दिल्ली विधानसभा चुनावों में लगातार तीन बार राज्य की मुख्यमंत्री रहीं कांग्रेस नेता शीला दीक्षित को बाहर का रास्ता दिखाने वाले अरविंद केजरीवाल राज्य के सातवें मुख्यमंत्री के तौर पर पदभार ग्रहण करने जा रहे हैं।
45 वर्ष की उम्र में यह पदभार ग्रहण करने वाले केजरीवाल दिल्ली के सबसे युवा मुख्यमंत्री होंगे, जबकि उनकी पूर्ववर्ती शीला दीक्षित के नाम भी यह रिकॉर्ड दर्ज है कि वह देश में सबसे लंबे कार्यकाल तक मुख्यमंत्री पद पर रहने वाली महिला हैं।
कांग्रेस नेता चौधरी ब्रह्मप्रकाश के नेतृत्व वाली मंत्रियों की परिषद के साथ 7 मार्च, 1952 को दिल्ली राज्य विधानसभा अस्तित्व में आई थी। वर्ष 1955 तक वह इस पद पर बने रहे। 1952 की विधानसभा में कुल 48 सदस्य थे। प्रकाश के बाद पार्टी सहयोगी जीएन सिंह इस पद पर आसीन हुए, जो 1956 तक दिल्ली के मुख्यमंत्री रहे। हालांकि इसके बाद वर्ष 1956 में दिल्ली को केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया, जो वर्ष 1993 तक जारी रहा।
1993 में यहां फिर विधानसभा चुनाव हुए, जिसमें भाजपा के सिर पर जीत का सेहरा बंधा और मदनलाल खुराना इसके मुख्यमंत्री बने। इस दौरान पांच सालों के कार्यकाल में खुराना तीन सालों तक मुख्यमंत्री रहे। उनके बाद वर्ष 1996 में पार्टी सहयोगियों - साहिब सिंह वर्मा (1996-1998) और सुषमा स्वराज को मुख्यमंत्री पद का दायित्व सौंपा गया। हालांकि सुषमा स्वराज का कार्यकाल एक महीने से कुछ ही अधिक समय तक रहा, जिसके बाद यहां दोबारा चुनाव हुए।
इसके बाद 1998 से लेकर 2013 के बीच लगातार तीन बार यहां कांग्रेस की सरकार बनने के साथ ही शीला दीक्षित मुख्यमंत्री रहीं। हालांकि इस वर्ष दिसंबर में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को करारी शिकस्त झेलनी पड़ी और उसकी झोली में केवल आठ सीटें ही आईं।
इन चुनावों में भाजपा 31 सीटों पर जीत के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी, लेकिन उसने पूर्ण बहुमत न होने का हवाला देते हुए सरकार बनाने से इनकार कर दिया था। इसके बाद दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग ने 28 विधायकों के साथ दूसरी सबसे बड़ी पार्टी रही 'आप' को सरकार बनाने का न्योता दिया था।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं