यह ख़बर 08 जनवरी, 2012 को प्रकाशित हुई थी

आलोचनाओं के बाद गडकरी ने स्वीकारा कुशवाहा का प्रस्ताव

खास बातें

  • कुशवाहा को पार्टी में शामिल करने के बाद चारों ओर से आलोचनाओं का शिकार हो रहे गडकरी ने कुशवाहा का प्रस्ताव औपचारिक तौर पर स्वीकार कर लिया।
नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा को पार्टी में शामिल करने के बाद चारों ओर से आलोचनाओं का शिकार हो रहे भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी ने कुशवाहा का प्रस्ताव औपचारिक तौर पर स्वीकार कर लिया।

कुशवाहा ने अपने प्रस्ताव में कहा था कि जब तक वह खुद के खिलाफ लगे ‘दुर्भावनापूर्ण’ आरोपों से पाक-साफ करार नहीं हो जाते, उनकी पार्टी की सदस्यता निलंबित रखी जाए।

पार्टी के प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने बताया, ‘भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी ने कुशवाहा के इस आग्रह को स्वीकार कर लिया है कि जब तक अपने खिलाफ लगे आरोपों के मामले में वह पाक-साफ करार नहीं हो जाते, तब तक उनकी पार्टी सदस्यता निलंबित रखी जाए।’ गडकरी को लिखे एक पत्र में कुशवाहा ने आग्रह किया था कि उनकी पार्टी की सदस्यता निलंबित रखी जाए क्योंकि उनके खिलाफ लगे ‘दुर्भावनापूर्ण आरोपों’ का इस्तेमाल भाजपा पर हमला बोलने में किया जा रहा है।

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कुशवाहा ने इस पत्र में लिखा था, ‘मैं नहीं चाहता कि मेरे खिलाफ लगे दुर्भावनापूर्ण आरोपों के परिणामस्वरूप, भाजपा को किसी भी अनावश्यक विवाद का निशाना बनाया जाए। इसलिए, जब तक मेरे खिलाफ लगे आरोपों का उचित तौर पर निपटारा नहीं हो जाता, मैं भाजपा की अपनी सदस्यता को निलंबित रखूंगा।’