राजस्थान में कांग्रेस ने टिकट बांटने में जो दांव खेला था वही चुनाव में उल्टा पड़ता दिखाई दिया। पार्टी ने दागी नेताओं के परिवार के सदस्यों को चुनाव में प्रत्याशी बनाया और जनता ने उन्हें नकार दिया।
नर्स भंवरी देवी के अपहरण और हत्या मामले में आरोपी और जेल में बंद महिपाल मदेरना की पत्नी लीला मदेरना को चुनाव में टिकट दिया गया था। इसी तरह इसी मामले में दूसरे आरोपी विधायक मलखान सिंह विश्नोई की मां अमरी देवी और एक 35 वर्षीया महिला के साथ दुष्कर्म और हमले के आरोप में जेल में बंद बाबूलाल नागर के भाई हजारीलाल नागर को प्रत्याशी बनाया गया था। ये सभी प्रत्याशी चुनाव में पराजित हुए हैं।
पिछले विधानसभा चुनाव 2008 में 102 सीटें जीतने वाली कांग्रेस को राज्य में अब तक की सबसे शर्मनाक पराजय का सामना करना पड़ा है।
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