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उत्तराखंड में सत्ताधारी भाजपा और कांग्रेस के बीच सांप-सीढ़ी का खेल चल रहा है और अब तक राज्य की मौजूदा सियासी तस्वीर साफ नहीं हो सकी है।
कांग्रेस को 2007 के मुकाबले 10 सीटों का लाभ होता दिखाई दे रहा है, जबकि भाजपा को छह सीटों का नुकसान हुआ है। शेष चार सीटों का नुकसान बसपा ने उठाया है, जो सिर्फ चार सीटों पर आगे चल रही है। यूकेकेडी एक सीट पर आगे है, और उसे दो सीटों का नुकसान है। पांच सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार बढ़त बनाए हुए हैं।
मुख्यमंत्री बीसी खंडूरी कोटद्वार में बढ़त बना चुके हैं। इससे पहले वह कांग्रेस उम्मीदवार सुरेंद्र सिंह नेगी से पीछे चल रहे थे। भाजपा की राज्य इकाई के अध्यक्ष बिशन सिंह चुफल डीडीहाट विधानसभा क्षेत्र से आगे चल रहे हैं।
कांग्रेस नेता और केंद्रीय मंत्री हरीश रावत ने हालांकि कहा कि उत्तराखंड में कुछ कठिनाई के बावजूद उनकी पार्टी स्पष्ट बहुमत हासिल कर लेगी, लेकिन रुझानों से साफ है कि भाजपा और कांग्रेस में कांटे की टक्कर है। उधर, रावत ने कहा, ‘‘जहां तक मुख्यमंत्री पद का सवाल है, इसका फैसला पार्टी करेगी। परंतु मुझे पूरा विश्वास है कि उत्तराखंड में कांग्रेस सरकार बनाएगी। हम अच्छे अंतर से जीत दर्ज करेंगे और सरकार बनाएंगे।’’
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