यह ख़बर 07 दिसंबर, 2013 को प्रकाशित हुई थी

क्या सोनिया गांधी अब और सक्रिय भूमिका निभाएंगी?

नई दिल्ली:

यदि कांग्रेस को विधानसभा चुनावों में एग्जिट पोल के अनुमानों के मुताबिक 0-4 से करारी शिकस्त मिलती है, तो फिलहाल नेपथ्य में मौजूद सोनिया गांधी फिर से अग्रिम मोर्चे पर आ सकती हैं।

पार्टी सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस के गलियारों में चर्चा है कि चुनावों का इस तरह का नतीजा (मिजोरम को छोड़कर) आने पर बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं। उन्होंने बताया कि चुनावों में शिकस्त मिलने से सोनिया लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर पार्टी को तैयार करने के लिए कहीं अधिक सक्रिय भूमिका निभा सकती हैं। विधानसभा चुनावों में यह जिम्मेदारी उन्होंने अपने बेटे राहुल गांधी को दी थी।

बदलावों का असर संगठन और सरकार दोनों पर दिखने की उम्मीद है। वहीं कई मंत्रियों को ऐसे समय में संगठनात्मक कार्यों में लगाए जाने की संभावना है, जब लोकसभा चुनाव महज पांच महीने दूर हैं। ठीक इसी वक्त यह महसूस किया जा रहा है कि दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के चुनावों में पार्टी के खिलाफ 0-4 से शिकस्त मिलने का मतलब यह होगा कि देश में यूपीए विरोधी लहर है।

हालांकि, यह भी माना जा रहा है कि 3-1 से जीत मिलने पर पार्टी थोड़ी राहत की सांस लेगी। वहीं, चुनाव मुकाबले में 2-2 का नतीजा आने से कांग्रेस और आक्रामक हो जाएगी और वह संगठन को मजबूत करेगी। इसे भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के लिए एक झटके के तौर पर देखा जाएगा, जो इसके स्टार प्रचारक हैं।

कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि यदि पार्टी का प्रदर्शन खराब रहता है, तो इसके लिए केंद्रीय मंत्रियों सहित पार्टी नेताओं के एक धड़े के अहम को जिम्मेदार ठहराए जाने की जरूरत है।


Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com