कांग्रेस महासचिव दिग्जिवय सिंह का कहना है कि प्रधानमंत्री पद के लिए पार्टी को अब राहुल गांधी के नाम का ऐलान कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनावों में पार्टी की हार की समीक्षा होगी। एनडीटीवी से उन्होंने विस्तार से बात की...
मनोरंजन भारती − विधानसभा चुनाव में क्या हुआ... इसपर बात करने के लिए हमारे पास कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह मौजूद हैं... सर, मैं दुविधा में हूं, पहले मैं हार के बारे में पूछूं या बेटे की बड़ी जीत के बारे में...
दिग्विजय − मैंने पहले कहा था कि अगर जीत होती है तो मैं टीवी पर नहीं आऊंगा और अगर हार होती है तो टीवी पर आउंगा और अब जब हार हुई है तो मैं आपके सामने टीवी पर आया हूं। जहां तक पार्टी का सवाल है मुझे बेहद दुख है क्योंकि मुझे उम्मीद नहीं थी कि ये नतीजे आएंगे। ये तो लग रहा था कि काफी़ नाराज़ग़ी है भाजपा का एमएलए एमपी के प्रति और उसका नतीजा हम लोगों के पक्ष में जाएगा।
मनोरंजन भारती − 30 में से 10 मंत्री हारे हैं...
दिग्विजय − लेकिन है वही कि जिस व्यक्ति ने, जिस कांग्रेस के प्रति नाराज़गी को मशीन में ले जाने में सफल हो गया वो जीत गया और जहां तक जयवर्धन की बात आप कर रहे हैं आप तो खुद गए थे और देखा था आपने जयवर्धन पिछले तीन महीने से गांव-गांव घूम रहा था। तो ये जीत भी उसी की है। इसमें मेरा कोई योगदान नहीं है। मैंने तो 1 दिन में 4-5 मीटिंग ही वहां की थीं। मैंने उसमें कोई योगदान नहीं दिया है। तो कहने का मतलब मेरा ये है कि जयवर्धन ने पूरे 3 महीने में अपनी पढ़ाई पूरी करके 58 हज़ार से जीत सकता है तो दूसरे उम्मीदवार क्यों नहीं जीत पाए।
मनोरंजन भारती − कुछ लोगों ने मुझे भोपाल में कहा कि कांग्रेस के जो नेता हैं वो प्रवासी पक्षी हैं... जो चुनाव के समय भोपाल से झील में आते हैं और चुनाव के बाद चले जाते हैं आप क्या कहेंगे।
दिग्विजय − मैं यही कहूंगा कि जहां तक दिग्विजय सिंह का सवाल है ना उसके पास मंत्री पद है, ना एमपी है, ना एमएलए है, तो उसको जो जवाबदारी कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, गोआ की दी हुई है उससे पहले यूपी की दी हुई थी। वहीं मैं घूमता रहता हूं और आप तो जानते हैं मनोरंजन जी कि मैं दिल्ली में रहना कभी पसंद नहीं करता हूं।
मनोरंजन भारती − सर, आपको लगता है कि आपका वोट इफेक्ट मध्य प्रदेश के लिए भारी पड़ गया या मध्य प्रदेश कांग्रेस के लिए जब आपने एक ठाकुर अंदाज़ में कहा कि 10 साल कोई पद नहीं लूंगा फिर वो मध्य प्रदेश हाथ से चला ही गया।
दिग्विजय − ऐसा नहीं है उस समय सारे कांग्रेस के लोग यही कह रहे थै कि मैने ही हरवाया है मैंने ही दुर्गति मध्य प्रदेश की की है जो मैने कहा कि 10 साल हम दूसरे जगह काम कर के देखेंगे।
मनोरंजन भारती − आखिर इतना एंटी इनकम्वेंसी था गुना ग्वालियर रुट देख लीजिए हमने भी लोगों से बातचीत की क्या लोगों का मूड नही पकड़ पाए आप लोग या डिवीडेंड हाउस रहे..
दिग्विजय सिंह − मैंने आपसे कहा ना जिस कैंडिडेट ने भाजपा खिलाफ नराजगी को ईवीएम में उतार दिया वो जीत गया और जो हवा में रहा वह हवा में रह गया।
मनोरंजन भारती − एक तरफ शिवराज सिंह चौहान एक तरफ आप, ज्योतिरादित्य, कमलनाथ, बहुरियां तो क्या बहुत सारे सिर हो गए थे इसलिए लोग कंफ्यूज हो गए थे?
दिग्विजय सिंह− वहां तो ये कहा जा रहा है कि मोदी की वजह से हारी है कांग्रेस।
मनोरंजन भारती − आपको हराने के लिए मोदी की जरूरत ही नहीं है मेरा ये मानना है…. आपके अंदर इतना कंट्राडिक्शन है आप देखिये छत्तीसगढ़ में जोगी बनाम चरणदास आप राजस्थान देखिये जोशी बनाम गहलोत … गहलोत के होते हुए जोशी को चैयरमेंन कमेटी के अध्यक्ष बनाते हैं तो जो इतना कंफ्यूजन हुआ दिल्ली में देख लीजिए शीला दीक्षित कहती हैं कि पार्टी मेरे साथ नहीं रही सबको मालूम था कि यहां मोदी का फेक्टर कहां से आ गया मेरा तो उल्टा मानना है कि...
दिग्विजय सिंह − ... इसलिए मैं आपसे कह रहा हूं कि आपका कोई ऐसेसमेंट है कि कांग्रेस अपनी वजह से हारी है मोदी का फेक्टर नहीं रहा है यही कहना चाहते हैं ना आप...
मनोरंजन भारती − जी... जी... यही मेरा कहना है...
दिग्विजय सिंह− ठीक है
मनोरंजन भारती − तो इसपे आप टिप्पणी नहीं करेंगे क्या..
दिग्विजय सिंह − अब अपना अपना एसेसमेंट है इसमें मैं क्या टिप्पणी करूं...
मनोरंजन भारती− आपका क्या एसेसमेंट हैं आप बताइए..
दिग्विजय सिंह− मेरा तो यही एसेसमेंट है कि जिस कैंडिडेट ने भाजपा का प्रति नाराजगी को ईवीएम मशीन पर पहुंचा दिया है जिसने अपना चुनाव ऑर्गेनाइज कर दिया है वो जीत गया और जिसने नही किया वो हार गया।
मनोरंजन भारती− तो अब पार्टी में कुछ थिकिंग हो रहा है मैडम ने आके बोला की प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार ये तो दूसरा बार हो रहा है पिछली बार कहा था इस बार भी कहा तो क्या करेंगी... कोई आपॅशन है कुछ ज्यादा...
दिग्विजय सिंह − अब इस बात में तो मैं इतना ही कह सकता हूं कि जो आपने सुना उतना मैंने सुना और सोनिया जी क्या निर्णय लेती है उनपर निर्भर करता है।
मनोरंजन भारती − क्या सोनिया जी को खुद और आगे आना पड़ेगा...
दिग्विजय सिंह − सोनिया आगे तो है ही... आगे वही हैं.. अध्यक्ष वही हैं।
मनोरंजन भारती− तो उपाध्यक्ष कब तक सीखेंगे मेरा मतलब...
दिग्विजय सिंह − नहीं सीखनी नहीं है वो तो ऐसे है कि पिछले चार-पांच साल से जनरल सेक्रेट्री इनचार्ज हैं। पहले यूथ कांग्रेस में अब वाइस प्रेसिडेंट हैं पार्टी के काम कर ही रहे हैं देख ही रहे हैं और लोगों से मिल भी रहे हैं। जगह-जगह जा करके उन्होने सेकेंड और थर्ड टियर लिडरशिप है …उन्होने संपर्क साधा है आज कौन-कौन लीडर कहां है सारी जानकारी उनके पास है।
मनोरंजन भारती − क्या कोई टिकट बंटवारे में फाल्ट है।
दिग्विजय सिंह − एक ही फाल्ट है कि एंटी कमेटी रिपोर्ट जो आई थी जिस में से कम से कम 3 से 6 महीने पहले टिकट देना चाहिए अगर वो हो जाए तो आधी प्रॉबलम ऐसे ही सोल्व हो जाएगी।
मनोरंजन भारती− लोग अब मजाक करने लगे है कि 2014 छोड़ दीजिए 2024 की बात करते हैं...
दिग्विजय सिंह − ये आप कहते हैं...
मनोरंजन भारती − नहीं, लोग कहते है आपके एलीज भी बोलने लगे हैं उमर ने ट्वीट कर दिया की राहुल गांधी की रैली में कम भीड़ चिंता का विषय है शरद पवार ने कह दिया की झोला छाप लोग पार्टी में हावी हो चुके हैं आप और हम जानते है कि किधर इशारा है आपके क्या लगता है कलेक्टिव मेजर क्या है क्या शरद पवार आपकी बात से सहमत हैं...।
दिग्विजय सिंह − नहीं, मेरी बात नहीं हो पाई शरद पवार जी से… शरद पवार जी तो सरकार में है और अगर सरकार में रहते हुए उन्होंने कहीं महसूस किया है कि कहीं कोई कमी रही हो उनको अपनी बात कहनी चाहिए कैबिनेट में माननीय प्रधानमंत्री जी से..
मनोरंजन भारती − दिल्ली में आपको अंदाजा था की शीला दीक्षित इतनी बुरी तरह से हारेंगी...
दिग्विजय सिंह − नही मुझे कोई अंदाजा नहीं था...
मनोरंजन भारती − तो आपको लगता है कि आम आदमी पार्टी एक फेनोमेनन बन के उभरी है...
दिग्विजय सिंह − मैं तो इसको अच्छा संकेत मानता हूं और मैं तो अरविंद केजरीवाल जी जब एजीटेशन कर रहे थे तो मैने तो कुल कर के कहा था कि आप आइए हिम्मत करिए पॉलिटिकल एरेना में आइए, इलक्टोरल पॉलिटिक्स मैं आइए और वो आए सफल हुए मैं तो उन्हे बधाई देता हूँ।
मनोरंजन भारती − सर, पवार ने कहा कि दिल्ली बहुत पेम्पर्ड स्टेट है सब कुछ दिल्ली को चाहिए एम्स भी चाहिए कोई गेम्स भी हो वो भी चाहिए.. स्टेडियम भी चाहिए … सस्ता पानी भी चाहिए .. सस्ता बिजली भी चाहिए तो उनका कहना है कि केजरीवाल जो बड़े वादे कर रहे है वो उसे पूरा नहीं कर पाएंगे
दिग्विजय सिंह − अब केजरीवाल जी बनेंगे तो उसके बाद ही कर पाएंगे...
मनोरंजन भारती − क्या आपको लगता है कि दोबारा चुनाव होता है तो शीला दीक्षित को दोबारा खड़ा होना चाहिए इतनी बड़ी हार के बाद...
दिग्विजय सिंह− ये पार्टी तय करेगी...
मनोरंजन भारती − छत्तीसगढ़ आपने कहा था मुझे एक इंटरव्यू में कि छत्तीसगढ़ आपके दिल के बहुत करीब है.. वहां क्या हुआ जीतते जीतते हार कैसे गए...
दिग्विजय सिंह − अगर आप वोटिंग परसेंटेज देखें तो...
मनोरंजन भारती − तो बढ़ी है...
दिग्विजय सिंह − बराबर है...
मनोरंजन भारती − बराबर है थोड़ा सा अंतर है...
दिग्विजय सिंह − अंतर भी नही रहा 41−41 हो गया है दोनों का… अब तो कुछ सीटों पर कमी रह गई है।
मनोरंजन भारती − राजस्थान तो गया...
दिग्विजय सिंह − राजस्थान में हमारी काफी बड़ी हार हुई है...
मनोरंजन भारती − तो अब क्या अभी विचार हो रहा है.. पार्टी में कुछ चिंता है कुछ ये है कि 2014 में क्या होगा मोदी वेव तो लोग कहते ही हैं...
दिग्विजय सिंह − अब मंथन हो रहा है चिंतन हो रहा है लेकिन आप तो स्वयं कह रहे हैं कि मोदी वेव तो थी ही नहीं...
मनोरंजन भारती − मैं तो आपके अंदरूनी कलह के वजह से कहा कि आपको हराने के लिए किसी मोदी की जरूरत नहीं है लेकिन लोक सभा चुनाव में तो मोदी वेव होगा ना...
दिग्विजय सिंह − कोई लहर नहीं है… मोदी कोई नहीं है केवल एक अच्छा प्रचार तंत्र उनके पास है जो हवा बाज़ी कर रहा है… मुझे नहीं लगता है कि कहीं कोई असर है...
मनोरंजन भारती − 127 साल पुरानी पार्टी के पास नहीं है क्या...
दिग्विजय सिंह − क्या...
मनोरंजन भारती − प्रचार तंत्र...
दिग्विजय सिंह − प्रचार तंत्र में हम लोग थोड़ा कमजोर पड़ रहे हैं...
मनोरंजन भारती − या आप अकेले लड़ रहे हैं...
दिग्विजय सिंह − मैं जो हूँ आपके सामने हूँ...
मनोरंजन भारती − अच्छा एक आंध्र के संसद ने नो कॉन्फिडेंस मोशन मूव कर दिया है अब क्या होगा लोकसभा में अगर नो कॉन्फिडेंस मोशन आ गया तो...
दिग्विजय सिंह − इस पर बातचीत चल रही है और कहा जा रहा है कि आप इसको जल्दी विदड्रॉ कर लीजिए...
मनोरंजन भारती− एक अंतिम सवाल मैडम ने कहा कि प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करेंगे… क्या राहुल गांधी ही होंगे कोई और तो है नहीं...
दिग्विजय सिंह − अब ये तो मैडम के ऊपर निर्भर करता है… कांग्रेस प्रेसिडेंट पर डिपेंड करता है… लेकिन आम कांग्रेस की जो जन भावना है वो यही है कि राहुल गांधी को ही आना चाहिए मैदान में।
मनोरंजन भारती − आपका बहुत बहुत धन्यवाद...
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