देहरादून:
उत्तराखंड में कांग्रेस की सरकार बनने का रास्ता साफ हो गया है। कांग्रेस की ओर से तीन निर्दलीय विधायकों और उत्तराखंड क्रांति दल (यूकेडी) के एकमात्र विधायक की परेड कराने के बाद राज्यपाल मारग्रेट अल्वा ने कहा कि पार्टी के पास सरकार बनाने लायक संख्या है। कांग्रेस ने औपचारिक तौर पर राज्यपाल के सामने सरकार बनाने का दावा पेश किया।
70 सदस्यीय विधानसभा में सरकार बनाने के जादुई आंकड़े 36 को पाने के लिए पार्टी को चार और विधायकों की जरूरत है, जबकि उसके पास 32 पहले से हैं। ऐसे में पार्टी ने चार विधायकों को राज्यपाल के सामने पेश कर उनका समर्थन होने का दावा किया है। तीन निर्दलीय और एक यूकेडी के विधायक का समर्थन होने की बात परख लेने के बाद अल्वा ने कहा कि वह कांग्रेस को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करेंगी। कांग्रेस की ओर से विधायक दल का नेता चुन लिए जाने के बाद सरकार बनाने के लिए पार्टी को आमंत्रण भेजा जाएगा।
राजभवन में कांग्रेस के आला नेताओं और विधायकों से मुलाकात के बाद अल्वा ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘‘कांग्रेस ने अपना दावा पेश किया है, क्योंकि इसके पास राज्य में नई सरकार बनाने के लिए जरूरी आंकड़ा है। जब कांग्रेस पार्टी अपना नया नेता चुन लेगी, मैं उन्हें सरकार बनाने के लिए आमंत्रण भेजूंगी।’’ कांग्रेस ने जिन तीन निर्दलीय विधायकों को राज्यपाल के सामने पेश किया, उनमें लाल कुआं सीट से हरीश दुर्गपाल, देवप्रयाग सीट से मंत्री प्रसाद नैथानी और टिहरी सीट से दिनेश धनई शामिल हैं, जबकि यूकेडी के एकमात्र विधायक और यमुनोत्री सीट से जीते प्रीतम सिंह पंवार को भी कांग्रेस ने राज्यपाल के सामने पेश किया।
अल्वा ने कहा, ‘‘एक बार कांग्रेस विधायक दल का नेता चुन लिए जाने के बाद शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया जाएगा।’’ कांग्रेस की ओर से राजभवन में जो लोग मौजूद थे, उनमें पार्टी महासचिव चौधरी वीरेंद्र सिंह, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष यशपाल आर्य, विपक्ष की नेता हरक सिंह रावत, वरिष्ठ पार्टी नेता और टिहरी से लोकसभा सदस्य विजय बहुगुणा शामिल हैं। यह सवाल किए जाने पर कि क्या कांग्रेस को विधायक दल का नेता चुने जाने के लिए कोई अंतिम समय सीमा भी दी गई है, इस पर अल्वा ने कहा, ‘‘इस बाबत फैसला करना कांग्रेस पर निर्भर है। यह मेरा काम नहीं है।’’
बाद में वीरेंद्र सिंह ने कहा कि पार्टी ने राज्यपाल को 36 विधायकों का समर्थन पत्र सौंप दिया है। सिंह ने कहा कि पार्टी ने कांग्रेस विधायक दल का नेता चुने जाने की प्रक्रिया पहले ही शुरू कर दी है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पर्यवेक्षकों की एक टीम शनिवार को देहरादून आ रही है, ताकि नए नेता के बारे में नवनिर्वाचित विधायकों की राय ली जा सके।
70 सदस्यीय विधानसभा में सरकार बनाने के जादुई आंकड़े 36 को पाने के लिए पार्टी को चार और विधायकों की जरूरत है, जबकि उसके पास 32 पहले से हैं। ऐसे में पार्टी ने चार विधायकों को राज्यपाल के सामने पेश कर उनका समर्थन होने का दावा किया है। तीन निर्दलीय और एक यूकेडी के विधायक का समर्थन होने की बात परख लेने के बाद अल्वा ने कहा कि वह कांग्रेस को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करेंगी। कांग्रेस की ओर से विधायक दल का नेता चुन लिए जाने के बाद सरकार बनाने के लिए पार्टी को आमंत्रण भेजा जाएगा।
राजभवन में कांग्रेस के आला नेताओं और विधायकों से मुलाकात के बाद अल्वा ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘‘कांग्रेस ने अपना दावा पेश किया है, क्योंकि इसके पास राज्य में नई सरकार बनाने के लिए जरूरी आंकड़ा है। जब कांग्रेस पार्टी अपना नया नेता चुन लेगी, मैं उन्हें सरकार बनाने के लिए आमंत्रण भेजूंगी।’’ कांग्रेस ने जिन तीन निर्दलीय विधायकों को राज्यपाल के सामने पेश किया, उनमें लाल कुआं सीट से हरीश दुर्गपाल, देवप्रयाग सीट से मंत्री प्रसाद नैथानी और टिहरी सीट से दिनेश धनई शामिल हैं, जबकि यूकेडी के एकमात्र विधायक और यमुनोत्री सीट से जीते प्रीतम सिंह पंवार को भी कांग्रेस ने राज्यपाल के सामने पेश किया।
अल्वा ने कहा, ‘‘एक बार कांग्रेस विधायक दल का नेता चुन लिए जाने के बाद शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया जाएगा।’’ कांग्रेस की ओर से राजभवन में जो लोग मौजूद थे, उनमें पार्टी महासचिव चौधरी वीरेंद्र सिंह, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष यशपाल आर्य, विपक्ष की नेता हरक सिंह रावत, वरिष्ठ पार्टी नेता और टिहरी से लोकसभा सदस्य विजय बहुगुणा शामिल हैं। यह सवाल किए जाने पर कि क्या कांग्रेस को विधायक दल का नेता चुने जाने के लिए कोई अंतिम समय सीमा भी दी गई है, इस पर अल्वा ने कहा, ‘‘इस बाबत फैसला करना कांग्रेस पर निर्भर है। यह मेरा काम नहीं है।’’
बाद में वीरेंद्र सिंह ने कहा कि पार्टी ने राज्यपाल को 36 विधायकों का समर्थन पत्र सौंप दिया है। सिंह ने कहा कि पार्टी ने कांग्रेस विधायक दल का नेता चुने जाने की प्रक्रिया पहले ही शुरू कर दी है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पर्यवेक्षकों की एक टीम शनिवार को देहरादून आ रही है, ताकि नए नेता के बारे में नवनिर्वाचित विधायकों की राय ली जा सके।
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