मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने लगातार तीसरी जीत दर्ज कर हैट्रिक बनाकर नया इतिहास रचा है। यह पहला मौका है जब किसी गैर कांग्रेसी दल ने लगातार तीसरी जीत दर्ज की हो। भाजपा ने 165 स्थानों पर जीत हासिल कर ली है।
राज्य के 230 विधानसभा क्षेत्रों में से भाजपा पिछले चुनाव से कहीं ज्यादा 165 स्थानों पर जीत हासिल कर चुकी है। वहीं प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस पिछले चुनाव के आंकड़े 71 से भी नीचे पहुंच गई है। कांग्रेस ने 58 स्थानों पर जीत हासिल की है।
राज्य विधानसभा चुनाव की मतगणना के शुरुआती दौर से ही भाजपा ने बढत ले ली थी और यह सिलसिला आगे बढता गया। राज्य के सभी हिस्सों बुंदेलखंड, विंध्य, चंबल, महाकौशल, मालवा, निमांड व मध्य में भाजपा कांग्रेस से आगे ही रही है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपनी परंपरागत सीट बुदनी से 84 हजार से ज्यादा मतों के अंतर से जीत हासिल करने के अलावा विदिशा से लगभग 17 हजार मतों के अंतर से जीत दर्ज की है। राज्य सरकार के मंत्री बाबू लाल गौर गोविंदपुरा से, अर्चना चिटनीस बुरहानपुर, रहली से गोपाल भार्गव, दमोह से जयंत मलैया, देवास से तुकोजीराव पंवार, महू से कैलाश विजयवर्गीय चुनाव जीत गए हैं।
भाजपा के कद्दावर नेताओं में शिवपुरी से यशोधरा राजे सिंधिया, ग्वालियर पूर्व से माया सिंह, मध्य से जयभान सिंह पवैया, खुरई से भूपेंद्र सिंह को अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी को शिकस्त देने में सफलता मिली है।
भाजपा के लिए नौ मंत्रियों का हारना बड़ा झटका माना जा रहा है। ताकतवर मंत्रियों में शुमार करने वाले मंत्रियों में सिरोज से लक्ष्मीकांत शर्मा, पाटन से अजय विश्नोई भितरवार से अनूप मिश्रा, राजनगर से मंत्री रामकृष्ण कुसमारिया, पवई से बृजेंद्र प्रताप सिंह, जतारा से हरिशंकर खटीक, इच्छावर से करण सिंह वर्मा, बमौरी से केएल अग्रवाल और चितरंगी से जगन्नाथ सिंह भी चुनाव हार गए हैं। भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष उमा भारती के भतीजे राहुल सिंह को खरगापुर से पराजय का सामना करना पड़ा है।
वहीं कांग्रेस के प्रमुख नेता अजय सिंह चुरहट से, पूर्व मंत्री सत्यदेव कटारे अटेर से, कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन सिंह राघौगढ से जीत गए हैं। मुंगावली से महेंद्र सिंह कालूखेडा, भोपाल मध्य से आरिफ अकील ने जीत दर्ज की है। कांग्रेस के कद्दावर नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी भोजपुर से चुनाव हार गए हैं।
राज्य के 230 विधानसभा क्षेत्रों के लिए 51 जिलों में सुबह आठ बजे मतगणना का काम शुरू हो गया। शुरुआत डाक मतपत्रों की गणना से हुई। डाक मतपत्रों में भाजपा उम्मीदवारों को बढ़त मिली और ईवीएम की गिनती में भी भाजपा की बढ़त बनी रहीं।
इस मतगणना के कार्य में 20 हजार से ज्यादा अधिकारी व कर्मचारी लगे रहे। आब्जर्वर और माइक्रो आब्र्जवर भी तैनात किए गए। विधानसभा चुनाव में कुल 2583 उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे। इसमें पुरुष 2383 और 200 महिलाएं थी।
रविवार की सुबह से ही राज्य में गहमा गहमी का माहौल रहा। राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता सुबह से ही अपने-अपने उम्मीदवारों के साथ मतगणना स्थल पर पहुंच गए थे। वहीं कई बड़े नेता अपने आवास पर ही रहकर मतगणना पर नजर रखे रहे।
भाजपा को सफलता मिलते ही पार्टी कार्यालय का नजारा बदल गया। मुख्यमंत्री आवास पर भी कार्यकर्ताओं ने पहुंचकर खुशी का इजहार किया और ढोल नगाडों की थाप पर नाच गाकर जीत का जश्न मनाया।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं