यह ख़बर 16 फ़रवरी, 2012 को प्रकाशित हुई थी

यूपी चुनाव में वर्मा को प्रतिबंधित किया जाए : तृणमूल

खास बातें

  • तृणमूल कांग्रेस के नेता सुल्तान अहमद ने कांग्रेस के इस तर्क को भी खारिज कर दिया कि आदर्श चुनावी आचार संहिता का कोई वैधानिक दर्जा नहीं है।
नई दिल्ली:

‘राजनीतिक षड्यंत्र’ और ‘मुस्लिमों को बेवकूफ बनाने के प्रयास’ का आरोप लगाते हुए संप्रग के सहयोगी तृणमूल कांग्रेस ने केंद्रीय मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा पर उत्तरप्रदेश चुनावों में प्रचार पर प्रतिबंध लगाने की मांग की। तृणमूल कांग्रेस ने पिछड़े मुस्लिमों को कोटा के तहत कोटा देने के कांग्रेस नेताओं के बयान पर आपत्ति जताई है।

तृणमूल कांग्रेस के नेता सुल्तान अहमद ने कांग्रेस के इस तर्क को भी खारिज कर दिया कि आदर्श चुनावी आचार संहिता का कोई वैधानिक दर्जा नहीं है।

अहमद ने कहा, ‘जब दूसरी पार्टियों का मामला आता है तो यह आचार संहिता होता है लेकिन सत्तारूढ़ पार्टी के लिये इसका कोई मायने नहीं है। यह आश्चर्यजनक है। पहले सलमान खुर्शीद ने कहा कि मुस्लिमों को नौ फीसदी आरक्षण दिया जाना चाहिए जबकि सरकार के स्तर पर ऐसा कोई निर्णय नहीं था।’ उन्होंने कहा कि अब बेनी प्रसाद ऐसा कर रहे हैं। उनका मानना है कि मुस्लिम काफी महत्वपूर्ण हैं। ऐसा नहीं होने वाला है। अगर सरकार मुस्लिमों को ऐसा कुछ देने पर गंभीर है तो इसकी घोषणा सरकार के स्तर पर होनी चाहिए।

वर्मा ने कल रात कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह और केंद्रीय कानून मंत्री सलमान खुर्शीद की उपस्थिति में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा था, ‘मुस्लिमों के लिये आरक्षण बढ़ाया जाएगा और अगर चुनाव आयोग चाहे तो वह मुझे नोटिस जारी कर सकता है।’

अहमद से यह पूछने पर कि क्या वह उत्तरप्रदेश चुनावों में वर्मा को प्रतिबंधित करने की मांग करते हैं तो उन्होंने कहा, ‘बिल्कुल। चुनाव आयोग ऐसे नेताओं को प्रतिबंधित कर सकता है। उन्हें (बेनी) राज्य में चुनाव प्रचार करने से प्रतिबंधित कर देना चाहिए। चुनाव आयोग को इसे गंभीरता से संज्ञान में लेना चाहिए। सलमान और बेनी ने चुनाव आदर्श संहिता का उल्लंघन किया है।’ पर्यटन राज्यमंत्री अहमद ने प्रधानमंत्री से मुस्लिम आरक्षण पर स्थिति स्पष्ट करने को भी कहा।

उन्होंने कहा, ‘चूंकि मनमोहन सिंह की सरकार है इसलिए मुस्लिम आरक्षण पर उन्हें बोलना चाहिए । सरकार चुप है जबकि इसके मंत्री बोल रहे हैं।’ बहरहाल उनसे जब पूछा गया कि क्या यही मांग वह खुर्शीद के लिये कर रहे हैं तो अहमद ने ना में जवाब दिया और कहा, ‘कानून मंत्री चुनाव आयोग से माफी मांग चुके हैं।’ उन्होंने जोर देकर कहा कि बेनी प्रसाद वर्मा और सलमान खुर्शीद ‘चुनाव आयोग की बातों पर गौर नहीं कर रहे। चुनाव आयोग को इस बारे में गंभीर होना पड़ेगा।’

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अहमद ने कहा, ‘वे बकवास कर रहे हैं। वे लोगों को मूर्ख बना रहे हैं। अगर सरकार गंभीर है तो इसके पास रंगनाथ मिश्र आयोग और सच्चर आयोग की रिपोर्ट है। वह उनकी अनुशंसाओं को लागू क्यों नहीं करती।’ चुनाव आयोग ने यह पता लगाना शुरू कर दिया है कि कल रात फरूखाबाद की रैली में बेनी प्रसाद वर्मा की अल्पसंख्यकों को कोटे के तहत कोटा देने की टिप्पणी चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन है अथवा नहीं। इसने एक निजी खबरिया चैनल से भी वर्मा की टिप्पणी का टेप मांगा है।