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नरेंद्र सैनी

डिप्टी एडिटर
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साल 2000 से पत्रकारिता में सक्रिय. दैनिक जागरण, अमर उजाला और इंडिया टुडे से होते हुए एनडीटीवी तक का सफर किया तय. सिनेमा से लेकर साहित्य तक पर लेखन. किस्सागोई का शौक. एक दर्जन किताबों का अंग्रेजी से हिंदी अनुवाद. लेखक- इश्क की दुकान बंद है (कहानी संग्रह).