जुड़वा सकेंगे। उन्होंने जानकारी दी कि इन राज्यों में कुल सात लाख नाम मतदाता सूचियों से हटा दिए गए हैं, जो या अब नहीं रहे, या फर्ज़ी थे। ज़ैदी के मुताबिक, सभी मतदाताओं को फोटो आईकार्ड दिए गए हैं, लेकिन यह ज़रूरी है कि वोटर का नाम मतदाता सूची में हो, क्योंकि सिर्फ फोटो आईकार्ड होने से वोट देने का अधिकार नहीं मिल सकता।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि वोटरों को तमाम सुविधाएं प्रदान की जाएंगी, और सात आवश्यक सुविधाएं हर सेंटर पर उपलब्ध होंगी। उन्होंने यह भी बताया कि हर राज्य में मॉडल पोलिंग स्टेशन बनाए जाएंगे। वैसे, असम में कुल करीब 25,000 पोलिंग स्टेशन होंगे, जबकि केरल में 21,498, तमिलनाडु में 65,616, पश्चिम बंगाल में 77,247 तथा पुदुच्चेरी में 913 पोलिंग स्टेशन स्थापित किए जाएंगे।
'नोटा' (None Of The Above) का निशान बना
मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम ज़ैदी के अनुसार, इस बार के विधानसभा चुनाव में पहली बार 'नोटा' (None Of The Above) का भी चिह्न (सिम्बल) तैयार किया गया है, जो सभी अन्य प्रत्याशियों के नामों के अंत में रखा जाएगा। इस बार पहली बार इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में सभी प्रत्याशियों की पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न के साथ-साथ तस्वीरें भी दिखाई देंगी।
उन्होंने बताया कि असम में दो चरणों में 4 और 11 अप्रैल को मतदान होगा, जबकि केरल, तमिलनाडु और पुदुच्चेरी में एक ही चरण में 16 मई को मतदान कराया जाएगा। पश्चिम बंगाल में कुल छह चरणों में मतदान कराया जाएगा, जिसमें पहले चरण के तहत 4 और 11 अप्रैल को मतदान होगा, जबकि दूसरे चरण में 17 अप्रैल को, तीसरे चरण में 21 अप्रैल को, चौथे चरण में 25 अप्रैल को, पांचवें चरण में 30 अप्रैल को तथा छठे व अंतिम चरण के तहत 5 मई को मतदान होगा।
आदर्श चुनाव आचार संहिता तत्काल प्रभाव से लागू
आदर्श चुनाव आचार संहिता (मॉडल कोड ऑफ कन्डक्ट) तत्काल प्रभाव से लागू हो गई है, और यह राज्य सरकारों के साथ-साथ केंद्र सरकार पर भी लागू होगी।
इन चुनावों में पांच राज्यों की कुल 824 सीटों पर 17 करोड़ से ज़्यादा मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे। केरल में कुल विधानसभा सीटों की संख्या 140 है, जबकि वहां 2.56 करोड़ वोटर हैं। तमिलनाडु में वोटरों की संख्या 5.8 करोड़ है, जो 234 सीटों पर प्रत्याशियों को चुनेंगे। पश्चिम बंगाल की 294 सीटों के लिए 6.55 करोड़ मतदाता वोट डालेंगे, जबकि असम की 126 सीटों पर 1.98 करोड़ वोटर मताधिकार का प्रयोग करेंगे। पुदुच्चेरी में कुल विधानसभा 30 सीटें हैं, जिनके लिए 9.27 लाख मतदाता वोट डालेंगे।
वोट देने के लिए मतदाता सूची में नाम ज़रूरी
मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम ज़ैदी के अनुसार, नामांकन पत्र दाखिल करना शुरू होने से 10 दिन पहले तक मतदाता अपने नाम सूची में जुड़वा सकेंगे। उन्होंने जानकारी दी कि इन राज्यों में कुल सात लाख नाम मतदाता सूचियों से हटा दिए गए हैं, जो या अब नहीं रहे, या फर्ज़ी थे। ज़ैदी के मुताबिक, सभी मतदाताओं को फोटो आईकार्ड दिए गए हैं, लेकिन यह ज़रूरी है कि वोटर का नाम मतदाता सूची में हो, क्योंकि सिर्फ फोटो आईकार्ड होने से वोट देने का अधिकार नहीं मिल सकता।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि वोटरों को तमाम सुविधाएं प्रदान की जाएंगी, और सात आवश्यक सुविधाएं हर सेंटर पर उपलब्ध होंगी। उन्होंने यह भी बताया कि हर राज्य में मॉडल पोलिंग स्टेशन बनाए जाएंगे। वैसे, असम में कुल करीब 25,000 पोलिंग स्टेशन होंगे, जबकि केरल में 21,498, तमिलनाडु में 65,616, पश्चिम बंगाल में 77,247 तथा पुदुच्चेरी में 913 पोलिंग स्टेशन स्थापित किए जाएंगे।
'नोटा' (None Of The Above) का निशान बना
मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम ज़ैदी के अनुसार, इस बार के विधानसभा चुनाव में पहली बार 'नोटा' (None Of The Above) का भी चिह्न (सिम्बल) तैयार किया गया है, जो सभी अन्य प्रत्याशियों के नामों के अंत में रखा जाएगा। इस बार पहली बार इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में सभी प्रत्याशियों की पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न के साथ-साथ तस्वीरें भी दिखाई देंगी।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
चुनाव आयोग, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, विधानसभा चुनाव, Election Commission, West Bengal, Tamil Nadu, Assembly Polls, असम चुनाव, केरल चुनाव, Assembly Polls 2016